महाराष्ट्र में एनसीपी नेता अजित पवार के सरकार में शामिल होने के बाद इस बात के कयास अब और ज्यादा लगाए जाने लगे हैं कि क्या महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री भी बदला जा सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के साथ अजित पवार के आने से एकनाथ शिंदे गुट की ताकत कुछ कमजोर होगी। दरअसल, राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कुछ समय से महाराष्ट्र के भीतर यह चर्चा हो रही थी कि जैसे ही अजीत पवार महाराष्ट्र सरकार में शामिल होंगे, उसके बाद कुछ और बड़े सियासी उलटफेर हो सकते हैं। मुख्यमंत्री बदलने की आशंका पर भारतीय जनता पार्टी के ही कुछ नेता और मंत्री लगातार यह कहते आए हैं कि राज्य की सबसे बड़ी पार्टी के नेता देवेंद्र फडणवीस को लोग बतौर मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं। अब जब एनसीपी के अजित पवार के नौ विधायक मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं तो इस बात को और ज्यादा बल मिल गया हैं कि प्रदेश की सियासत में अगले कुछ दिन सियासी रूप से और महत्वपूर्ण हैं। महाराष्ट्र में एनसीपी के नेता अजित पवार के सरकार में शामिल होने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री भी बदला जा सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अजित पवार के आने से एकनाथ शिंदे गुट की ताकत कुछ कम होगी। ऐसी दशा में भारतीय जनता पार्टी राज्य में सत्ता के पावर बैलेंस करने के लिए सिर्फ एकनाथ शिंदे गुट पर निर्भर नहीं रहेगी। लेकिन इस बात को लेकर चर्चाएं तो हो रही हैं लेकिन अभी इसमें एक महत्वपूर्ण पेंच यह फंस रहा है कि क्या अजित पवार के साथ एकनाथ शिंदे गुट के बराबर विधायक आए हैं या नहीं।
खतरे में शिंदे की कुर्सी
