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शाहरुख खान की फिल्म ‘जवान’ बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ कमाई कर रही है। सिनेमाघरों से लेकर सोशल मीडिया तक फिल्म की काफी चर्चा हो रही है। हर कोई अपने नजरिए से फिल्म की समीक्षा कर रहा है। कोई सिनेमा की नजर से तो कोई सियासी आंखों से फिल्म को देख रहा है। फिल्म के एक्शन, डायरेक्शन, ग्लैमर, कलर, एक्ंिटग और वीएफएक्स के साथ इसके विषय पर लोग ज्यादा बातें कर रहे हैं। सबसे ज्यादा चर्चा फिल्म में उठाए गए मुद्दों की हो रही है। फिल्म समीक्षकों का कहना है कि देश के मुद्दों को बड़े पर्दे पर लेकर आना सिनेमा जगत में एक नई पहल है, जिसकी काफी सराहना की जा रही है

फिल्म ‘जवान’ के एक दृश्य में शाहरुख

शाहरुख खान अपनी एक्टिंग और सुपरहिट फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। इनकी कई ऐसी फिल्में हैं जिनका रिकॉर्ड कोई फिल्म नहीं तोड़ पाई है लेकिन 7 सितंबर 2023 को रिलीज हुई शाहरुख खान की फिल्म ‘जवान’ ने खुद उन्हीं के बनाये रिकॉर्ड्स को तोड़ दिया है। यह फिल्म दर्शकों को इतनी पसंद आ रही है कि इस फिल्म ने महज चार-पांच दिन में लगभग 600 करोड़ रुपए की कमाई कर नया रिकॉर्ड बनाया है। जवान फिल्म न केवल किंग खान की एक्टिंग बल्कि कई वजहों से चर्चा में है। फिल्म के एक्शन, डायरेक्शन, ग्लैमर, कलर, एक्टिंग और वीएफएक्स की लोग काफी तारीफ कर रहे हैं। इस फिल्म में न केवल द्वएंटरटेनमेंट बल्कि इस फिल्म में जनता, समाज, राजनीति को लेकर काफी मुद्दे उठाए गए हैं, जिसको लेकर आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उसके राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं।

फिल्म ‘जवान’ कोई एक कहानी नहीं है, बल्कि इसे कई छोटे- छोटे मुद्दों को एक पैकेज के रूप में दर्शाया गया है। इस फिल्म में भ्रष्टाचार समेत ऐसे कई मुद्दों को शामिल किया गया है। कहा जा रहा है कि जैसे विपक्ष मोदी सरकार पर हमला करता है, उसी एजेंडे को ‘जवान’ आगे बढ़ा रही है। इसी वजह से इस फिल्म का ‘राजनीतिक विश्लेषण’ भी किया जा रहा है।

‘जवान’ में उठाए गए मुद्दों में कितनी हकीकत

लोन माफी घोटालाः फिल्म ‘जवान’ में दिखाया गया है कि कैसे सरकार के द्वारा कुछ खास कारोबारियों के लाखों करोड़ रुपए के लोन को माफ कर दिया जाता है। दूसरी तरफ गरीब किसानों को ट्रैक्टर खरीदने के लिए 13 फीसदी की दर से लोन लेना पड़ता है। फिल्म में साउथ सिनेमा के सुपरस्टार विजय सेतुपति का किरदार मशहूर कारोबारी विजय माल्या से प्रेरित है, जिसका 40 हजार करोड़ का लोन सरकार के द्वारा माफ कर दिया जाता है। डॉ कफील खान केसः इस फिल्म में गोरखपुर ऑक्सीजन कांड की कहानी को भी भलीभांति दर्शाया गया है। 10 अगस्त 2017 को गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से 70 से ज्यादा इन्सेफेलाइटिस पीड़ित बच्चों की मौत हो गई थी। इसका ठीकरा मेडिकल कॉलेज के एक डॉक्टर कफील खान के सिर फोड़ दिया गया था। उन्हें आरोपी बनाकर जेल भेज दिया गया, लेकिन दो साल के बाद उनके खिलाफ किसी भी तरह का एविडेंस न मिलने पर कोर्ट ने उन्हें इस केस से बरी कर दिया था। फिल्म में एक्ट्रेस सान्या मल्होत्रा का किरदार डॉक्टर कफील से प्रेरित लिया गया है। उन्हें बच्चों की मौत का जिम्मेदार बताकर जेल भेज दिया जाता है, जबकि इसके असल जिम्मेदार अस्पताल के डीन और हेल्थ मिनिस्टर होते हैं।

रक्षा घोटालाः इस फिल्म में रक्षा घोटाले की कहानी भी दिखाई गई है। इसमें दिखाया गया है कि कैसे प्रधानमंत्री और उनके करीबी सहयोगियों की मदद से एक आर्म्स डीलर खराब हथियारों की सप्लाई करता है। इसकी वजह से एक मिशन में कई जवान शहीद हो जाते हैं। वैसे तो रक्षा घोटालों का एक लंबा इतिहास रहा है, लेकिन वर्तमान समय की बात करें तो कांग्रेस राफेल डील को लेकर मोदी सरकार को हमेशा कटघरे में खड़ा करती आई है। कांग्रेस का आरोप है कि इस डील में बड़ा घोटाला किया गया। इसे बिना टेंडर के 526 करोड़ की डील का सौदा 1600 करोड़ में तय कर दिया गया।

आर्यन खान ड्रग्स केसः फिल्म ‘जवान’ का एक डायलॉग है, ‘‘बेटे को हाथ लगाने से पहले बाप से बात कर’’ इसका मतलब कोई भी आसानी से समझा सकता है। शाहरुख खान अपने बेटे आर्यन खान की बात कर रहे हैं, जिनको फर्जी ड्रग्स केस में फंसाया गया था। सीबीआई जांच में खुलासा हुआ था कि कैसे फर्जी तरीके से आर्यन को ड्रग्स में फंसाया गया, ताकि उनके पिता से करोड़ों रुपए की उगाही की जा सके। इसके लिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के कुछ बड़े अधिकारियों ने दलालों से मदद भी ली थी। इन सबका शाहरुख खान से 25 करोड़ रुपए वसूलने का प्लान था, जिसमें सफलता नहीं मिल पाई, आर्यन को जमानत मिलने के बाद एनसीबी के कई अधिकारियों को सस्पेंड भी किया गया था।
वोटर को जागरूक करते शाहरुखः ‘‘जब आप दुकान पर एक मॉर्टिन भी खरीदने जाते हो जो सिर्फ 5 घंटे ही चलती है, उसके लिए भी दुकानदार से हजार सवाल करते हो, लेकिन 5 साल चलने वाली सरकार के लिए एक भी सवाल नहीं पूछते? डर, पैसा, संप्रदाय और जात- पात से ऊपर उठकर सवाल करो। सोच समझकर वोट करो।’’ शाहरुख खान जवान फिल्म के आखिर में लोगों को काफी सलाह देते हैं। लोगों को जागरूक करते हुए कहते हैं कि बिना सवाल किए किसी को वोट नहीं देना चाहिए। धर्म और जाति के चक्कर में अपना कीमती वोट नहीं बर्बाद करना चाहिए। आज जिस तरह का सियासी माहौल है, उसमें फिल्म की कई बातें सत्ता पक्ष को चुभ रही हैं।

किंग खान के दीवाने दर्शक
‘जवान’ फिल्म ने हर दिन 100 करोड़ से ज्यादा की कमाई की है। यह फिल्म हिंदी, तमिल और तेलुगु में रिलीज हुई है। फिल्म में शाहरुख खान के अलावा नयनतारा और विजय सेतुपति भी लीड रोल में हैं। वहीं, प्रियामणि, सान्या मल्होत्रा, लहर खान, संजीता भट्टाचार्य और रिद्धि डोगरा को भी अहम रोल में दर्शाया गया है। फिल्म को दर्शकों की खूब सराहना मिल रही है। दर्शकों से लेकर अभिनेता तक सभी को ‘जवान’ काफी पसंद आ रही है। अक्षय कुमार और अनुपम खेर समेत कई
अभिनेताओं ने शाहरुख की काफी तारीफ भी की है।

शाहरुख खान की दमदार वापसी
‘शाहरुख खान एक फिनोमिना हैं और शाहरुख के कमबैक में एक सबसे बड़ी चीज आई है उनकी संजीदगी, उनकी गंभीरता जो शुरू की फिल्मों में नहीं दिखाई दी हमें एक गंभीरता। एक लवर बॉय से एक सेंसिटिव और जिम्मेदार नागरिक का ट्रांसफॉर्मेशन है। यह बहुत बड़ी बात है, जिसने पठान को भी सुपर हिट किया और जवान को भी सुपर हिट किया। दूसरा हमें यह नहीं भूलना चाहिए। कोरोना महामारी के दौरान हमारा देश दो तरह की क्राइसिस से गुजर रहा था एक किसान आत्महत्या कर रहे थे, और दूसरा हेल्थ सिस्टम कोलास्प चुका था। इसे आसान भाषा में गॉड फादर सिड्रोम कहा जाता है। इसका मतलब है अमीरों और पैसे वाले लोगों से पैसा लेकर गरीबों में बाटना।

क्योंकि हमारा देश 140 करोड़ का देश है जिसमें 80 करोड़ की जनता 5 किलो अनाज पर जीवित हो उसमें यह फॉर्मूला हिट होने के काफी चांस हैं। इस फिल्म में भ्रष्टाचार के खिलाफ काफी लड़ाई लड़ी गई हैं, क्योंकि हमारे देश में भ्रष्ट्राचार चारों तरफ फैला हुआ है उसके खिलाफ बनाई गई फिल्म को दर्शक रिलेट कर पाते हैं और इसलिए काफी पसंद भी करते हैं। शाहरुख ने भी देश को बदलने की बात कही है, सिस्टम को बदलने और सही चीज को चुनने की बात रखी है जिसको जनता काफी पसंद कर रही है।
अजीत राय, फिल्म समीक्षक

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