प्रिय जनता,
‘विधायक निधि में जो पैसा आया है (दो करोड़) मैं चाहता हूं कि वो सारा पैसा जनता के अच्छे स्वास्थ्य के ऊपर ही खर्च किया जाए जिसके अंतर्गत धारचूला विधानसभा की जनता को यहीं सारी सुविधा प्राप्त हो सके और उन्हें महामारी के इस दौर में कोविड जैसी भयंकर बीमारी के इलाज के लिए कहीं भटकना ना पड़े।
मैं चाहता हूं कि धारचूला, मुनस्यारी की समस्त जनता अपनी-अपनी राय दे। अपना परामर्श दें, क्योंकि ये आपका ही पैसा है और आपके लिए ही हैं और मेरी पहली प्राथमिकता मेरी विधानसभा की जनता है। कोविड की इस लड़ाई में मैं जनता के साथ मिलकर लड़ना चाहता हूं। भले ही सुख में शामिल नहीं हो सकूं। लेकिन तकलीफ की इस घड़ी में मैं धारचूला विधानसभा की जनता को अकेले नही छोड़ूंगा, मेरा आपसे वादा है। कृपया अपना सुझाव जरूर दें, साथ ही और लोगों को भी सुझाव देने के लिए प्रेरित करें।’
सोशल मीडिया पर यह भावनात्मक अपील की है धारचूला-मुन्सयारी के कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने। हरीश धामी क्षेत्र में अपनी सक्रियता के लिए जाने जाते हैं। सीमांत क्षेत्र के इस विधायक ने कभी भी अपने क्षेत्र की जनता के दुख में उनका साथ निभाना नहीं छोड़ा, चाहे वह पूर्व में रही प्राकृतिक आपदाएं ही क्यों न रहा हो।
फिलहाल एक बार फिर हरीश धामी चर्चाओं में हैं। चर्चाओं में वह इसलिए हैं कि उन्होंने अपनी विधायक निधि का दो करोड़ रुपया कोविड-19 संक्रमण से पीड़ित लोगों के इलाज और नियंत्रण में खर्च करने की घोषणा की है। जिसमें उन्होंने पहली किस्त के 1 करोड़ 30 लाख रुपए जारी कर दिए हैं। उन्होंने विधायक निधि से 90 लाख रुपये आॅक्सीजन प्लांट के लिए जारी किए हैं। साथ ही 40 लाख रुपए क्षेत्र के 162 ग्राम पंचायतों के लिए दिए जाएंगे। इस राशि से सभी ग्राम पंचायतों में कोविड-19 की मेडिकल किट पहुंचाई जाएगी। साथ ही हर गांव के लिए आॅक्सीमीटर मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था की जाएगी। यही नहीं, बल्कि धामी ने मदकोट स्थित अपने दो होटल जिसमें 28 कमरे हैं उसे कोविड हाॅस्पिटल के लिए प्रशासन को दे दिया है। इसके बाद 12 कमरे वाले दूसरे होटल को डाॅक्टरों के रहने के लिए दिया है। जिसे शासन जल्द ही तैयार कर इसमें कोरोना रोगियों का उपचार शुरू करेगा।
हरीश धामी के इस पहल की चहूं ओर चर्चा हो रही है। यह शायद प्रदेश का पहला मामला है जब कांग्रेस के किसी विधायक ने अपनी दो करोड़ रुपए की निधि को कोरोना बीमारी पर नियंत्रण के लिए दे दिया हो। इस समय प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश में कोरोना महामारी का दूसरा प्रकोप जारी है। यह प्रकोप इस बार गांवों तक जा पहुंचा है। जनपद पिथौरागढ़ का यह दुर्गम क्षेत्र है। जहां डाॅक्टरों और अन्य संसाधनों की कमी है। इस कमी के मद्देनजर धामी ने इस ओर पहल की है। साथ ही अपने विधानसभा क्षेत्र में जागरूकता कमी के चलते लोग कोविड-19 टेस्ट भी नहीं करा रहे हैं। फिलहाल डाॅक्टरों की टीम को लेकर हरीश धामी गांव-गांव लोगों को इस बीमारी के भयंकर रूप से वाकिफ करा रहे हैं तथा लोगों को टेस्टिंग कराने की ओर प्रेरित कर रहे हैं।
गौरतलब है कि उत्तराखण्ड में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। पिछले 24 घंटों की बात करें तो यहां 7120 नए कोरोना मरीज सामने आए हैं, जबकि 118 की मौत हो चुकी है। अब तक प्रदेश में 76 हजार 500 मरीज कोरोना से संक्रमित पाए जा चुके हैं। अकेले धारचूला-मुनस्यारी विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां डेढ़ सौ से 200 मरीज कोरोना पाॅजिटिव हो चुके हैं।
‘उत्तराखण्ड में कुंभ से फैला कोरोना, सरकार जिम्मेदार’
पने कितनी निधि कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए दी है?
हमने वैसे तो दो करोड़ रुपए देने की घोषणा कोविड-19 संक्रमण पर नियंत्रण के लिए की है। लेकिन अभी पहली किस्त में 1 करोड़ 30 लाख रुपए जारी किए गए हैं।
यह एक करोड़ 30 लाख रुपया किस एवज में खर्च किया जाएग?
इसके लिए 90 लाख रुपए आॅक्सीजन प्लांट लगाने के लिए तथा 40 लाख रुपए आॅक्सीमीटर गांव में पहुंचाने के लिए खर्च किए जाएंगे।
धारचूला-मुनस्यारी क्षेत्र में कोविड-19 संक्रमण के इलाज के लिए डाॅक्टरों की कमी तो नहीं?
डाॅक्टर तो हैं, लेकिन समुचित व्यवस्था में कोविड-19 की टेस्टिंग नहीं हो पा रही है। जिससे इस बीमारी का पूरा पता नहीं चल पा रहा है।
कम टेस्टिंग होने के क्या कारण हैं?
कम टेस्टिंग होने का कारण जनता में जागरूकता की कमी है। जनता टेस्टिंग कराने से डर रही है। इसलिए वह टेस्टिंग कराने के लिए सेंटरों पर नहीं जा रही है।
धारचूला-मुन्सयारी के किस क्षेत्र में कोविड-19 का संक्रमण ज्यादा है?
मेरे विधानसभा का कोई गांव नहीं बचा है, जहां यह बीमारी नहीं पहुंची है। इस बार हर गांव में यह बीमारी इस कदर पहुंच गई है कि हर तीसरे घर में कोई न कोई बुखार या जुकाम-खांसी से पीड़ित है। हालांकि अभी कह नहीं सकते कि वह कोविड-19 से ग्रसित है या नाॅर्मल सीजनल बीमारी है।
चिकित्सा विभाग कितना सहयोग कर रहा है?
चिकित्सा विभाग पूरा सहयोग कर रहा है। यहां के सीएमओ भी अच्छा काम कर रहे हैं। मेरे साथ डाॅक्टरों की टीम है जो गांव-गांव पहुंच रही है। गांव में जाकर हम खुद लोगों को जागरूक कर रहे हैं और ज्यादा से ज्यादा लोगों की टेस्टिंग करा रहे हैं।
आपके विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने कोविड-19 टेस्टिंग सेंटर हैं तथा कितने लोग प्रतिदिन जांच कराने पहुंच रहे हैं?
5 से 7 तक टेस्टिंग सेंटर हैं। जहां प्रत्येक दिन 50 से 60 लोग टेस्टिंग कराने पहुंच रहे हैं। लेकिन इनमें ज्यादातर वह लोग हैं जो बिल्कुल ठीक होते हैं। जिनमें सिम्टम होते हैं वह घर से बाहर ही नहीं निकल रहे हैं।
फिलहाल आप कौन से क्षेत्र में हैं?
आज मैं गोरी पार क्षेत्र में हूं। जहां गोरी नदी के पार दर्जनों गांव में अपने साथ डाॅक्टर को ले जा रहा हूं। यहां मैं खुद गांव के लोगों को टेस्टिंग कराने के लिए प्रोत्साहित करूंगा, क्योंकि यह क्षेत्र चिकित्सा आदि से दूर रहता है। इसलिए इस क्षेत्र को प्राथमिकता देना जरूरी है।
उत्तराखण्ड जैसे पहाड़ी क्षेत्र में कोरोना का विस्तार होने का कारण क्या रहा?
पहाड़ में कोरोना के पनपने का कारण कुंभ रहा है। यहां कुंभ आने-जाने वाले लोगों को सरकार को क्वारंटाइन कर देना चाहिए था, जो सरकार ने नहीं कराया। वहां गए लोग पुलिस और अन्य विभागों के कर्मचारी जब क्षेत्र में आए तो उन्होंने कोरोना को फैलाया। इसके लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है।