बॉलीवुड और साउथ इंडस्ट्री में इन दिनों जमकर जुबानी जंग चल रही है। साउथ इंडस्ट्री के स्टार अभिनेता महेश बाबू द्वारा बॉलीवुड पर दिए गए बयान से जमकर हंगामा हो रहा है। साउथ फिल्मों की सुपर स्टार अभिनेता महेश बाबू ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हिंदी सिनेमा पर तंज कसते हुए कहा था कि बॉलीवुड वाले उन्हें अफोर्ड नहीं कर सकते हैं। उन्होंने अपने बयान में हिंदी सिनेमा में आने के लिए साफ इंकार कर दिया है। महेश बाबू के इस बयान पर बॉलीवुड सितारों में जबरदस्त आक्रोश है। अभिनेता रणवीर सिंह ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि साउथ की फिल्में अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। जल्द ही हिंदी फिल्में भी ऐसा प्रदर्शन करेंगी। मुझे फिल्मों के बिजनेस को लेकर कोई आइडिया नहीं है। क्योंकि मैं तो एक
आर्टिस्ट हूं। क्योंकि न तो मैं प्रोड्यूसर हूं और न ही ट्रेड पर्सन हूं। मैं एक पेड प्रोफेशनल हूं। मुझे सिर्फ अभिनय दिखाने के पैसे मिलते हैं। इसलिए मैं सिर्फ यही कह सकता हूं कि साउथ की हिंदी डब फिल्में और पैन इंडिया फिल्में ही असल में
बेहतरीन फिल्म है। मेरे हिसाब से कम से कम भारतीय सिनेमा के दायरे में भाषा के आधार पर कोई अंतर नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा मैं तेलगु नहीं बोलता लेकिन मैंने पुष्पा और आरआरआर दोनों देखी हैं मैं इन फिल्मों से बहुत प्रभावित हूं। मैं इन फिल्मों के क्राफ्ट और काम की सराहना करता हूं। मैंने इन फिल्मों को कभी दूसरी फिल्मों के रूप में नहीं देखा। ये तो सब अपना ही है। भारतीय सिनेमा एक है।
रणवीर के बाद अभिनेता सुनील शेटी ने भी महेश बाबू पर जमकर प्रहार किया है। उन्होंने महेश बाबू पर तंज कसते हुए कहा कि बाप हमेशा बाप ही रहेगा। सुनील शेटी ने एक मीडिया चैनल के इंटरव्यू के दौरान कहा कि मुझे लगता है कि बॉलीवुड वर्सेज साउथ फिल्म इंडस्ट्री का सीन सोशल मीडिया पर बनाया गया है। अगर डिजिटल प्लेटफॉर्म को देखा जाए तो वहां भाषा नहीं सिर्फ कंटेंट मैटर करता है। सच तो यह है कि दर्शक फैसला ले रहे हैं कि उन्हें क्या देखना है क्या नहीं। मैं भी साउथ से आता हूं। लेकिन मेरी कर्मभूमि मुंबई है और इसलिए हमें मुंबईकर कहा जाता है। हमारी समस्या यह है कि हम ऑडियंस को भूल चुके हैं। सिनेमा हो या ओटीटी बाप,बाप रहेगा और बाकी के फैमिली मेंबर्स, सिर्फ मैबर्स रहेंगे। बॉलीवुड तो बॉलीवुड ही रहेगा और हमें सोचना चाहिए कि इस वक्त कंटेंट ही किंग है। अगर आप इंडिया को पहचानोगे तो बॉलीवुड के हीरोज को भी पहचान ही लेंगे।
बॉलीवुड और साउथ सिनेमा की यह जुबानी जंग पहले भी हो चुकी है। कुछ दिनों पहले किच्चा सुदीप और अजय देवगन के बीच भी ऐसा देखने को मिला था। किच्चा सुदीप ने केजीएफ-2 की सक्सेज के बाद कहा था कि हिंदी अब राष्ट्र भाषा नहीं रही है। बॉलीवुड पैन इंडिया फिल्में बनाने में स्ट्रगल कर रहा है। जबकि साउथ इंडस्ट्री पहले से सफल रही है उनके इस बयान के बाद अजय देवगन ने सुदीप के इस बयान पर मुंहतोड़ जवाब दिया था। अजय ने कहा कि अगर हिंदी राष्ट्रीय भाषा नहीं है। तो साउथ की इंडस्ट्री के मेकर्स अपनी फिल्मों को हिंदी में डब करके रिलीज क्यों करते है। हिंदी हमारी मातृभाषा थी, है और हमेशा रहेगी। जनगण मन। इसके बाद कई साउथ अभिनेता और बॉलीवुड के अभिनेताओं के बीच ट्वीटर वॉर भी चला। लेकिन सच तो यह है कि काफी अर्से से कोई बॉलीवुड फिल्म इतनी कमाई नहीं कर पार ही है जितनी कमाई साउथ की फिल्में कर रही हैं। साउथ की फिल्में तमिल, तेलगु और कन्नड़ के अलावा बड़ी मात्रा में हिंदी बेल्ट में भी पसंद की जा रही है और करोड़ों रुपये की कमाई कर रही हैं।