उत्तराखण्ड के मुखिया त्रिवेंद्र रावत आजकल परेशान बताए जाते हैं। परेशानी की वजह भी उनके अपने ही हैं। सियासी गलियारों में चर्चा है कि त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल के सदस्य ही उनकी परेशानी की बड़ी वजह हैं। मुखिया के मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने अब अपनी नई रणनीति बना ली है। जो मामले वे मुखिया से निपटाने में सफल नहीं हो पा रहे हैं, उनको वे मीडिया के लोगों को लीक करके मुखिया को परेशानी में डाल रहे हैं। राज दरबार से एक दरबारी ने कानफूसी की है कि मुखिया अपने सहयोगियों के मंत्रालयों के कामकाज से खासे नाराज हैं। अब वे मंत्रियों के बजाय अधिकारियों को ही सीधे निर्देश देने में लगे हैं। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राज्य में चलने वाली योजनाओं पर सीधी नजर रखने के कारण मुखिया जी खासे परेशान हैं। अपनी सरकार की परफॉरर्मेंस को लेकर चिंतित हैं। अगर कोई उल्टा-सीधा हुआ तो सारा ठीकरा उनके सिर फोड़ा जाना तय है। दरबारी का कहना है कि इसी के चलते आजकल मुखिया जी प्रदेश के बुद्धिजीवियों से चर्चा कर रहे हैं, लेकिन यह चर्चा सूबे की बेहतरी के बजाय अपने सरकारी सहयोगियों के कारनामों पर ज्यादा हो रही है।
अपनों से परेशान मुखिया
