गजराज सिंह बिष्ट वर्तमान में उत्तराखण्ड के हल्द्वानी-काठगोदाम नगर निगम के मेयर हैं। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता बिष्ट ने जनवरी 2025 में हुए निकाय चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी ललित जोशी को 3,894 मतों से हराकर यह पद हासिल किया। राजनीति में चार दशकों से सक्रिय बिष्ट ने भाजपा के विभिन्न पदों पर कार्य किया है। त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्रित्वकाल के दौरान वे उत्तराखण्ड मंडी परिषद के अध्यक्ष रहे। 2022 में विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताने के बावजूद उन्होंने पार्टी के निर्देश पर अपना नामांकन वापस ले लिया था। उनकी निष्ठा और समर्पण को देखते हुए पार्टी ने उन्हें मेयर पद का प्रत्याशी बनाया। मेयर के रूप में गजराज सिंह बिष्ट का मुख्य उद्देश्य हल्द्वानी को विकसित और सुरक्षित शहर बनाना है। उन्होंने शहर के सभी वार्डों में समान विकास का संकल्प लिया है और बुनियादी सुविधाओं जैसे पानी, सड़क, बिजली, सीवर और गैस पाइपलाइन के अधूरे कार्यों को प्राथमिकता दी है। इसके अलावा, उन्होंने अतिक्रमण हटाने, गौशालाओं की क्षमता बढ़ाने, सीसीटीवी कैमरे लगाने और निगम के स्कूलों में सुविधाओं के विकास की योजनाएं भी प्रस्तुत की हैं। उनके साथ ‘दि संडे पोस्ट’ संवाददाता दिव्या भारती की बातचीत
मेयर के रूप में नगर निगम क्षेत्र हल्द्वानी के लिए आपकी क्या प्राथमिकताएं हैं?
हल्द्वानी में जो नए जुड़े ग्रामीण क्षेत्र है उसमें लगभग 20 वार्ड जुड़े हैं, अभी हम सीवर लाइन का प्रावधान कर रहे हैं। इसी प्रकार लगभग सभी ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की नई पाईप लाइनें भी हम डाल रहे हैं, सड़कें बना रहे हैं। पेयजल की बैठक में हमने एक प्रपोजल दिया है कि जो लाल डाक चैराह है वहां से लेकर अपने भाकरा तक बड़ी सीवर लाइन डाली जाए और फिर उनको वार्डों से जोड़ा जाए, क्योंकि जो पहले सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बना है वो गौला के तरफ बना है जिस कारण टेक्निकल दिक्कत आ रही है क्योंकि उस तरफ ढलान नहीं है। हमने इसलिए नया प्रपोजल दिया है तो आदरणीय धामी जी उसके लिए तैयार हैं। इसी प्रकार कढारिया से लेकर कालाढूंगी चैराहे तक कोई भी शौचालय नहीं है, हम वहां भी तैयारी कर रहे हैं, एक सार्वजनिक शौचालय वहां पर बने। कढारिया चैराहे पर एक भवन है हमारे पास उसमें हम लड़कियों के लिए वहां पढ़ने के लिए लाइब्रेरी भी बनाने जा रहे हैं। इसी प्रकार अभी मैंने परसों हाइडिल की बैठक ली थी तो पूरे ग्रामीण क्षेत्र में जो पोल लगने हैं, स्ट्रीट लाइट लगनी है, चार पांच महीने के अंदर हम वो सारे काम कर लेंगे। एक बात और मैं कहना चाहता हूं कि ग्रामीण क्षेत्रों में जितने भी हमारे पार्क हैं उन सबकी हमने डीपीआर भी बनाई है। कई पार्कों का हमने सौंदर्यीकरण कर भी दिया है, कुछ पार्कों का अभी होना है।
अभी लगभग 600 गाड़ियों की पार्किंग, ये जो तहसील क्षेत्र है, उसमें बनने जा रही है। इसके लिए टेंडर हो गया है। जो नमः भवन हम बना रहे हैं उसमें रोडवेज बस अड्डा भी बनेगा, उसमें लाइब्रेरी भी बनेगी। उसमें ही लगभग 600 गाड़ियों की पार्किंग बनने जा रही है तो ये सारी वहां पर हम व्यवस्था कर रहे हैं।
शासनादेश बाद में आया था। हमने सारी सड़कों के नाम पहले ही रख दिए थे। चैराहे का नाम इसलिए रखा गया है क्योंकि वहां सारे लोगों की इच्छा थी और वो कार्यक्रम पहले से ही तय था और बोर्ड द्वारा प्रस्ताव पास हुआ था।
मेरी एक बैठक में कही बातों को मैं सामान्य बात मानता हूं। बाकी मैं कुछ नहीं कहूंगा। मैं जब चुनाव लड़ रहा था, जब मैं भाषण दे रहा था, तब भी मैंने कहा था कि सुरक्षित हल्द्वानी बने, सुंदर हल्द्वानी बने, और विकसित हल्द्वानी बने और आज भी मेरी प्राथमिकताएं केवल इसी पर है। आपने देखा होगा कि हम अतिक्रमण को लगातार, जो रोड इधर-उधर है, उसे ठीक करने का प्रयास कर रहे हैं। कुछ वेंडिंग जोन हम बनाने जा रहे हैं। बहुत शीघ्र हम कई वेंडिंग जोनों का निर्माण भी कर लेंगे। इसी प्रकार जो खुले में मीट (मांस), मछली वगैरा बिकता है, उसके लिए भी हमने जगह चिन्हित की है जहां पर हम मार्केट बनाएंगे। हमने सरकार से एक साइंस पार्क की भी डिमांड की है ताकि बच्चों के लिए नाॅलेज पाॅर्क वहां बने। उसके लिए सरकार राजी भी है। हम जमीन ढूंढ रहे हैं। कुछ इसी प्रकार उत्तराखण्ड बने हुए लगभग 25 वर्ष हो चुके हैं तो उसकी रजत जयंती पर हम एक बड़ा पार्क हल्द्वानी को देने जा रहे हैं लगभग 3 करोड़ की लागत से बनेगा उसकी स्वीकृति हमें शासन से मिल गई है। उसमें फूड पार्क भी होगा, यह सारी व्यवस्था हम यहां पर करने जा रहे हैं। इसी प्रकार एक घंटाघर कि भी हमने डिमांड की है कि एक घंटाघर हल्द्वानी में बनाए जाए, एक उसकी पहचान बने। इसी प्रकार जो हमारे चौराहे हैं वो किसी न किसी महापुरुषों के नाम पर बने और सुंदर बने उसकी भी डिमांड हमने सरकार से की है तो उस पर भी हमारा बहुत सारे ऐसे काम हैं जिनको हम करने जा रहे हैं। हल्द्वानी में जो नए जुड़े ग्रामीण क्षेत्र हैं उसमें लगभग 20 वार्ड जुड़े हैं अभी हम सीवर लाइन का प्रावधान कर रहे हैं। इसी प्रकार लगभग सभी ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की नई पाईप लाइनें भी हम डाल रहे हैं, सड़कें बना रहे हैं
मुझे तो नहीं लगता ऐसा अब पत्रकारों को लगता है तो इसमें मैं क्या कर सकता हूं। पत्रकारों को वो सारी चीजें लगती हैं जो नहीं होती हैं।
मैं तो बहुत आगे की सोचता हूं आप तो बहुत छोटी-सी बात कर रही हैं। राजनीतिक व्यक्ति को तो बहुत आगे की सोचनी चाहिए और ईश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए कि उसे हर मुकाम हासिल हो और ये चुनावी राजनीति मेरी दूसरी है। पहले मैं छात्र संघ महासचिव रहा हूं हल्द्वानी डिग्री काॅलेज में। दूसरी बार मैं माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में यह चुनाव लड़ा हूं। यहां की जनता ने मुझे प्यार दिया है तो उसके लिए मैं उनका आभारी हूं धन्यवाद भी करता हूं।
देखिए दिशा की बैठक में जो मैंने कहा वो प्रेस वार्ता का हिस्सा नहीं था पता नहीं वो क्यों सार्वजनिक हो गई। दिशा की बैठक एक महत्वपूर्ण बैठक होती है जिसमें सांसद महोदय की अध्यक्षता में जिले के कार्यों की समीक्षा की जाती है। समीक्षा बैठकों में सब अपनी बात रखते हैं। मैंने भी अपनी बात कही ताकि लोगों की परेशानियां अधिकारियों की जानकारी में आ सकें। सिर्फ इतना सा था। इसे मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए। मैंने अपनी बात कही इसमें अनुशासनहीनता की बात कहां पर आती है।