बॉलीवुड में समय के साथ विवाद फिल्म के प्रमोशन का हिस्सा बन चुके हैं। फिल्म ‘केरला स्टोरी’ से एक बार फिर विवाद बढ़ गया है। इससे पहले भी कई बार फिल्मों के पोस्टर, कहानी कॉस्ट्यूम तो कभी उनके रंग को लेकर जमकर विवाद हुए, जिसकी वजह से फिल्म को नुकसान कम फायदा ज्यादा हुआ
सिनेमा जगत में इन दिनों सुदीप्तो सेन की फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ के किरदारों को लेकर बहस छिड़ी हुई है। कौन सही है? कौन गलत है? फिल्म पर कितना असर पड़ेगा? कितना बदलाव होगा? मेकर्स क्या करेंगे? विरोध कितना बढ़ेगा? इन सब सवालों के जवाब आने वाले दिनों में पता चलेगा। फिल्म की पटकथा, फिल्मांकन और किरदारों को लेकर विवाद आज का नहीं है। पुराने दौर में भी कई फिल्में ऐसी आई हैं, जिनका विवादों से गहरा नाता रहा है। फिल्म पर विवाद होना, उसकी चर्चा होना और राजनीतिक एंगल का जुड़ना कई बार नियोजित भी होता है।
दरअसल फिल्म इंडस्ट्री में आए दिन की कई फिल्में रिलीज होती हैं। फिल्मों के रिलीज होने के साथ ही अक्सर उनकी स्टोरी या नाम को लेकर विवाद खड़े हो जाते हैं। ऐसे में विरोध और प्रदर्शन इस हद तक बढ़ जाता है कि कई बार या तो फिल्में
प्रतिबंधित करनी पड़ती या इनके नामों में बदलाव करना पड़ता है। सुदीप्तो सेन की फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ का ट्रेलर जब से सामने आया है तभी से इस पर विवाद चल रहा है। फिल्म के ट्रेलर में यह दावा किया गया था कि 32 हजार लड़कियों को लव जिहाद के चंगुल में फंसाकर उनका धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बना दिया गया, जिसके बाद से इस पर विवाद इतना बढ़ गया कि मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट से याचिकर्ताओं को राहत नहीं मिली। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से हाईकोर्ट जाने के लिए कहा है। पीठ ने कहा, ‘अनुच्छेद 32 के तहत जो राहत मांगी गई है, उसे अनुच्छेद 226 के तहत हाईकोर्ट के समक्ष उचित कार्यवाही के लिए रखा जा सकता है। याचिकाकर्ता इसके लिए उच्च न्यायालय का रुख करें। इससे पहले भी कई सारी बॉलीवुड फिल्मों में जमकर विवाद हुए, जिसकी वजह से फिल्म को नुकसान नहीं हुआ बल्कि जमकर फायदा हुआ है। शाहरुख खान की फिल्म ‘पठान’ भी इनमें शामिल है।
पठान : शाहरुख खान की फिल्म ‘पठान’ का निर्देशन सिद्धार्थ आनंद ने किया है। फिल्म के गाने ‘बेशर्म रंग’ में भगवा
बिकिनी को लेकर खूब बवाल हुआ। जगह-जगह फिल्म के पोस्टर जलाए गए। यहां तक कि सोशल मीडिया पर बॉयकाट करने की भी मांग उठी, लेकिन 25 जनवरी 2023 को थिएटर में रिलीज होने के बाद फिल्म ने जबरदस्त कमाई की और रिकॉर्ड अपने नाम किए।
पद्मावत : दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर स्टारर ‘पद्मावत’ का कई राज्यों में विरोध देखने को मिला था। इस फिल्म के नाम से लेकर इसमें दिखाए गए सीन तक सब कुछ विवादों में रहा। मगर फिल्म जब पर्दे पर आई तो इसने जबरदस्त कमाई की थी।
बाजीराव-मस्तानीः फिल्म ‘बाजीराव मस्तानी’ को लेकर भी महाराष्ट्र के एक समाज ने विरोध किया था। यह फिल्म 2015 में आई थी। संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित इस फिल्म को लेकर बाजीराव पेशवा के वंशजों ने आरोप लगाया था कि मराठा राजा और उनकी पत्नियां काशीबाई और मस्तानी का फिल्म में चित्रण करते समय ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ की गई। लेकिन जब फिल्म पर्दे पर आई तो उसने ऐसा रंग जमाया कि ब्लॉक बस्टर साबित हुई थी।
द कश्मीर फाइल्सः विवेक
अग्निहोत्री के
निर्देशन में बनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ कम बजट में बनी थी। फिल्म की कहानी साल 1990 में हुए कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित है। फिल्म के रिलीज होने से पहले खूब बवाल मचा। फिल्म के रिलीज होने से पहले देशभर में पोस्टर भी जलाए गए लेकिन जैसे ही फिल्म रिलीज हुई तो बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया था।
पीके : आमिर खान की फिल्म ‘पीके’ पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप था। इस फिल्म से हिंदू समुदाय के लोग काफी नाराज थे। फिल्म को रिलीज होने से पहले बैन करने की भी मांग उठी लेकिन इसके बावजूद आमिर की फिल्म ने उस वक्त सबसे ज्यादा कमाई कर कई रिकॉर्ड तोड़े।
मद्रास कैफे : जॉन अब्राहम की फिल्म ‘मद्रास कैफे’ जिसमें श्रीलंका में हुए गृह युद्ध की कहानी को दिखाया गया है। साथ ही यह भी दिखाया गया कि आखिर भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मौत कैसे हुई। इस फिल्म पर राजनीतिक पार्टियों की छवि खराब करने का आरोप था। यहां तक कि फिल्म का नाम बदलने की भी मांग की गई थी, लेकिन रिलीज होने के बाद फिल्म ने बेहतरीन कमाई की।
ऐ दिल है मुश्किलः करण जौहर द्वारा निर्देशित फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ को लेकर काफी विवाद हुआ था। यह फिल्म 2016 मे रिलीज हुई थी। फिल्म में विवाद का सबसे बड़ा कारण पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान थे। फवाद खान को लेकर मुंबई के एक राजनीतिक दल ने काफी विरोध किया था।
आंधी : महिला राजनीतिज्ञ पर आधारित इस फिल्म को इंदिरा गांधी और उनके निजी रिश्तों पर आधारित बताया गया था, जिसे लेकर काफी विवाद उपजा था।
ब्लैक फ्राइडे : मुंबई बम ब्लास्ट पर आधारित अनुराग कश्यप की इस फिल्म पर काफी विवाद हुआ था। फिल्म की रिलीज से पहले मेकर्स को कोर्ट में इसके लिए लड़ना पड़ा था।
सम्राट पृथ्वीराज चौहान : चंद्र प्रकाश द्विवेदी की इस फिल्म में सम्राट अशोक और इतिहास को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगा था।
क्या है केरला स्टोरी विवाद
इस फिल्म के ट्रेलर में यह दावा किया गया था कि केरल की 32 हजार महिलाएं कथित रूप से जबरन धर्म परिवर्तन कराकर और आईएसआईएस में शामिल होने के बाद लापता हो गई थीं। लेकिन विवाद बढ़ने पर इसमें बदलाव कर दिया गया है। अब 32 हजार की जगह 3 महिलाएं कर दिया गया है। हालांकि इस फिल्म के विषय को लेकर निर्माताओं का दावा है कि यह सच्ची घटनाओं पर बनाई गई है।
फिल्म का ट्रेलर सामने आने और इसके विवादों के घिरते ही केरल के सीएम विजयन ने फिल्म निर्माताओं पर काफी नाराजगी जताई। उन्होंने मेकर्स को फटकार लगाते हुए कहा कि यह फिल्म झूठ को फैला रही है। जिसके कारण राज्य में सांप्रदायिक संघर्ष पैदा हो सकता है और दुनिया के सामने राज्य को अपमानित करना इनका उद्देश्य है।
मुख्यमंत्री विजयन ने यह भी कहा कि लव जिहाद के मुद्दे को जांच एजेंसियों, अदालतों और एमएचए द्वारा खारिज किए जाने के बावजूद इसे फिल्म के मुख्य आधार के रूप में केरल को दिखाया जा रहा है। इन विवादों और विजयन के बयान के सामने आने के बाद फिल्म के लेखक सुदीप्तो सेन का बयान सामने आया। जिसमें उन्होंने दावा किया हैं कि उनके पास यह साबित करने के लिए सबूत हैं कि 32 हजार महिलाएं गायब हो गईं और यह विवाद का मुख्य विषय है। बहरहाल अब तक सुदीप्तो ने ऐसा कोई सबूत पेश नहीं किया। एक इंटरव्यू में सुदीप्तो सेन ने यह कहा कि साल 2010 में, केरल के तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने एक रिपोर्ट पेश की थी जिसमें कहा गया था कि हर साल लगभग 2800- 3200 लड़कियों को इस्लाम में परिवर्तित किया जा रहा था। सेन ने कहा कि उन्होंने 10 वर्षों में इसे एक्सट्रपलेशन किया है।
फिल्म पर चली सेंसर बोर्ड की कैंची
केरला स्टोरी फिल्म को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने 10 कट के साथ ‘ए’ सर्टिफिकेट दे दिया है। बोर्ड की जांच कमेटी ने फिल्म देखने के बाद मेकर्स से इसमें 10 बदलाव करने को कहा था। साथ ही फिल्म में आंकड़ों के
दस्तावेजी प्रमाण भी प्रस्तुत करने को कहा गया था। इस फिल्म के कई डायलॉग और सीन पर सेंसर बोर्ड की कैंची चली है। फिल्म में केरल के पूर्व मुख्यमंत्री का इंटरव्यू दिखाया गया था जिसे बोर्ड ने हटाने को कहा था।
क्या है ए सर्टिफिकेट
जिन फिल्मों को ‘ए’ सर्टिफिकेट मिलता है वह हर आयु के लोगों के लिए नहीं होती है क्योंकि इन मूवी में कुछ ऐसे सीन्स होते हैं जो की कम आयु के बच्चों के लिए नहीं होती है इस प्रकार की मूवी केवल 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए होती है।
विवाद बढ़ा देते हैं चर्चा
जब भी किसी फिल्म के साथ विवाद होता है, जाहिर तौर पर उसकी चर्चा बढ़ जाती है। विवाद के साथ ही फिल्म को लेकर आम लोगों के बीच उत्सकुता बढ़ जाती है। विवाद एक तरह से फिल्म के प्रमोशन का काम करता है। इससे जब फिल्म रिलीज होती है तो दर्शकों की संख्या बढ़ जाती है। ऐसे में कई बार मेकर्स इस तरह के विवाद को तूल देते हैं ताकि फिल्म रिलीज होने तक चर्चा में बनी रहे।
विभिन्न दलों को भी फायदा
फिल्म के साथ जब विवाद होता है तो कई तरह की बातें निकलकर सामने आती हैं। इससे फिल्म के विषय और इतिहास की कई बातें सामने आती हैं। इसके अलावा विभिन्न दल जैसे विश्व हिंदू परिषद्, करणी सेना आदि भी इसके जरिए चर्चा में आ जाते हैं। इससे कहीं न कहीं इन दलों को भी फायदा होता है।