आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा, “हिंदू कभी साथ नहीं आते। उनका एक साथ आना मुश्किल है। हिंदू हजारों सालों से प्रताड़ित हो रहे हैं, क्योंकि वे अपने मूल सिद्धांतों का पालन करना और आध्यात्मिकता भूल गए हैं। हमें साथ आना होगा। हिंदू समाज तभी प्रगति करेगा, जब वह समाज के रूप में काम करेगा।”
शिकागो में स्वामी विवेकानंद के 11 सितंबर 1893 को दिए गए चर्चित भाषण के 125 साल पूरे होने पर विश्व हिंदू कांग्रेस रखी गई है। इसमें भागवत ने कहा कि हिंदू किसी का विरोध करने के लिए नहीं जीते, लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हो सकते हैं, जो हमारा (हिंदुओं) का विरोध करते हैं। वे हमें नुकसान न पहुंचाएं, इसके लिए हमें खुद को तैयार करना होगा। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज में प्रतिभाशाली लोगों की तादाद सबसे ज्यादा है।