आपको ये गाना तो याद ही होगा ‘ ठंडे-ठंडे पानी से नहाना चाहिए, गाना आये या न आये गाना चाहिए..’, ये गीत 1978 में आई फ़िल्म ‘पति पत्नी और वो’ का है।जिसमें मुख्य किरदार निभाया था संजीव कुमार और विद्या सिन्हा ने। इस गाने के बोल ने जहाँ हिंदी सिनेमा प्रेमियों के दिल मे जगह बनाई तो वहीं लाल साड़ी में अपनी सादगी से विद्या सिन्हा ने सबका मन मोह लिया था।
‘विद्या सिन्हा’ जिन्होंने कम फिल्में करके भी दर्शकों में गहरी छाप छोड़ी। भारतीय फ़िल्म इंडस्ट्री में खूबसूरती की एक अलग अंदाज में अपनी सादगी से विद्या सिन्हा ने अपना डेब्यू 1974 में आई फ़िल्म ‘रजनीगंधा’ से किया।
वही रजनीगंधा जिसका टाइटल गीत आज भी संगीत प्रेमियों के स्मृति में अपना घर बनाये हुए है।

उनके अभिनय की इस शुरुआत में उनके साथ थे अमोल पालेकर और दिनेश ठाकुर।
विद्या सिन्हा ने कहीं से भी एक्टिंग की क्लासेज नहीं ली थी और न ही अमोल पालेकर किसी एक्टिंग संस्थान से जुड़े थे। उन दोनों के साथ थे, दिनेश ठाकुर , जो थिएटर के मंझे हुए कलाकार थे।
उन्होंने ही विद्या सिन्हा को अभिनय का ककहरा सिखाया।
पहली ही फ़िल्म की अपार सफलता के बाद विद्या सिंहा ने कभी मुड़ कर नहीं देखा। उनकी अगली ही फ़िल्म बीआर चोपड़ा बैनर से थी।
उस जमाने मे बीआर चोपड़ा बैनर सबसे बड़ा बैनर हुआ करता था, उसमे काम करने के बाद तो विद्या सिन्हा बड़े-बड़े अभिनेताओं के साथ फिल्मों में नज़र आने लगीं।
जैसे, राजेश खन्ना, विनोद मेहरा, शत्रुघ्न सिन्हा आदि।
उनकी अभिनीत फिल्मों में ‘रजनीगंधा’ और ‘छोटी सी बात’ को दर्शकों से खूब सराहना मिली।

उन्होंने अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए दूसरी शादी नेता भीम राव सालंकु से की, जो बंधन ज्यादा दिनों तक नहीं चल सका।

अपनी बेटी जाह्नवी के कहने पर
उन्होंने टीवी सीरियल्स में काम करना शुरू किया। उन्होंने बहुरानी, काव्यांजलि, हम दो हैं ना, इश्क का रंग सफेद आदि सीरिअल्स में काम किया।
उनको आखिरी बार ‘कुल्फी कुमार बजेवाला’ सिरिअल के लिए काम किया।
15 अगस्त 2019 को विद्या सिन्हा का दिल और फेफड़े की बीमारी की वजह से निधन हो गया लेकिन ‘मिस बॉम्बे’ रह चुकी विद्या सिन्हा को भारतीय सिनेमा में सदैव गर्व से याद किया जाएगा।