सीबीआई के पूर्व अंतरिम निदेशक नागेशवर राव द्वारा बिना इजाजत मुजफ्फरपुर आश्रय गृह के जांच अधिकारी का सीआरपीएफ में तबादला करने के मामले में मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में सुनवाई हुई। राव पर सख्ती दिखाते हुए अदालत ने उनसे पूछा कि आपने ट्रांसफर से पहले इजाजत क्यों नहीं ली। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने पूर्व अंतरिम निदेशक को अदालत की अवमानना का दोषा पाया और इसके परिणामस्वरूप उन्हें अनोखी सजा सुनाई। उन्होंने कहा कि कोर्ट उठने तक आप कोर्टरुम के कोने में बैठे रहिए। इसके अलावा उनपर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।