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आखिरकार खत्म हुआ ‘इमरजेंसी’ का इंतजार

 

पिछले काफी समय से कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ चर्चा में बनी हुई है। सिनेमाघरों में इसको देखने के लिए उनके प्रशंसक लगभग छह महीनों से इंतजार कर रहे हैं, वहीं अब खबर है कि केंद्रीय सेंसर बोर्ड से कुछ बदलावों के साथ इसे हरी झंडी मिल गई है। यानी फिल्म के रिलीज होने का रास्ता साफ होने के साथ ही इसके सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने की तारीख का भी ऐलान हो गया है

बॉलीवुड क्वीन के नाम से माहूर कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ पिछले काफी समय से विवादों चलते सुर्खियों में बनी हुई है। इस फिल्म को सिनेमाघरों में देखने के लिए दर्शक करीब छह महीने से इंतजार कर रहे हैं। अब इसके रिलीज डेट को लेकर कंगना ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर जानकारी दी है। कंगना ने लिखा है कि सेंसर बोर्ड से हरी झंडी मिलने के बाद आखिरकार फिल्म की रिलीज का रास्ता साफ हो गया है। यह फिल्म अगले साल 17 जनवरी को सभी सिनेमाघरों में प्रदर्शित होगी।

गौरतलब है कि कंगना की फिल्म ‘इमरजेंसी’ पहले इसी साल 14 जून को रिलीज होने वाली थी, लेकिन इस दौरान कंगना ने भाजपा में शामिल हो राजनीति में एंट्री की थी और चुनावी प्रचार की वजह से इसे टाल दिया था। इसके बाद फिल्म 6 सितंबर को रिलीज होने वाली थी, मगर बाद में फिर से इसकी रिलीज की तारीख में परिवर्तन किया गया क्योंकि 14 अगस्त को ट्रेलर रिलीज होने के बाद लोगों ने फिल्म को लेकर कई सवाल खड़े किए और इसे केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिलने में भी काफी देरी हुई। यहां तक कि पंजाब में फिल्म को लेकर प्रदर्शन भी हुआ और ट्रेलर पर सिख समुदाय के लोगों ने आपत्ति जता फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। यह मामला बाद में कोर्ट गया। इसके बाद सेंसर बोर्ड ने कुछ बदलावों और डिस्क्लेमर में जोड़ने को कहा, जिसके बाद कंगना रनौत ने इन नियमों और बदलावों पर हामी भरी और फिर फिल्म को सर्टिफिकेट मिलने के बाद ऐलान किया कि फिल्म अगले साल जनवरी में देश के सभी सिनेमाघरों में प्रदर्शित की जाएगी।

कंगना ने इंस्टाग्राम पर शेयर किया पोस्ट
अपने सोाल मीडिया अकाउंट इंस्टाग्राम पर कंगना ने पोस्ट कर फिल्म की नई रिलीज डेट के बारे में बताया है। पोस्ट में कंगना ने कहा ‘देश की सबसे शक्तिसाली महिला की महागाथा और वह क्षण जिसने भारत की नियति बदल दी। ‘इमरजेंसी’ अगले साल 17 जनवरी को सिनेमाघरों में रीलीज होगी। कंगना के इस अनाउसमेंट के बाद से ही उनके प्रशंसक फिल्म को लेकर काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं।

कई बदलावों के बाद मिला फिल्म को ‘यूए’ सर्टिफिकेट केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ को ‘यूए’ सर्टिफिकेट जारी करने के बाद इसमें करीब 13 कट लगाने का आदेश दिया था। बोर्ड द्वारा सुझाए गए नए कट में कुछ हिंसक दृश्य और जरनैल सिंह भिंडरावाले का एक संवाद को हटाना शामिल है, जो उस समय खालिस्तान आंदोलन की स्थापना में एक प्रमुख नाम था। यह निर्णय कई सिख समूहों द्वारा की गई कई शिकायतों के बाद लिया गया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि फिल्म में सिख समुदाय को गलत तरीके से दिखाया गया है। फिल्म का सर्टिफिकेट हाल ही में सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसमें बताया गया है कि इसका रनटाइम 147 मिनट से घटाकर 146 मिनट कर दिया गया है। इससे पता चलता है कि फिल्म में की गई कटौती कुल मिलाकर बस एक मिनट की हुई है।

किन-किन दृश्यों पर उठा था विवाद
बोर्ड ने फिल्म ‘इमरजेंसी’ की टीम से कहा है कि वे इस बात को डिस्क्लेमर में शामिल करें कि फिल्म की घटनाएं ‘सच्ची घटनाओं से प्रेरित’ हैं या आपातकाल के दौरान हुई घटनाओं का ‘नाटकीय रूपांतरण’ को दर्शाती हैं। बोर्ड ने यह कहा था कि फिल्म देखने वाले दर्शकों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि वह जो फिल्म देख रहे हैं वह पूरी तरह से सच पर आधारित नहीं है। सीबीएफसी ने फिल्म की टीम से उस सीन के ऐतिहासिक सबूत पेश करने को कहा जिसमें पंडित जवाहरलाल नेहरू यह कहते हुए दिखाई देते हैं कि ‘चीन ने असम को भारत से काट दिया था’। कथित तौर पर यह सीन फिल्म की शुरुआत में दिखाया गया है और बोर्ड ने इमरजेंसी की टीम से इस सीन का सोर्स बताने को कहा था।

इमरजेंसी फिल्म में भिंडरावाले और संजय गांधी के बीच एक बातचीत दिखाई गई है जिसमें भिंडरावाले संजय गांधी से यह कहते हैं कि आपकी पार्टी को वोट चाहिए जबकि हमें खालिस्तान चाहिए। सीबीएफसी ने इस सीन को फिल्म से हटाने के लिए कहा था, वहीं बोर्ड ने इस दृश्य के सोर्स के इसके बारे में भी फिल्म की टीम से पूछा था। इस फिल्म से भिंडरावाले के कम से कम तीन सीन को बोर्ड ने हटाने के लिए कहा था। इनमें से एक सीन में संजय गांधी और राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के बीच बातचीत है, जबकि दूसरे सीन में इंदिरा गांधी सेना प्रमुख से बात करती हैं। इस फिल्म में एक जगह भिंडरावाले को संत कहने पर बोर्ड ने आपत्ति जताई है। बोर्ड ने भिंडरावाले को संत कहे जाने वाले सीन को हटाने के लिए कहा था। बोर्ड ने फिल्म में दिखाई गई हिंसा के स्तर को कम करने के लिए भी कहा। इसमें सिखों द्वारा गैर-सिखों पर हिंसा करना शामिल है। फिल्म के एक सीन में सिख समुदाय के सदस्य बस के सामने गैर-सिख व्यक्ति को गोली मारते हुए दिखाई देते हैं। बोर्ड ने इन सभी पर आपत्ति जताई है। फिल्म के एक और सीन पर बोर्ड ने अपनी आपत्ति जताई है जिसमें इंदिरा गांधी सेना प्रमुख से बातचीत करती हैं। दोनों ऑपरेशन ब्लूस्टार पर चर्चा करते हैं और बताते हैं कि इसे अर्जुन दिवस पर शुरू होना था। जो सिख के पांचवें गुरु हैं, गुरु अर्जुन की शहादत की सालगिरह का दिन है। बोर्ड ने निर्माताओं से इस सीन को हटाने के लिए कहा। बोर्ड ने निर्माताओं से अनुरोध किया है कि वे अतीत में वास्तविक जीवन की फुटेज का उपयोग करने वाली जगहों पर एक आसान सा डिस्केलमर डालें, जिससे दर्शकों को सीन के बारे में पता हो। बोर्ड ने निर्माताओं से कहा कि वे फिल्म में इस्तेमाल किए गए हर आंकड़े, बयान और संदर्भ का सबूत और फेक्चुअल सोर्सेस के बारे में बताए न की शहादत की सालगिरह का दिन। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस फिल्म में कौन-कौन से कट लगाए गए हैं। यह फिल्म अगले साल 17 जनवरी को सिनेमाघरों में आएगी।

फिल्म में नजर आएंगे ये कलाकार
कंगना रनौत इस फिल्म की राइटर, डॉयरेक्टर और निर्माता के साथ ही बतौर मुख्य एक्ट्रेस भी काम कर रही हैं। इस फिल्म में अनुपम खेर, मिलिंद सोमन, महिमा चौधरी और श्रेयस तलपड़े जैसे कई बेहतरीन कलाकार हैं। श्रेयस तलपड़े ने अटल बिहारी वाजपेयी का किरदार निभाया है, जबकि अनुपम खेर ने जयप्रकाश नारायण का किरदार निभाया है। दिवंगत अभिनेता सतीश कौशिक भारत के पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम की भूमिका में नजर आ रहे हैं।

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