फ्रांस की कान्स सिटी में आयोजित फिल्मों का महाकुंभ कान्स फिल्म फेस्टिवल का समापन हो चुका है। यह कान्स फिल्म फेस्टिवल जितना विश्व के लिए खास रहा उससे कहीं ज्यादा खास भारत के लिए रहा। इस साल के फेस्टिवल में भारत ‘कंट्री ऑफ ऑनर’ के रूप में शामिल हुआ था। यह रिवाज इस साल से ही शुरू किया गया है जिसका पहला मौका भारत को मिला। इस फेस्टिवल में भारतीय अभिनेता और अभिनेत्रियों ने शिरकत कर भारत का नाम विश्व में रोशन किया है इनमें कई बॉलीवुड स्टार्स ऐश्वर्या राय बच्चन, दीपिका पादुकोण, उर्वशी रौतेला, तमन्ना भाटिया, पूजा हेगड़े, नवाजुद्दीन सिद्दीकी और आर माधवन समेत अन्य कलाकारों ने रेड कॉरपेट पर जलवा बिखेरा। लेकिन 75वें कान फिल्म समारोह में सबसे बड़ा पुरस्कार स्वीडन ने जीता।
स्वीडन के रूबेन ओसलुंड को उनकी फिल्म ‘ट्रांएगल ऑफ सैडनेस’ के लिए बेस्ट फिल्म का पाम डि ओर पुरस्कार प्रदान किया गया। रूबेन ओसलुंड को इससे पहले 70 वें कान फिल्म समारोह (2017) में भी ‘द स्क्वेयर’ फिल्म के लिए बेस्ट फिल्म का पाम डि ओर पुरस्कार मिल चुका है। नेपाल के अविनाश विक्रम शाह को उनकी फिल्म ‘लोरी’ के लिए शॉर्ट फिल्म खंड में स्पेशल मेंशन का पुरस्कार मिला है जबकि भारत के शौनक सेन की डॉक्यूमेंट्री ‘ऑल दैट ब्रीद’ को गोल्डन आई पुरस्कार मिला है। कान्स फिल्म समारोह के इतिहास में पहली बार कोई पाकिस्तानी फिल्म आफिशियल सेलेक्शन में शामिल हुई, सैम सादिक की फिल्म ‘ज्वॉय लैंड’। इस फिल्म को अन सर्टेन रिगार्ड में जूरी प्राइज से नवाजा गया।
इस साल का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पुरस्कार ‘ग्रैंड प्रिक्स’ बेल्जियम के लुकास धोंट की फिल्म ‘क्लोज’ और फ्रांस के क्लेयर डेनिस की फिल्म ‘स्टार्स ऐट नून’ को संयुक्त रूप से मिला है। बेस्ट निर्देशक का पुरस्कार दक्षिण कोरिया के पार्क चान वुक को उनकी थ्रिलर फिल्म ‘डिसीजन टू लीव’ के लिए प्रदान किया गया। बेस्ट पटकथा का पुरस्कार इजिप्ट मूल के स्वीडिश फिल्मकार तारिक सालेह को फिल्म ‘ब्वॉय फ्राम हेवन’ के लिए मिला है। जूरी प्राइज बेल्जियम के फेलिक्स वान गोएनिंजेन और शरलोट वांडेरमियर को उनकी फिल्म ‘दि एट माउंटेन’ तथा पोलैंड के जेर्जी स्कोलिमोवस्की की फिल्म ‘ईओ’ को प्रदान किया गया है।
कान्स फिल्म समारोह की 75वीं जयंती पर प्रिक्स 75 का विशेष पुरस्कार बेल्जियम के ज्यां पियरे डारडेन और लुक डारडेन बंधुओं को उनकी फिल्म ‘टोरी एंड लोकिता’ के लिए मिला है। ईरानी मूल के डेनिश फिल्मकार अली अब्बासी की फिल्म ‘होली स्पाइडर’ में यादगार भूमिका के लिए जार अमीर इब्राहिमी को बेस्ट अभिनेत्री और जापानी फिल्मकार कोरे ईडा हिरोकाजू की दक्षिण कोरियाई फिल्म ‘ब्रोकर’ में उत्कृष्ट अभिनय के लिए सोंग कांग हो को बेस्ट अभिनेता के पुरस्कार से नवाजा गया है।
कान्स फिल्म फेस्टिवल के समापन समारोह में फ्रेंच अभिनेता विंसेंट लिंडो (अध्यक्ष), ईरानी निर्देशक असगर फरहादी, भारतीय अभिनेत्री दीपिका पादुकोण आदि की जूरी ने इन पुरस्कारों की घोषणा की। दुनिया भर की छोटी बड़ी 147 फिल्मों के प्रदर्शन के साथ 75वां कान्स फिल्म समारोह सम्पन्न हो गया है। कोरोना वायरस के संकट के बाद यह सबसे बड़ा ऐसा फिल्म समारोह था जिसमें स्वास्थ्य संबंधी कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया। भारत में आजादी का अमृत महोत्सव चल रहा है। आजादी की 75वीं जयंती को देखते हुए सबसे ज्यादा भारतीय इस बार कान्स फिल्म समारोह में आए।
इस बार कान्स क्लासिक में भारतीय राष्ट्रीय फिल्म आर्काइव, पुणे द्वारा संरक्षित सत्यजीत राय की बांग्ला फिल्म ‘प्रतिद्वंद्वी’ (1970) और शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर द्वारा संरक्षित जी अरविंदम की मलयालम फिल्म ‘थम्प, द सर्कस टेंट’ (1978) दिखाई गई। स्पेशल स्क्रीनिंग में दिल्ली के शौनक सेन की फीचर डाक्यूमेंट्री ‘ऑल दैट ब्रीद’ और प्रथम खुराना की शॉर्ट फिल्म ‘नौहा’ को काफी पसंद किया गया। कान्स फिल्म बाजार में इस बार भले ही भारत को ‘ऑनर आफ द कंट्री’ का दर्जा दिया गया हो या दीपिका पादुकोण को मुख्य जूरी में लिया गया हो, पूरे समारोह में भारत की उपस्थिति मुख्य समारोह में अलग थी। भारत की उपस्थिति इंटरनेशनल विलेज के इंडियन पैविलियन तक सीमित थी जहां हर समय भारी भीड़ लगी रही।