देश की सबसे बड़ी पंचायत संसद के दोनों सदनों से वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने के बाद ऐसा लग रहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने विधेयक का समर्थन कर गलती कर दी है। जेडीयू के नेता मोहम्मद कासिम अंसारी और मोहम्मद शाहनवाज मलिक ने अपने-अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इन दोनों ने त्यागपत्र में लिखा कि हम जैसे लाखों-करोड़ों भारतीय मुसलमानों का अटूट विश्वास था कि आप विशुद्ध रूप से सेक्युलर विचारधारा के ध्वजवाहक हैं, लेकिन अब यह यकीन टूट गया है। जेडीयू और नीतीश कुमार दोनों को अलविदा।’ शाहनवाज मलिक ने कहा कि नीतीश कुमार ने वक्फ पर समर्थन दिया है यह बहुत ही अफसोस की बात है। जिस तरह से ललन सिंह ने सदन में तेवर के साथ अपनी बात रखी है यह हम लोगों के लिए बहुत ही दुखद है। बहुत इंतजार और उम्मीद के बाद सारी बात सामने आने से हम मुसलमानों का दिल टूटा है।
इसलिए जेडीयू और नीतीश कुमार दोनों को अलविदा कहता हूं। इसके बाद से प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। आरजेडी ने कहा कि शासन अच्छा वही माना जाता है जो माइनाॅरिटी का ख्याल रखे। वक्फ विधेयक मुस्लिमों के खिलाफ साजिश है। जेडीयू के मुस्लिम नेता वक्फ विधेयक का विरोध कर रहे हैं और पार्टी छोड़ रहे हैं। जेडीयू में अभी और भगदड़ मचने वाली है। यही नहीं आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने भी जेडीयू में टूट का दावा कर कहा कि लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन कर जेडीयू की पोल खुल गई है। नीतीश का तथाकथित सेक्युलर चोला बेनकाब हो गया है। जेडीयू के मुस्लिम एवं गैर मुस्लिम नेताओं में भी भारी आक्रोश है जो नजर भी आ रहा है। राज्य में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन बिहार सरकार इससे पहले ही धराशायी हो सकती है। जेडीयू को बचाना अब मुश्किल है। गौरतलब है कि संसद में जेडीयू ने विधेयक का समर्थन किया लेकिन पार्टी दो हिस्सों में बंटती दिख रही है।