देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भाजपा में इन दिनों प्रदेश अध्यक्षों से लेकर संगठन में फेरबदल जोरों पर है। पहले सदस्यता अभियान और बूथ कमेटियों के स्तर पर चुनाव हुए। उसके बाद प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव सम्पन्न हो रहे हैं। अब तक 14 राज्यों में ये प्रक्रिया पूरी हो गई है बस प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान होना बाकी रह गया है। राजनीतिक गलियों में सवाल उठ रहे हैं कि झारखंड भाजपा की कमान किसे मिलेगी। ऐसे में कई नामों पर कयास लगाए जा रहे हैं। जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, सांसद विद्युत वरण महतो, मनीष जायसवाल और आदित्य साहू के नाम शामिल हैं। पार्टी के इन बड़े नेताओं के नाम पर चर्चाओं का दौर चल रहा है। इन सबके बीच बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के साथ-साथ नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सम्भाल रहे बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में संगठन का कामकाज जैसे-तैसे चल रहा है।
रांची के भाजपा सांसद और देश के रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ से जब एक प्रेस काॅन्फ्रेंस में इस विषय पर पूछा गया तो वे गोलमोल जवाब देते नजर आए। उनका कहना है कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर निर्णय लेगा। संगठनात्मक चुनाव पूर्ण होने में हो रही देरी पर भाजपा मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक कहते हैं कि जिलों में यह प्रक्रिया चल रही है। हालांकि थोड़ी देरी जरूर हुई है लेकिन सब कुछ समय पर हो जाएगा। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष को देरी की एक वजह यह भी है कि संगठन पर्व के जरिए प्रदेश में नए सिरे से संगठनात्मक ढांचा तैयार करने में जुटी बीजेपी अभी भी विधानसभा चुनाव परिणाम से उबर नहीं पाई है। इसलिए पार्टी के अंदर जो उत्साह संगठन पर्व में भी दिखना चाहिए था वह नहीं दिख रहा है।