कोरोना महामारी से बचाव के लिए विश्व समुदाय युद्धस्तर पर लड़ रहा है। पूरे देश में लॉकडाउन से यातायात व्यवस्था बंद होने के कारण विकास खंड स्याल्दे, भिकियासैंण, सल्ट में बाहरी राज्यों के सैकड़ों मजदूर फंस गए। लॉकडाउन का पालन करने के साथ ही लोगों तक जरूरी सामान की आपूर्ति करने की चुनौती तहसील भिकियासैंण के युवा उपजिलाधिकारी राहुल शाह ने बखूबी निभाई। उन्होंने दूरस्थ क्षेत्रों से आए मजदूरों के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में शेल्टर होम बनाए। जरूरतमंद गरीब लोगों की हरसंभव मदद की। ऐसी विकट परिस्थितियों में जब कोरोना बीमारी का संकट गहरा रहा था तब उन्होंने प्रशासन की मदद से लोगों को कोरोना संक्रमण बीमारी के बारे में जागरुक किया। सोशल डिस्टेंस बनाने, मास्क पहनने और क्षेत्र को सैनिटाइज करने के लिए प्रेरित किया। बाहरी राज्यों से आने वाले प्रवासियों के लिए मोहान, मरचूला और भिकियासैंण में क्वारंटीन सेंटर बनाए गए। तीन तहसीलों और एक उपतहसीलों का कार्य देख रहे राहुल शाह ने अपनी परवाह किए बगैर स्याल्दे, भिकियासैंण में 900 से अधिक बाहरी क्षेत्रों से आए दिहाड़ी मजदूरों को राशन किट का वितरण किया। वहीं क्षेत्र अंतर्गत 2800 गरीब जरूरतमंद परिवारों जो लॉकडाउन से प्रभावित थे उन्हें भी राशन उपलब्ध कराया। सल्ट, भिकियासैंण, स्याल्दे में रह रहे 180 उत्तर प्रदेश के दिहाड़ी मजदूर, 240 कश्मीरी मजदूर के रहने-खाने की व्यवस्था एवं बसों के माध्यम से उनके गृह राज्य भेजने की व्यवस्था की। उधर मणिपुर के 4, हिमाचल प्रदेश 5 प्रवासियों को वाहन एवं रेल के माध्यम से उनके गृह राज्य भेजा।
लॉकडाउन में पैदल जा रहे प्रवासियों के लिए राजकीय इंटर कॉलेज भिकियासैंण में रहने-खाने की व्यवस्था की तथा सरकारी मदद से उनके गृह राज्य भेजा। सल्ट, भिकियासैंण, स्याल्दे में 12 व्यक्तियों में कोरोना के लक्षण मिलने पर रानीखेत, अल्मोड़ा बेस चिकित्सालय भेजे गए। दर्जनों लोगों को संस्थागत क्वारंटीन किया गया। कोरोना महामारी ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को मास्क, फेस शील्ड दिए गए। क्षेत्रीय जनता की समस्याओं को दूर करने के लिए मेडिकल, राशन हेल्पलाइन बनाई गई ताकि सभी को हेल्पलाइन का लाभ मिल सके। हेल्पलाइन की मदद से 1200 से अधिक लोगों तक राशन एवं दवाइयां पहुंचाई गई।
100 से अधिक पैदल जा रहे प्रवासियों, दिहाड़ी मजदूरों के लिए मोहान वन विश्राम गृह और पुरानी तारबीन फैक्टी को सेल्टर होम में तब्दील कर वहां उनके रहने-खाने, सेनिटाइज की व्यवस्था की गई। साथ ही प्रवासियों के लिए कुशल प्रशिक्षक के निर्देशन में योगा अभ्यास का प्रबंध भी किया गया। एसडीएम राहुल शाह ने एक योगा प्रशिक्षक को नियुक्त किया। गढ़वाल-कुमाऊं का सीमांत बॉर्डर होने के कारण जिलाधिकारी के निर्देश पर मोहान बैरियर पर स्थायी स्वास्थ्य टीम तैनात की गई। टीम द्वारा अभी तक 36,651 से अधिक प्रवासियों की थर्मल स्क्रीनिग एवं स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है।
एसडीएम शाह ने कोरोना की रोकथाम के लिए एक योद्धा की तरह सुबह से ही अपने कर्तव्यों के निर्वहन में जुट जाते हैं। सुबह से क्षेत्र की दुकानों, मेडिकल स्टोर में खड़े लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग आदि का कड़ाई से पालन करवाते हैं। लोगों को आवश्यक कार्यों के लिए बाहर जाने हेतु आसानी से पास जारी करते हुए उनकी मदद करते हैं। कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति एसडीएम शाह के पास से निराश होकर नहीं लौटा। बेहद सरल और मिलनसार स्वभाव से सभी की समस्या सुनते और उनका निदान करते हैं। कर्तव्य परायण एसडीएम राहुल शाह ने अपने छोटे से कार्यकाल में क्षेत्र की जनता के दिलों में अपनी अलग पहचान बना ली है। लोगों ने इस प्रशासनिक अधिकारी के लिए ढेर सारी दुआएं, इनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।
-गोबिंद रावत