2012 के दिल्ली सामूहिक दुष्कर्म निर्भया गैंगरेप केस में फांसी की सजा के खिलाफ दोषियों की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है।प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति आर. भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की खंडपीठ ने दोषियों विनय शर्मा, पवन गुप्ता और मुकेश सिंह की याचिकाओं पर ये फैसला सुनाया। यानी दोषियों की फांसी की सजा बरकरार रखी गई है। मामले में मृत्युदंड की सजा पा चुके चार दोषियों में से तीन ने सुप्रीम कोर्ट में सजा के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की थी। पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिन मुजरिमों को मौत की सजा सुनाई गई, वे शीर्ष अदालत के निर्णय में कोई भी खामी बताने मे असफल रहे। न्यायालय ने कहा कि इस मामले में अपील के दौरान दोषियों को विस्तार से सुना गया था और वे इस फैसले पर पुनर्विचार के लिये कोई आधार नहीं बता सके।
चौथे दोषी अक्षय ठाकुर ने समीक्षा याचिका दायर नहीं की थी। सुप्रीम कोर्ट ने 4 मई को इस मामले में दोषियों की पुनर्विचार याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था।
निर्भया गैंगरेप केस: दोषियों की फांसी के खिलाफ पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज
सुप्रीम कोर्ट साल 2012 के दिल्ली सामूहिक दुष्कर्म मामले के तीन दोषियों की याचिका पर आज फैसला सुनाएगा। निर्भया दुष्कर्म मामले में तीनों दोषी मृत्युदंड की सजा का सामना कर रहे हैं। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति आर. भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की खंडपीठ आरोपी विनय शर्मा, पवन गुप्ता और मुकेश सिंह की याचिकाओं पर दोपहर दो बजे फैसला सुनाएगी।
दोषी अक्षय ठाकुर ने समीक्षा याचिका दायर नहीं की है। है। सुप्रीम कोर्ट ने चार मई को इस मामले में दोषियों की पुनर्विचार याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था।