सुप्रीम कोर्ट ने यूपी में हुई पुलिस मुठभेडों की जांच के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करने से अनिच्छा जताई और याचिकाकर्ता से पूछा कि क्यों न इस मामले को इलाहाबाद हाईकोर्ट भेज दिया जाए। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की पीठ ने यह सवाल शुक्रवार को याचिकाकर्ता पीयूसीएल से पूछा।
इस मामले में गुरुवार को यूपी सरकार ने कोर्ट में जवाब दिया था और कहा था कि याचिकाकर्ता ने बहुत सावधानी से उन्हीं मुठभेड़ों को हवाला दिया है, जिनमें अल्पसंख्यक लोग मारे गए हैं। यह पूरी तरह से एकतरफा है जबकि इन मुठभेड़ों में चार पुलिसकर्मी भी मारे गए हैं। कुल 48 अपराधी मारे गए हैं, इनमें से 30 बहुसंख्यक और सिर्फ 18 ही अल्पसंख्यक समुदाय के हैं।राज्य सरकार ने कहा कि कोई भी कार्रवाई व्यक्ति का धर्म देखकर नहीं की जाती है बल्कि कानून से भाग रहे अपराधियों के खिलाफ कानून के अनुसार की जाती है।