राफेल पर छिड़ी सियासी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है. पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान के बाद फ्रांस की वर्तमान सरकार ने कहा कि वह राफेल फाइटर जेट डील के लिए भारतीय औद्योगिक भागीदारों को चुनने में किसी भी तरह से शामिल नहीं थी. सरकार ने जोर देते हुए कहा कि फ्रांसीसी कंपनियों को करार करने के लिए भारतीय कंपनियों का चयन करने की पूरी आजादी है.
फ्रांस सरकार का ये बयान तब आया है जब पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा कि राफेल डील के लिए भारत सरकार की ओर से अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस का नाम प्रस्तावित किया गया था और दसॉ एविएशन कंपनी के पास कोई और विकल्प नहीं था