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स्मार्ट हिल स्टेशन के लिए मुहिम

पिथौरागढ़ में स्मार्ट हिल स्टेशन के लिए सरकार को जवाबदेह बनाने की मुहिम शुरू की गई है। इसमें हर तबके के लोगों को जोड़ा जा रहा है
छोटा कश्मीर के नाम से विख्यात पिथौरागढ़ नगर को स्मार्ट हिल स्टेशन बनाए जाए की मुहिम इन दिनों जोरों पर है। इस मुहिम के संयोजक ललित पंत केंद्र एवं राज्य सरकार के साथ ही तमाम राजनीतिक दलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, व्यापारियों सहित समाज के हर तबके की सहभागिता इसमें सुनिश्चित कर रहे हैं। अभियान के पीछे की वजह के बारे में पूछे जाने पर ललित प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान की तरपफ इशारा करते हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘देश में अब तक जितने भी हिल स्टेशन बने हैं वे पुराने समय के हैं। अब नए हिल स्टेशन विकसित किए जाने की जरूरत है।’ इसके लिए प्रधनमंत्री मोदी ने देश में तीन नए हिल स्टेशन विकसित करने के लिए विदेशी राष्ट्रों से सहयोग मांगा है। अभी इजरायल, फ्रांस, सिंगापुर और जापान ने इस दिशा में काम करने की इच्छा जताई है।
पंत कहते हैं कि यह एक शानदार मौका है जब हम पिथौरागढ़ को स्मार्ट हिल स्टेशन बनाने के लिए केन्द्र सरकार पर दबाव बना सकते हैं। यहां पर हिल स्टेशन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि इसमें समस्त जनपदवासियों की सहभागिता सुनिश्चित हो ताकि मिनी कश्मीर के नाम से विख्यात पिथौरागढ़ नगर को स्मार्ट हिल सिटी के रूप में विकसित किया जा सके। चूंकि यह क्षेत्र चीन व नेपाल की सीमा से जुड़ा है। सीमावर्ती गांवों से लगातार पलायन हो रहा है। जिससे सीमा खतरे में है। आतंकी संगठनों की निगाहें हमेशा यहां लगी रहती हैं ऐसे में स्मार्ट हिल स्टेशन सीमावर्ती क्षेत्रों से पलायन रोकने में मददगार साबित हो सकता है। स्मार्ट हिल स्टेशन किस तरह का होगा इसके लिए इस अभियान के संयोजक ललित पंत ने एक विजन डाक्यूमेंट भी तैयार किया है।
इस विजन डाक्यूमेंट में परिवहन, पर्यटन, चिकित्सा, पार्किंग, जल व्यवस्था, खेल, कृषि आदि विषयों को बिंदुवार समाहित किया गया है। अभियान के दौरान मिले करीब 27 सुझाव भी शामिल हैं। इस दस्तावेज की खासियत यह है कि इसमें कूड़े पर विशेष फोकस किया गया है। कूड़ा गिरने वाली जगहों पर भूमिगत कूड़ेदान बनाए जाने, शहर में सार्वजनिक शौचालयों की संख्या बढ़ाने, नियमित सफाई की व्यवस्था के साथ ही कूड़ा उठाने की व्यवस्था डोर-टू-डोर होने पर विशेष बल दिया गया है। इस दस्तावेज के अनुसार सड़क मार्ग पर कूड़े की गाड़ी का समय निर्धारित हो। कूड़े का निस्तारण अत्याधुनिक तकनीकी से किया जाए जिसमें डंपिंग एवं ट्रंचिंग ग्राउंड की व्यवस्था भी हो। कूड़े से बिजली बनाए जाने की तकनीकी पर कार्य किया जाए। स्वच्छकों का वेतन बढ़ाया जाए। काम करने के लिए अच्छे उपकरण, मास्क, कपड़े, जूते, बरसाती, रहने के लिए पक्के मकान, निःशुल्क चिकित्सा व्यवस्था एवं स्वास्थ्य बीमा जैसी सुविधाएं भी स्वास्थ्य कर्मियों को उपलब्ध कराने जैसे बिंदु भी शामिल हैं।
यह विजन डाक्यूमेंट केंद्र सरकार के स्मार्ट सिटी परियोजना से प्रेरित होकर तैयार किया गया है। स्मार्ट सिटी परियोजना का मुख्य उद्देश्य शहर में तकनीकी सहयोग से विकास कार्य कर लोगों के जीवन में सुधार लाना है। आर्थिक उत्पादन बढ़ाना है। नौकरी के अवसर बढ़ाने हैं। पंत का कहना है कि पर्यटन की दृष्टि से भी हिल स्टेशनों का आधुनिकीकरण किया जाना जरूरी है। इसके लिए प्रधानमंत्री की स्मार्ट सिटी परियोजना की तरह ही स्मार्ट हिल स्टेशन का निर्माण भी होना चाहिए और इसकी शुरुआत सीमावर्ती क्षेत्र पिथौरागढ़ से होनी चाहिए। स्मार्ट हिल स्टेशन की संकल्पना कुछ इस तरह की है कि इसमें पहाड़ों की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप पिथौरागढ़ जैसा संभावनाओं वाला शहर अंतराष्ट्रीय हिल स्टेशन के रूप में विकसित हो सकता है। जरूरत इस बात की है कि इसके लिए यहां की इंच-इंच जमीन का उपयोग कर प्लान बनाया है। 20 किमी ़ के दायरे में फैले इस खूबसूरत जगह में स्मार्ट हिल स्टेशन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। इस क्षेत्र से हवाई मार्ग द्वारा हल्द्वानी 25 मिनट, देहरादून 50 मिनट और दिल्ली 55 मिनट की दूरी पर है। अगर शहर में सार्वजनिक परिवहन (सिटी बस) और रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम तैयार करने के साथ ही आध्यात्मिक, साहसिक, मेडिकल टूरिज्म को विकसित किया जाए तो देश-विदेश के पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है और स्थानीय लोगों के साथ ही दूर-दराज के लोगों को बड़े स्तर पर रोजगार भी मिल सकता है।
यही वजह है कि इस दस्तावेज में 5 स्टार होटल के बदले 5 स्टार सुविधायुक्त इको विलेजों की स्थापना पर बल दिया गया है। मानव विकास, आर्थिक एवं प्राकøतिक संसाधनों के प्रबंधन, सार्वजनिक सेवाओं की मजबूती, घरों की छतों पर सोलर सिस्टम, रूफ वाटर हार्वेस्टिंग एवं पॉली हाउसों की व्यवस्था, वाटर मैंनेजमेंट सिस्टम, स्वच्छता के कड़े मापदंड, भूमिगत कूड़ेदानों का निर्माण, कूड़ा उठाने की डोर-टू-डोर व्यवस्था, सार्वजनिक रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम, अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्लानरों एवं डिजायनरों के सहयोग से डीपीआर तैयार करना, उच्च स्तरीय खेल मैदान तैयार कर आईपीएल टूर्नामेंट का आयोजन करवाना, चिकित्सा, इंजीनियररिंग जैसी तकनीकी शिक्षा की उच्च स्तरीय व्यवस्था, आध्यात्मिक पर्यटन, साहसिक एवं मेडिकल पर्यटन की स्थापना, साहसिक खेलों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं जुटाना, आवागमन के लिए सड़क, वायु, रेल और जल परिवहन की व्यवस्था, स्वास्थ्य के क्षेत्र में एमआरआई, सीटी स्कैन, टेली मेडिसन, हेलिकॉप्टर एम्बुलेंस की सुविधा प्रदान करना, सीएसआर एवं पीपीपी मोड के अंतर्गत विकास को गति देना और उच्च स्तरीय तेज गति की इंटरनेट व्यवस्था को मजबूत करना जैसे महत्वपूर्ण विषयों की संकल्पना की गई है।
इस अभियान के संयोजक ललित पंत कहते हैं कि सरकार अपना कार्य कर रही है लेकिन हम अपने स्तर से जागरूकता पैदा कर सकते हैं। नागरिक होने के नाते सरकारों से उनका श्रेष्ठ करवाना एवं उसे जबावदेह बनवाना हर नागरिक का कर्तव्य है। सरकारें जो भी कर रही हैं उसे गति देना भी हमारा काम है। हमारा प्रयास रहना चाहिए कि सरकारें किसी की भी हों उनसे एक बेहतर दबाव समूह के रूप में अच्छा परिणाम लिया जाए।

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