उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उनके प्रशंसक ‘धाकड़ धामी’ कह पुकारते हैं। धाकड़ धामी वर्तमान में सख्त भू-कानून लाने का प्रयास कर रहे हैं और अवैध रूप से कब्जाई जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराने का अभियान छेड़ चुके हैं। बीते दिनों उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की पत्नी के नाम से दर्ज 27.5 नाली जमीन को धामी सरकार राज्य की सम्पत्ति घोषित कर चुकी है। अब एक-दूसरे दबंग राजनेता अकबर अहमद डम्पी द्वारा नैनीताल जनपद के रामगढ़ में 500 नाली जमीन के फर्जीवाड़े पर धामी सरकार कड़ी कार्यवाही करने का मन बना चुकी है। भाजपा सांसद और मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुकीं मेनका गांधी के करीबियों में शुमार डम्पी स्वयं विधायक और सांसद रह चुके हैं। उन पर वक्फ बोर्ड की 500 नाली जमीन कब्जाने का आरोप है। ‘दि संडे पोस्ट’ की रिपोर्ट में इस फर्जीवाड़ा का खुलासा किया गया है
उत्तराखण्ड में सख्त भू-कानून अभियान को गंभीरता से लेकर चल रहे प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नया भू-कानून ला रहे हैं जिसमें जमीनों की बंदरबाट करने, हेरा फेरी कर अपने नाम करने और जमीनों को मानकों से अधिक खरीदने के खिलाफ कड़े प्रावधान किए जाने की बात सामने आ रही है। गत् माह उन्होंने इसका संकेत भी दे दिया और साथ में आदेश भी जिसके तहत जो भी मानकों से अधिक जमीन खरीद रहे हैं उनकी जमीन सरकार में निहित कर ली जाएगी। इसी के तहत ही यूूपी के बाहुबली नेता राजा भैया की पत्नी पर कार्रवाई की गई है। नैनीताल जिला प्रशासन ने उत्तर प्रदेश के कुंडा क्षेत्र के विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ बाहुबली राजा भैया की पत्नी भानवी सिंह की नैनीताल जिले के बेतालघाट ब्लॉक के गरमपानी-मझेरा के पास सिलटोना गांव में कृषि प्रयोजन के लिए 27.5 नाली जमीन को सरकार में निहित कर लिया है। यह जमीन कृषि प्रयोजन के लिए खरीदी गई थी। लेकिन पिछले दो साल से इस जमीन पर कोई कृषि कार्य नहीं किया गया। जिस कारण उक्त जमीन को राज्य सरकार के अधिकार में निहित कर दिया गया है।
राजा भैया की पत्नी ने तो 27 नाली जमीन बकायदा खरीदी थी। ‘दि संडे पोस्ट’ ने 500 नाली ऐसी जमीन खोज निकाली है जिसमें एक राजनेता का अवैध कब्जा है। यह कब्जा एक ऐसे राजनेता का है जो 1980 में हल्द्वानी विधानसभा सीट से कांग्रेस का विधायक, 1987 में काशीपुर सीट से निर्दलीय विधायक और 1998 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर आजमगढ़ (उ.प्र.) से लोकसभा का चुनाव जीत चुका है। दून स्कूल देहरादून में स्व. राजीव गांधी के सहपाठी रह चुके इस राजनेता का नाम अकबर अहमद डम्पी है। स्व. राजीव गांधी के करीबी मित्र रह चुके डम्पी ने नैनीताल जिले के ही रामगढ़ में 500 नाली से अधिक जमीन कब्जाई हुई है। इस जमीन की कीमत 100 करोड़ से ज्यादा की बताई जा रही है। यह जमीन वक्फ बोर्ड की है। वक्फ बोर्ड के द्वारा पूर्व सांसद पर मुकदमा भी दर्ज कराया जा चुका है लेकिन अभी भी डम्पी के चंगुल से जमीन नहीं छुड़ाई जा सकी है।
आरोप है कि अकबर अहमद डम्पी और अन्य आरोपियों ने नैनीताल जिले में अलग-अलग क्षेत्रों में फर्जी दस्तावेजों के सहारे वक्फ संपत्ति की खरीद-फरोख्त की और उसे अपने नाम करा लिया। हालांकि पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। इस भूमि पर रिसॉर्ट बनाने के साथ-साथ भूमि पर कब्जा कर इसे बेचा भी गया है। वक्फ संख्या 610 नैनीताल के सचिव हसमत अली पुत्र स्व. महफूज अली निवासी गौलापुर, काठगोदाम ने भवाली थाने में तहरीर देकर बताया है कि ग्र्राम विसारतगंज रामगढ़ स्थित वक्फ संख्या 610 वक्फ गुुलाम कादिर नैनीताल की 28 एकड़ (535 नाली 2 मुट्ठी) जमीन (आराजी) स्थित है, जो वक्फ अभिलेखों तथा ग्र्राम विसारतगंज के खाता संख्या 1 व 2 के खसरा नंबर 23, 24, 25, 27, 28, 29, 30, 31, 32 व 21 में वक्फ संख्या 610 के नाम दर्ज चली आ रही है।
वक्फ बोर्ड के सचिव का आरोप है कि पूर्व सांसद और बाहुबली नेता अकबर अहमद डम्पी निवासी सिडार लॉज, रामगढ़ ने फर्जी दस्तावेजों को लगाकर भूमि अपने नाम कर ली है। इसके अलावा आशीष गुप्ता, चंदन सिंह, राजेंद्र सिंह बिष्ट, हेमंत सिंह बिष्ट, हेमंत सिंह ढेला, मोहन बहादुर ने भूमि की गलत तरीके से खरीद फरोख्त की है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ 415, 416, 417, 419, 420, 463, 464, 465, 467, 470, 471 व वक्फ अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है।
गौरतलब है कि ऐसे मामलों में वक्फ बोर्ड की धारा 133 बहुत मायने रखती है। बोर्ड की कोई भी जमीन पहले धारा 133 की जाती है उसके बाद सरकार की अनुमति ली जाती है और तब ही उस जमीन की रजिस्ट्री की जा सकती है। इससे पहले बाकायदा बोर्ड में प्रस्ताव भी पास किया जाता है। लेकिन अकबर अहमद डम्पी ने अपने रसूख के बल पर बोर्ड में भी कोई प्रस्ताव पास नहीं कराया और यह जमीन अधिकारियों से मिली-भगत करके इसकी रजिस्ट्री अपने नाम करा दी। यहां यह भी बताना जरूरी है कि सिर्फ जिलाधिकारी को ही यह अधिकार है कि वह किसी जमीन को वक्फ में लाने और वक्फ से बाहर भी कर सकता है। लेकिन इस मामले में जिलाधिकारी के यहां कोई अपील भी नहीं की गई और न ही जिलाधिकारी ने इस मामले में कोई आदेश दिया है। वक्फ सम्पत्ति किसी भी दशा में न बेचे जाने के कानून बावजूद इसमें सैकड़ों नाली जमीन को आलिया डेवलपर्स के स्वामी अकबर अहमद पुत्र स्व. इस्लाम अहमद निवासी सिडार लॉज रामगढ़ द्वारा फर्जी दस्तावेज के सहारे खरीद दिखाते हुए अपने नाम दर्ज कर इसके अभिलेख भी तैयार करवा लिए गए हैं।
वक्फ सचिव ने अकबर अहमद डम्पी के अलावा हल्द्वानी के आशीष गुप्ता, रामनगर के चंदन सिंह के अलावा राजेन्द्र सिंह बिष्ट, हेमंत सिंह बिष्ट, हेमंत सिंह ढैला, मोहन बहादुर पर भी वक्फ की भूमि की गलत तरीके से खरीद-बिक्री करने के आरोप लगे हैं। वक्फ सचिव की तहरीर के आधार पर आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की विभन्न धाराओं और वक्फ अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है। मामले की जांच की जा रही है। वक्फ सचिव हसरत अली की ओर से संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने की शिकायत उपनिबंधक कार्यालय नैनीताल में भी की थी। उपनिबंधक ने इस मामले में जांच की। जांच के बाद सामने आया कि दिसम्बर 2018 में तिकोनिया निवासी आशीष गुप्ता ने चंदन सिंह निवासी धानाचूली से 900 वर्ग मीटर भूमि खरीदी थी। वहीं, राजेंद्र सिंह बिष्ट ने हेमंत सिंह बिष्ट से सितम्बर 2017 में एक नाली आठ मुट्ठी जमीन खरीदी। इसके अलावा मोहन बहादुर सिंह ने हेमन्त सिंह ढैला को 2 नाली 9 मुट्ठी भूमि उपहार के रूप में दे दी। आरोप है कि यह सभी भूमि वक्फ की संपत्ति थी। जिसके बाद अन्य छह के खिलाफ भी मुकदमे की कार्रवाई की गई। हालांकि इस मामले में डम्पी ने हाईकोर्ट की शरण ली है और हाईकोर्ट से अपनी गिरफ्तारी पर स्टे भी ले लिया है। रामगढ़ क्षेत्र में अकबर अहमद डम्पी का कितना खौफ है इसे इससे समझा जा सकता है कि जब ‘दि संडे पोस्ट’ टीम स्थलीय निरीक्षण करने रामगढ़ क्षेत्र में पहुंची तो गांव का कोई भी व्यक्ति डम्पी के मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुआ। डम्पी ने वक्फ बोर्ड की जिस जमीन को कब्जाया हुआ है उस जमीन को बताने से भी स्थानीय निवासी डर रहे थे। फिलहाल अकबर अहमद डम्पी किच्छा क्षेत्र के गांव बखपुर में एक बड़ा कृषि फार्म बनाकर वहां रह रहे हैं। इस कृषि फार्म को इस्लाम फार्म कहा जाता है।
नोटः- डम्पी को फोन कियाा गया लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया।
कौन हैं अकबर अहमद डम्पी
अकबर अहमद डम्पी का नाम यूपी के बाहुबली नेताओं में शुमार रहा है। 80 के दशक में उनका दबंगई में पहले नंबर पर नाम आता था। डम्पी का जन्म 30 जून 1948 को उत्तर प्रदेश राज्य के आजमगढ़ में हुआ। आजमगढ़ से ही वे 12वीं और 14वीं लोकसभा (1998-99) के सदस्य रहे थे। अकबर अहमद डम्पी ने अपनी स्कूली शिक्षा देहरादून के प्रसिद्ध दून स्कूल से पूरी की। बाद में वे कैनिंग कॉलेज भी गए। डम्पी 1980 में इंदिरा कांग्र्रेस के सदस्य के रूप में हल्द्वानी से उत्तर प्रदेश विधानसभा के विधायक भी बने थे। बताया जाता है कि वे संजय गांधी के दाहिने हाथ रहे। संजय गांधी मंडली ने ही उन्हें ‘डम्पी’ नाम दिया था। 1980 में संजय गांधी की मृत्यु के बाद मेनका गांधी के सम्बंध स्व. इंदिरा संग तल्ख हो गए थे और उन्हें इंदिरा गांधी ने घर से बेदखल कर दिया था। तब डम्पी ने मेनका का साथ दिया। इंदिरा गांधी ने 1982 में अकबर अहमद डम्पी को कांग्रेस से निलम्बित कर दिया था। जब मेनका गांधी ने संजय विचार मंच की शुरुआत की तो उन्होंने अकबर अहमद को इसका संयोजक नियुक्त किया। 1987 में डम्पी फिर से काशीपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से उपचुनाव में उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए विधायक चुने गए। मेनका गांधी के संजय विचार मंच के उम्मीदवार के रूप में डम्पी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार अम्मार रिजवी को हराया था। डम्पी ने अभिनेत्री नैना बलसावर से दूसरी शादी की हैं।
हम पहले से ही कहते आ रहे हैं कि वक्फ की जमीनों पर लूट मची हुई है। बड़े-बड़े माफियाओं ने जमीनों पर कब्जे करके उन्हें खुर्द-बुर्द कर दिया है। हमारी सरकार ऐसे माफियाओं पर मुकदमा दर्ज कर रही है। सरकार इनके खिलाफ हर तरह की कार्रवाई करने को तैयार है। रामगढ़ की जिस जमीन पर अकबर अहमद डम्पी ने कब्जा किया है उस पर एफआईआर तो हो गई है लेकिन इसकी विवेचना भी होनी चाहिए। जिसमें यह जांच होनी चाहिए कि वक्फ के लिए दी गई जमीन को डम्पी ने कैसे अपने नाम कर दिया और यह जमीन पर कब्जा कैसे हुआ?
शादाब शम्स, अध्यक्ष, वक्फ बोर्ड उत्तराखण्ड
रानीखेत में भी लगे जमीन कब्जाने के आरोप
रानीखेत में ताड़ीखेत ब्लाक के सिवाल मटियाली में भी अकबर अहमद डम्पी पर स्थानीय लोगों की जमीन कब्जाने के आरोप लगे हैं। जानकारी के अनुसार डम्पी ने यहां लगभग 51 नाली (करीब ढ़ाई एकड़) जमीन खरीदी थी। ग्रामीणों का आरोप है कि बाहुबली नेता के लोगों ने खरीदी गई जमीन के अलावा उनकी नापभूमि पर अवैध कब्जा कर लिया है। एसडीएम रानीखेत के न्यायालय में भी यह मामला पहुंचा था। स्थानीय व्यक्ति चंद्रशेखर तिवारी ने इस बाबत मुख्यमत्री पुष्कर सिंह धामी और अल्मोड़ा के जिलाधिकारी को ट्वीट कर डम्पी पर ग्रामीणों की जमीन पर अवैध कब्जे का सीधा आरोप लगाया था। इस पर तत्कालीन डीएम वंदना सिंह ने संयुक्त मजिस्ट्रेट रानीखेत को जांच के निर्देश दिए। कानूनगो हनीफ बेग व राजस्व उपनिरीक्षक कुमार सानू टीम लेकर सिवाल मटियाली पहुंचे। डम्पी की खरीदी गई भूमि से जुड़ी खतौनी की जांच की गई। ग्रामीणों का यह भी आरोप था कि डम्पी के लोगों ने पिलर लगा वह भूमि भी घेर ली है जो उन्होंने बेची ही नहीं है। बाद में प्रशासन ने ग्रामीणों की जमीन पर लगे पिलर हटा दिए।