साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही एडवेंचर लवर्स ने आपदा प्रबंधन में भी अहमभूमिका निभाई है
जनपद पिथौरागढ़ में साहसिक पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। कई संस्थाएं साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास में लगी हुई हैं। इसी में एक नाम है, ‘एडवेंचर लवर्स एसोसिएशन’। यह न सिर्फ साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में काम कर रही है, बल्कि समय-असमय आने वाली आपदाओं/ दुर्घटनाओं के दौरान भी बेहतर काम कर रही है।
वर्ष 1994 में जब एडवेंचर लवर्स ऐसोसिएशन की स्थापना हुई थी, तब इससे जुड़े लोगों ने पहला पर्वतारोहण किया था जिसमें 16 से अधिक लोगों ने प्रतिभाग किया। तब से अब तक यह 2000 से अधिक लोगों को साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में प्रशिक्षित कर चुकी है। अब इसका कार्यक्षेत्र पिथौरागढ़ के अलावा बागेश्वर, चंपावत, नैनीताल तक फैल चुका है। समय के साथ इनका सफर बढ़ता गया और पर्वतारोहण के साथ ही पैराग्लाइडिंग सहित अन्य साहसिक क्रियाकलापों में भी तेजी आने लगी। पैरामोटर (पावर्ड पैराग्लाइडिंग) का सफल आयोजन भी संस्था नैनी-सैनी एयरपोर्ट पर कर चुकी है। यह एडवेंचर से संबंधित रोजगार स्थानीय युवाओं को योग्यता के अनुसार गाइड, कुक, इंस्ट्रक्टर, सहायक इंस्ट्रक्टर आदि के जरिए उपलब्ध कराती है।
‘एडवेंचर लवर्स’ जनपद में वर्ष 1994 में माउटेनियरिंग एक्सपीडिशन का सफल आयोजन भी कर चुकी है। वर्तमान में संस्था के दो पायलट गोवा एवं रत्नागिरी में पावर्ड पैराग्लाइडिंग की सेवाएं दे रहे हैं। अभी तक इसके कई पायलट पैराग्लाइडिंग प्रतियोगिताओं में हिस्सेदारी कर चुके हैं। कोरोनाकाल में भी इसके सदस्यों ने बेहतर काम किया। इसके लिए इसे सम्मानित भी किया जा चुका है। वर्षों पूर्व जब मालपा में हादसा हुआ था तो संस्था की टीम नेपाल की तरफ से यहां पहुंची थी। इस दौरान आपदा प्रभावित क्षेत्र में उसने बेहतरीन काम किया था। बस्तड़ी में आई आपदा हो या फिर घाट में हुई बस दुर्घटना एवं दूनी तितरी में रेस्क्यू के दौरान ‘एडवेंचर लवर्स एसोसिएशन’ के सदस्यों की भूमिका अहम रही। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील गांवों में आपदा से पहले एवं बाद में ग्रामीणों को प्रशिक्षण देकर इससे बचने के उपायोें के बारे में ये जानकारी दे रहे हैं।
एडवेंचर लवर्स एसोसिशन के सचिव विक्रम भंडारी के पास साहसिक खेलों का व्यापक अनुभव रहा है। वह त्रिशूली, केदारडोम, मैकतोली, पंचाचूली, थारकोट जैसे पर्वत शिखरों का सफल पर्वतारोहण कर चुके हैं तो वहीं पिंडारी, कफनी, सुंदरडूंगा, मिलम, सलंग, नंदादेवी बेस, पंचाचूली साउथ, पांचूलनाथ, क्वारीपास, रूपकुंड, बेदनी, गोमुख, केदारनाथ आदि मार्गों में सफल ट्रैकिंग कर चुके हैं। भंडारी को उत्तराखण्ड पर्यटन से इंस्ट्रक्टर पैराग्लाइडिंग की अनुज्ञा प्राप्त है। इसके अलावा वाटर स्पोटर्स के बेसिक राफ्टिंग कोर्स के नेशनल कम्पटीशन में वह तीसरा स्थान हासिल कर चुके हैं। वह साहसिक पर्यटन के अपने 25 सालों को अनुभव इस क्षेत्र के विकास में देना चाहते हैं। वह कहते हैं कि नैनीसैनी में एयरपोर्ट बनने के बाद उड़ान लेने में परेशानी होती है तो वहीं इनर लाइन एवं ट्रेकिंग एरिया में हाईकोर्ट के फैसले से दिक्कतें आ रही हैं। तो वहीं वह सुझाव देते हैं कि जनपद पिथौरागढ़ के घाट, झूलाघाट, चंडिका देवी, थलकेदार, असुरचुला, सोरलैक, ‘‘यूपानी में बेहतर सुविधाएं जुटाकर साहसिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है।’’