असम प्रदेश भाजपा से पार्टी आलाकमान खासा नाराज बताया जा रहा है। कारण है 23 जरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में अपेक्षित भीड़ न जुट पाना। जानकारों का दावा है कि पीएम की इस सभा में प्रदेश भाजपा के तमाम प्रयासों और राज्य सरकार के पूरे सहयोग के बाद भी मात्र पचास हजार के करीब लोग ही सभा स्थल में मौजूद थे। इस सभा का राज्य सरकार ने जमकर प्रचार किया था। गरीब तबके के असमी लोगों को जमीन आवंटन के पट्टे देने के लिए स्वयं प्रधानमंत्री का आना एक बड़ी उपलब्धि बताई गई थी। यह कार्यक्रम ऊपरी असम की नाराज जनता को लुभाने का प्रयास था, जहां नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भाजपा बैकफुट पर है। दूसरी तरफ निचले असम में अगले ही दिन आयोजित गृहमंत्री अमित शाह की जनसभा खासी सफल रही। इसमें करीब 3 लाख लोग मौजूद थे। पार्टी सूत्रों का दावा है कि पीएम की रैली में कम भीड़ से नाराज पार्टी आलाकमान जल्द ही असम प्रदेश भाजपा में बदलाव करने पर विचार कर रहा है।
असम में बैकफुट पर भाजपा
