कर्नाटक में सत्ता पक्ष कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल भाजपा में फिर सियासी कलह जमीन पर नजर आने लगी है और वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ मुहिम उफान पर है। सहकारिता मंत्री के.एन. राजन्ना ने यह दावा करके अटकलों को हवा दी कि सितम्बर के बाद राज्य में बड़े बदलाव होंगे, जिससे कांग्रेस के भीतर अंदरूनी कलह की अफवाहों को बल मिला। राजन्ना ने कहा कि वह राज्य कांग्रेस अध्यक्ष की भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं, जो वर्तमान में उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के पास है। उन्होंने अपने मंत्री पद से इस्तीफा देने की इच्छा भी जताई थी। इससे राजनीतिक गलियारे में उबाल आ गया है और मुख्यमंत्री एन. सिद्धारमैया के खिलाफ चल रही मुहिम तेज हो गई है। कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर सीएम की इच्छा के खिलाफ जातिगत जनगणना पुनः करवाने का फैसला और एक पखवाड़े के भीतर तीसरी बार मुख्यमंत्री का दिल्ली प्रवास को लेकर माना जा रहा है कि पार्टी में गुटबाजी चरम पर है और जल्द ही प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन भी हो सकता है।
पार्टी सूत्रों की मानें तो प्रदेश प्रभारी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार नेतृत्व परिवर्तन के साथ ही कैबिनेट फेरबदल के पक्ष में हैं लेकिन इसके लिए सीएम तैयार नहीं हैं। इस बीच पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कोई भी आलाकमान के निर्णय की भविष्यवाणी नहीं कर सकता है। यह आलाकमान के हाथ में है। कोई नहीं कह सकता कि क्या चल रहा है। यदि कोई निर्णय लिया जाना है तो वह आलाकमान द्वारा लिया जाएगा। इसके बाद से राजनीतिक गलियारों में चर्चा जोरों पर है कि राज्य का राजा बदला जा सकता है।