राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद के मामले को मध्यस्थता के लिए भेजा जाए या नहीं? इस पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला कर सकता है। पिछली सुनवाई पर सभी पक्षकारों को बातचीत के जरिये विवाद सुलझाने का सुझाव दिया था। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा था , अगर एक फीसदी भी गुंजाइश हो तो मामला बातचीत के जरिये सुलझाने का प्रयास करना चाहिए।
26 फरवरी को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अपनी निगरानी में मध्यस्थ के जरिए विवाद का समाधान निकालने पर सहमति जताई थी । इस पर मुस्लिम पक्षकारों के वकील राजीव धवन ने कहा था कि अगर अदालत चाहती है तो वह प्रयास कर सकते हैं। वह इसका विरोध नहीं करेंगे। वहीं, रामलला विराजमान के वकील सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि पहले भी मध्यस्थता का प्रयास हुआ था, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अन्य हिंदू पक्षकार के वकील रंजीत कुमार ने भी कहा था कि अब मध्यस्थता संभव नहीं है। ऐसे में आगे सुनवाई होनी चाहिए। वैद्यनाथन के मध्यस्थता की गुंजाइश नहीं होने की बात पर कोर्ट ने कहा था कि हम आपकी मर्जी के बिना कुछ नहीं करेंगे। अगली सुनवाई में दोनों पक्षकार बताएं कि क्या कोई रास्ता निकल सकता है। बहरहाल, आज देखना होगा कि पीठ इस पर क्या निर्णय लेती है।