विश्व पर्यावरण दिवस पर चमोली जिले की उर्गमघाटी उस समय तालियों की आवाज से गूंज उठी जब क्षेत्र की प्रतिभाओं को उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। वरिष्ठ पत्रकार क्रांति भट्ट, स्वतंत्र पत्रकार संजय कुंवर, शिक्षक और साहित्यकार शशि देवली और सामाजिक कार्यकर्ता हीरा जंगपांगी को गौरा देवी पुरस्कार दिया गया। 1996 से हर वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस पर यह पुरस्कार जनदेश समिति के सचिव लक्ष्मण नेगी द्वारा चिपको नेत्री गौरा देवी के विचारों से प्रभावित होकर शुरू किया गया
संतोष सिंह
चमोली जिले के उर्गमघाटी में गत् 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसके आयोजक ‘जनदेश समिति’ एवं ‘महिला मंगल दल’, ‘युवक मंगल दल’ एवं ग्रामीण रहे। इस दो दिवसीय पर्यावरण, लोक-संस्कृति एवं पर्यटन मेले में हर वर्ष समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को गौरा देवी पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। इस वर्ष भी विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्यों के लिए 14 लोगों को यह सम्मान दिया गया। पत्रकारिता के लिए हिंदुस्तान समाचार पत्र के चमोली के ब्यूरो चीफ वरिष्ठ पत्रकार क्रांति भट्ट, स्वतंत्र पत्रकार संजय कुंवर के साथ ही शिक्षक और साहित्यकार शशि देवली एवं दिनेशपुर की सामाजिक कायर्कता हीरा जंगपांगी को यह सम्मान दिया गया।
सीमांत जोशीमठ ब्लॉक के उर्गमघाटी में पर्यावरण संरक्षण, लोक-संस्कृति, लोककला, पौराणिक परम्पराओं, स्वरोजगार, शिक्षा को लेकर जागरूकता के लिए जनदेश समिति के सचिव लक्ष्मण नेगी ने 1996-97 से पहाड़ के गांवों में जागरूकता अभियान शुरू किया था। उनके विचारों से प्रभावित होकर धीरे-धीरे बड़ी संख्या में लोग उनसे जुड़ते गए। 1998-99 में उन्होंने चिपको नेत्री गौरा देवी के विचारों से प्रभावित होकर पर्यावरण संरक्षण के लिए गौरा देवी पुरस्कार शुरू किया था। विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्यों के लिए वर्ष 2007-08 में जनदेश को नेशनल अवार्ड से नवाजा जा चुका है। जनदेश के सचिव लक्ष्मण नेगी ने बताया कि उनके द्वारा समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को हर वर्ष गौरा देवी पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। उन्होंने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2025 को उर्गमघाटी में दो दिवसीय पर्यावरण संरक्षण, लोक संस्कृति एवं पर्यटन मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें इस वर्ष 14 लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया है।
(बाएं से) वरिष्ठ पत्रकार क्रांति भट्ट को गौरा देवी सम्मान देतीं विधानसभा अध्यक्ष रितु खण्डूड़ी
पत्रकारिता के लिए इस वर्ष दैनिक हिंदुस्तान समाचार पत्र के जिला प्रभारी, वरिष्ठ पत्रकार क्रांति भट्ट और स्वतंत्र पत्रकार संजय कुंवर को सम्मानित किया गया। साथ ही साहित्य, शिक्षा और सामाजिक कार्यों के लिए शशि देवली को गौरा देवी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। क्रांति भट्ट द्वारा विभिन्न समाचार पत्रों में कार्य किया गया है। वर्ष 1989 में वे हिंदुस्तान समाचार पत्र से जुड़कर पहाड़ के लिए काम करने लगे और तब से लेकर वर्तमान तक विगत 35 बरसों से ये गोपेश्वर में इसी अखबार के जरिए पहाड़ के लोक, संस्कृति और जन-सरोकारों की आवाज बने हुए हैं। इनके पास कई बार पत्रकारिता के लिए गोपेश्वर से इतर आकर्षक प्रस्ताव आए, परंतु इन्होंने पहाड़ में ही रहकर लेखनी के जरिए अपनी माटी और सेवा करने का संकल्प लिया, जो आज भी बदस्तूर जारी है। पत्रकारिता में उल्लेखनीय कार्य के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। अब उन्हें गौरा देवी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
स्वतंत्र पत्रकार संजय कुंवर को गौरा देवी सम्मान देतीं विधानसभा अध्यक्ष रितु खण्डूड़ी
जोशीमठ डांडो (सुनील गांव) निवासी संजय कुंवर ने 1999-2000 में इको टूरिज्म में डिप्लोमा कर सीमांत जोशीमठ क्षेत्र में टूरिज्म की अपार सम्भावनाओं को देखते हुए इस क्षेत्र में कार्य शुरू किया था। इस दौरान उन्होंने देश-विदेश के पर्यटकों को फूलों की घाटी, नंदा देवी ट्रैक, औली-गोरसों बुग्याल, लॉर्ड कर्जन ट्रैक, स्वगारज़ेहिणी, काकभुशुंडी, द्रोणागिरी, पंचबदरी सहित अन्य ट्रैकों का भ्रमण कराया। वे अब तक हजारों पर्यटक व प्रकृति प्रेमियों को पहाड़ की नैसर्गिक सौंदर्य, मखमली बुग्यालों की सैर करा चुके हैं। घुमक्कड़ जीवन ने ही उन्हें पत्रकारिता की ओर आकर्षित किया और 2011 में राष्ट्रीय साप्ताहिक समाचार पत्र ‘दि संडे पोस्ट’ से पत्रकारिता की शुरुआत की। साथ ही तीन वर्षों तक ‘राष्ट्रीय सहारा’ जोशीमठ में रिपोर्टर के रूप में कार्य किया। वे आज भी स्वतंत्र पत्रकार के रूप में ‘दि संडे पोस्ट’ के साथ ही विभिन्न ‘डिजीटल मीडिया’ और ‘पहाड़ रफ्तार’ समाचार पोर्टल में निरंतर कार्यरत हैं। उन्होंने निर्भीक होकर जनपक्षीय पत्रकारिता करते हुए समाज के विभिन्न मुद्दों पर अपनी लेखनी को सशक्त किया। उनके द्वारा पत्रकारिता में 15 वर्षों में किए गए सराहनीय एवं उल्लेखनीय कार्य के लिए उन्हें इस वर्ष का गौरा देवी पुरस्कार से नवाजा गया है।
गौरा देवी पुरस्कार से सम्मानित (बाएं से) संजय कुंवर, शशि देवली और हीरा जंगपांगी
ऊधमसिंह नगर जिला मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर दिनेशपुर की रहने वाली हीरा जंगपांगी को समाज सेवा के लिए गौरा देवी सम्मान दिया गया है। जंगपांगी को दिनेशपुर, रुद्रपुर और गदरपुर के साथ ही कई इलाकों में पीडि़त महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए जाना जाता है। वह बाल विवाह से पीड़ित, शारीरिक, मानसिक और घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं की लड़ाई लड़ने के लिए अक्सर आरोपियों के सामने आकर मोर्चा खोलने के लिए चर्चाओं में रहती हैं। वर्ष 2004 में जंगपांगी ने बाल विवाह के खिलाफ जंग शुरू की थी। तब से वह ‘महिला जन कल्याण संस्था’ के जरिए पीड़ित महिलाओं की लड़ाई लड़ रही हैं।
शशि देवली को मिला गौरा देवी पुरस्कार
शशि देवली को मिला गौरा देवी सम्मान
साहित्य, शिक्षा एवं सामाजिक कार्यों के लिए शशि देवली को गौरा देवी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। दशोली ब्लाक के गडोरा निवासी शशि देवली ने साहित्य तथा सामाजिक गतिविधियों में उल्लेखनीय कार्य करते हुए अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। ‘पीस पब्लिक स्कूल’ में अध्यापन का कार्य करते हुए शशि देवली विभिन्न मंचों और कवि सम्मेलनों में कविताओं के जरिए सामाजिक हकीकत को बयां करती रही हैं। कवियत्री एवं अध्यापिका शशि देवली को साहित्यिक गतिविधियों के लिए तीलू रौतेली पुरस्कार, रचना साहित्य सम्मान, युग सुरभि सम्मान, रचना साहित्य रत्न सम्मान, मां शारदे सम्मान, काव्य गौरव सम्मान, हिंदी साहित्य सेवी सम्मान, पयार्वरण संरक्षण सम्मान, श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय का सम्मान, साहित्य सारथी सम्मान आदि से पहले नवाजा जा चुका है। इसके अलावा उन्हें कई सम्मान मिल चुके हैं जिनमें उत्तराखण्ड सरकार द्वारा 2020 में उन्हें ‘तीलू रौतेली सम्मान’ से सम्मानित किया गया।
2023 में महिला दिवस के अवसर पर श्रीमती सुषमा स्वराज सम्मान से सम्मानित किया गया। 2023 में ‘एक साल नई मिसाल’ जन सेवा थीम के तहत जिला प्रशासन चमोली द्वारा सम्मानित किया गया। 2024 में देवली को नंदा गौरा महोत्सव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। इसी के साथ ही शिक्षक दिवस 2024 के अवसर पर सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना अंतर्गत राष्ट्रभाषा हिंदी एवं हिंदी साहित्य के उन्नयन में महत्वपूर्ण योगदान हेतु पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा सम्मान पत्र से सम्मानित किया गया। वे पोषण माह सितम्बर 2024 को महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग गोपेश्वर द्वारा पोषण जागरूकता कार्यक्रम व व्याख्यान हेतु स्मृति चिह्न दिया गया। शशि देवली को पंडित दीनदयाल उपाध्याय हिंदी विद्यापीठ द्वारा ‘विद्या वाचस्पति सारस्वत सम्मान डॉक्टरेट’ मानद उपाधि प्राप्त हैं।