अनन्या पांडे, दीपिका पादुकोण, सिद्धांत चतुर्वेदी और धैर्यकरवा की फिल्म ‘गहराइयां’ हाल ही में अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई है। फिल्म का निदेशन शकुन बत्रा ने किया है। फिल्म ‘गहराइयां’ में किरदारों के बहाने जीवन में रिश्तों के समांतर उलझनों को समझने या दिखाने की कोशिश की गई है। अलीशा (दीपिका पादुकोण) और जैन (सिद्धांत चतुर्वेदी) को एक-दूसरे का साथ अच्छा लगता है। लेकिन इस रिश्ते के धागे उलझे हुए हैं। इसमें एक-दूसरे के साथ सुकून तो है। लेकिन साथ ही दुख दर्द और दवा भी है। इस फिल्म में एडल्ट के नाम पर जबरदस्ती की गालियां भी सुनाई गई हैं। दीपिका और सिद्धांत के बीच काफी हॉट केमिस्ट्री दिखाई है। जिस तरह से फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ था जिसको देखने के लिए लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। लेकिन फिल्म को देखने के बाद लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी भड़ास निकाली है। कई ने लिखा कि फिल्म का नाम ‘गहराइयों’ की जगह इसमें दी जानी वाली गाली होना चाहिए था।
फिल्म में जैन एक रियल स्टेट का हॉट शॉट है। अलीशा एक योग टीचर है। पहली मुलाकात में ही दोनों एक-दूसरे के करीब आते हैं। लेकिन दोनों के इस प्यार से अलग असल दुनिया भी है। जिसकी सच्चाई इस रिश्ते को बड़ा झटका देती है। अलीशा की एक कजिन है रिया (अनन्या पांडे) जिसकी शादी जैन से होती है। दूसरी तरफ खुद अलीशा भी 6 साल से करण (धैर्य करवा) के साथ लिव इन रिलेशन में है। लेकिन दोनों ही अपने इस रिश्ते को छुपाते हुए एक ऐसी राह पर आगे बढ़ते है जहां सिर्फ फिसलन है। क्या उनको रोमांस इस फिसलन भरी राह को पार कर सकेगा? अलीशा बचपन से ही यातना भरी जिंदगी जी रही है। उसका आज और बीता हुआ कल दोनों परेशानी भरा रहा है। उसे आज भी याद है उसकी मां को कैसे दिखाया गया था। वह इससे उबर नहीं पा रही है।
हालांकि इसका सच भी कुछ और है। मोहब्बत को लेकर हमारी जो सोच है। इसमें हमारे परेंटस के बीच प्यार की छाप जरूर होती है। अलीशा के साथ भी ऐसा ही है। यह भी कहां जा सकता है कि फिल्म की कहानी, नई जनरेशन की कहानी है। बड़े शहर के लोगों की कहानी है। दीपिका और सिद्धांत चतुर्वेदी के चुम्बनों, आलिंग्नो और अंतरंग पलों से दर्शक में उत्तेजना जगाने की
कोशिश की गई लेकिन कहानी में लाजिक न होने की वजह से बोरियत होती है। नसीरूद्दीन शाह और रजत कपूर का किरदार छोटा लेकिन शानदार है। दीपिका पादुकोण ने फिर साबित कर दिया है कि वे बेहतरीन अभिनेत्री है।
फिल्म में कुछ डायलॉग बहुत बढ़िया है। लेकिन लेखक न तो किरदारों में कोई जान डाल पाए और न ही उन्होंने कहानी में रोचकता पैदा की है। इस फिल्म में सिद्धांत चतुर्वेदी ने बहुत निराश किया है। अनन्या भी कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ पायी। फिल्म में थोड़ी बहुत जान बस दीपिका की वजह से है। कुल मिलाकर ‘गहराइयों’ ने दर्शकों को निराश किया है।