देशभर में कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन की वजह से सड़कें पूरी तरह खाली है।
लॉकडाउन के पहले दिन दिल्ली के एक बड़े हिस्से में 25 मार्च से ही सड़कें पूरी तरह से खाली हो गयी हैं। दिल्ली बॉर्डर सील होने की वजह से गाड़ियों की आवा जाही पूरी तरह बंद है।
ऐसे में एक ख़बर यह आ रही है कि प्रदूषण मामले के चार्ट लिस्ट में अव्वल रहने वाली दिल्ली में प्रदूषण का स्तर कम हो गया है।
भले ही यह कोरोना के चलते हुआ है लेकिन ऐसे में लोग लाभदायक और स्वच्छ हवा में सांस ले पा रहे हैं।
सेंटर फॉर रिसर्च फॉर एनर्जी द्वारा जारी एक विश्लेषण के अनुसार 22 मार्च को राष्ट्रव्यापी जनता कर्फ्यू के दौरान जनवरी-मार्च की अवधि में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2) का औसत निम्नतम स्तर दर्ज किया गया है, जो कि साल 2017 के बाद से पहली बार हुआ है।
विश्लेषक सुनील दहिया के अनुसार, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के स्तर में इस गिरावट से पता चलता है कि शहरों की परिवहन पूरी तरह से फॉस्सिल फ्यूल यानी जीवाश्म ईंधन पर निर्भर है। उन्होंने कहा, ‘हमें डीलिंक पर ध्यान देना होगा और लॉकडाउन से हमारा यही सबक होगा।