कहा जाता है कि दिल्ली की कुर्सी उत्तर प्रदेश फतह कर ही मिलती है। 2014 के चुनाव में भी भाजपा ने यूपी की 80 में से 73 सीटों पर कब्जा कर ही एतिहासिक विजय दर्ज की थी। 2019 में एक बार उस जीत को दोहराने के लिए भाजपा लोकसभा चुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में ही लड़ेगी। साथ ही भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कुंभ आयोजन के जरिये देश में हिंदुत्व के एजेंडे को धार देंगे। इसमें संघ के सभी अनुसांगिक संगठनों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी। इसकी रूपरेखा 26 जून को विश्व संवाद केंद्र में आयोजित भाजपा और संघ की समन्वय बैठक में बनाई गई।
इस बैठक में संघ के दत्ताजी होसबोले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय, संगठन मंत्री सुनील बंसल के साथ ही पार्टी और संघ के तमाम पदाधिकारी उपस्थित रहे। सूत्रों के मुताबिक, संघ के पदाधिकारी प्रदेश सरकार के कामकाज से खुश नजर आए और योगी की अगुवाई में लोकसभा चुनाव लड़ने को हरी झंडी दे दी। सरकार के मंत्रियों और संघ के पदाधिकारियों को इसके लिए निर्देश दिए गए हैं। बैठक में कुंभ के जरिये बड़ा संदेश देने की रणनीति बनाई गई है। कुंभ के दौरान 60 किलोमीटर के दायरे में सभी विकास योजनाएं लागू की जाएंगी। गांव-गांव तक विकास योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। बैठक के दौरान श्रीराम मंदिर मुद्दे पर भी चर्चा की गई। संगठन और सरकार से जुड़े लोगों को इस पर अनावश्यक बयानबाजी से परहेज करने को कहा गया है। योगी संघ प्रमुख मोहन भागवत से भी मिले। दरअसल, दो दिन पहले हुई विश्व हिंदू परिषद की प्रबंध समिति की बैठक में भी राम मंदिर का मुद्दा और इलाहाबाद के कुंभ में होने वाली धर्मसंसद को लेकर चर्चा हुई थी।