कोई फर्क नहीं पड़ता कि उसने कहां जन्म लिया या किससे शादी की या उसके कितने प्रेमी थे या उसके कितने बच्चे हैं या वह तलाक़शुदा थी या वह पूरी ज़िंदगी अकेली रह गयी या वो कैसे कपड़े पहनती थी या वह किस विचारधारा को अपनाती थी। कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि वह किस स्टाइल को अपने व्यक्तित्व में ढालती थी। वो स्त्री है ,वो कुछ भी कर सकती थी और है…..सुरेखा सीकरी ने अपने अभिनय से भारतीय सिनेमा को इतना समृद्ध किया जितना एक स्त्री कर सकती है।
टीवी और फिल्मों की मशूहर अभिनेत्री सुरेखा सीकरी (Surekha Sikri ) अब हमारे बीच नहीं रहीं। शुक्रवार, 16 जुलाई 2021 को 75 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया। कहा जा रहा है कि सुरेखा सीकरी लंबे वक्त से बीमार चल रही थीं, वर्ष 2018 के बाद सितंबर 2020 में उन्हें ब्रेन स्ट्रोक भी हुआ था, जिसके बाद से ही वह बिस्तर पर थीं।
शरीर के बाएं हिस्से में पैरालिसिस(paralysis) के कारण वह खुद से चल-फिर भी नहीं पा रही थीं। सुरेखा सीकरी(surekha sikri) ने अपने करियर में वैसे तो ‘तमस'(Tamas) से लेकर ‘बधाई हो'(Badhai Ho) तक 30 फिल्मों में काम किया, लेकिन उन्हें सबसे ज्यादा प्रसिद्धि मिली (TV SERIAL) टीवी सीरियल ‘बालिका वधू’ (Balika Vadhu) से। ‘दादी सा’ के किरदार में वह घर-घर में पहचानी गईं। तब उनकी उम्र 63 वर्ष थी।
उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखती थीं ‘surekha sikri’
सुरेखा सीकरी का जन्म 19 अप्रैल 1945 में गुलाम भारत में हुआ था। उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वालीं सुरेखा का बचपन नैनीताल(Nainital) और अल्मोड़ा(Almora) में बीता। पिता वायुसेना में थे और मां एक टीचर थीं। इसलिए घर पर बचपन से ही उन्हें एक अनुशासाति जीवनशैली मिली।
सुरेखा सीकरी(Surekha Sikri) ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पढ़ाई के बाद 1971 में नैशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में दाखिला लिया। तब उनकी उम्र महज 26 वर्ष थी। एनएसडी(NSD) से पढ़ाई पूरी करने के बाद वह कुछ दिनों तक कैम्पस में ही पूर्व छात्रों के थिएटर कंपनी के साथ काम करने लगीं। बाद में ऐक्ट्रेस के तौर पर खुद को सिनेमाई पर्दे पर देखने का सपना लेकर मुंबई(Mumbai) आ गईं।
सुरेखा सीकरी(Surekha Sikri) ने बड़े पर्दे पर 1978 में डेब्यू किया। उनकी पहली फिल्म(film) थी ‘किस्सा कुर्सी का’, जिसमें उनके किरदार का नाम ‘मीरा’ था। शबाना आजमी, राज किरण और उत्पल दत्त की यह फिल्म एक पॉलिटिकल सटायर थी। फिल्म में सुरेखा(surekha) ने डेब्यू तो किया, लेकिन उन्हें बहुत ज्यादा नोटिस नहीं किया गया।
‘तमस’ ने दी भारतीय सिनेमा में ख़ास पहचान
सिनेमा की दुनिया में उनका स्ट्रगल अभी शुरू ही हुआ था। 1986 में सुरेखा(Surekha)को करियर की बड़ी सफलता ‘तमस’ फिल्म से मिली। गोविंद निहलानी(Govind Nihlani) की इस फिल्म में उन्होंने राजो का किरदार निभाया था। और फिर सुरेखा ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।