पूरी दुनिया के लोग कोरोना वायरस के भयानक खतरे से लड़ रहे हैं। यह वायरस ने लाखों लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है। हमारे देश में जनता कर्फ्यू लगने के बावजूद हर दिन इसकी संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। मरने वालों की संख्या अब तक 10 हो चुकी है। वहीं अब तक 500 से अधिक लोग संक्रमित हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को जनता से ‘जनता कर्फ्यू’ की अपील की थी जिस पर लोगों का जबरदस्त समर्थन देखने को मिला।
पुलिस भी सुबह से सक्रिय रही। बाहर निकलने वालों को पुलिस ने डंडे बरसाए तो कहीं फूल देती दिखी। कहीं-कहीं बाहर निकलने वालों को हाथ में बोर्ड लिख कर थमा दिया- “मैं देश का दुश्मन हूँ, मैं घर में नहीं रहूंगा।” तो कहीं पुलिस ने बाहर निकने वाले लोगों को उठक-बैठक भी करवाई। करोड़ों लोग घर में थे। लेकिन 5 बजे का जो हुजूम बाहर निकला उसने सुबह से की गई मेहनत पानी फेर दिया।
लोग ऐसे बाहर निकले जैसे कोई फेस्टिवल हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने-अपने घरों से शंख, थाली और ताली बजाने की अपील की। लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि आखिर क्यों घर में रहने कहा जा रहा है। लॉकडाउन क्यों किया गया है। दरअसल, लोग नहीं समझ रहे हैं कि ये एक दिन में खत्म होने वाली बीमारी नहीं है। अगर आपको भी ईरान, इटली, चीन की हालत देखकर भी समझ नहीं आ रहा। अब भी आप इस खतरों को भांप नहीं पा रहे तो आइए हमारे साथ। हम आपको सच्चाई से रूबरू करवाते हैं।
हम सब अक्सर आस-पास हो रहे गतिविधियों या अपराधों को देखते हुए भी नजरअंदाज कर देते हैं। वहीं जब हम कोई फिल्म को देखते हैं तो इंस्पायर हो जाते हैं। चलिए फिल्म के जरिए ही आप समझिए कोरोना का कोहराम कैसा है। कोरोना जैसे वायरस पर एक नहीं कई फिल्में आ चुकी हैं और दर्शकों को पहले से ही आने आपदा के बारे में सतर्क कर चुकी हैं। हम यहां कुछ फिल्मों के बारे में बताएगें जिसे देखकर आप समझ जाएंगे कि कोरोना जैसे वायरस का खतरा पूरे मानव समुदाय के लिए कितना घातक है। हॉलीवुड में कई फिल्में हैं जो पहले ही पर्दे पर वो सब कुछ दिखा चुकी हैं, जो आज पूरी दुनिया झेल रही है
आउटब्रेक
यह फिल्म कोरोना पर बनी थी। लेकिन फ़िल्म में कोरोना वायरस की जगह एक काल्पनिक बीमारी ‘मोटाबा’ को दिखाया गया है। इस फ़िल्म में ये बीमारी धीर-धीरे पूरे कैर्लिफोनिया में फैल जाती है। ये बीमारी संक्रमित बंदरों से होती है जो यहां देश में स्मगलिंग के जरिए लाए गए होते हैं। ये बीमारी पूरे शहर में कुछ ऐसे फैलती है कि सरकार मार्शल लॉ के जरिए इससे फैलने से रोकने की कोशिश करती है। फिर क्या होता है। ये आप जरूर देखें।ये सीरीज आपको नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध है।
कंटेजन
‘कंटेजन’ मेडिकल थ्रिलर ड्रामा सीरीज 2011 में आई थी। स्टीवन सोडरबर्ग इसके निर्माता हैं। कोरोना वायरस को समझने, खतरे इसके क्या हैं, ये तीसरी स्टेज पर जाते ही क्या होगा। बाकी जो भी आपके दिलोदिमाग में सवाल हैं। उन सब का जवाब है ‘कंटेजन’। ये सीरीज इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब चर्चा का विषय बनी हुई है। जिस किसी को इसके बारे में मालूम चल रहा है वो इसे जरूर देख रहे हैं। इस ड्रामा में भी एक वायरस के बारे में दिखाया गया है जो पूरी दुनिया में रातों-रात फैलता है। इस वायरस का मुकाबला करने के लिए दुनियाभर के वैज्ञानिक वैक्सीन खोजने में लग जाते हैं। इस फ़िल्म की सिर्फ एक ही सीरीज है लेकिन कई मायनों में आज की हकीकत सिनेमा में दिखाने में कामयाब हुई है। ये सीरीज आपको अमेजन प्राइम पर भी उपलब्ध है।
द क्रेजीज
ऐसे ही हमारे पास एक और फ़िल्म है ‘द क्रेजीज’। जॉर्ज ऐ रोमेरो की ये फिल्म है। फ़िल्म में दिखाया गया है कि मिलट्री का एक प्लेन है जो बिना टेस्ट किए हुए बायो-हथियारों को लेकर जा रहा है। वो प्लेन अमेरिका के एक शहर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है। इससे वहां के इलाके की पानी की सप्लाई दूषित हो जाती है और लोग मरने लगते हैं। सरकार इस बीमारी के खतरे से बचने के लिए लोगों को देखते ही गोली मारने का ऑर्डर निकाल देती है। क्योंकि ये तेजी से फैलती है। ऐसे में सरकार को कुछ समझ नहीं आ रहा होता है कि वो क्या करे। इसलिए लोगों को मारने का फरमान कर दिया जाता है। क्या होता है इसके बाद ये आप फ़िल्म जरूर देखें।
द हॉट जोन
‘द हॉट जोन’ टीवी सीरीज है। जो पिछले साल ही रिलीज हुई थी। 6 एपिसोड में ये सीरीज है। इसमें एक केनेडियन मेडिकल ड्रामा है। जो एक वैज्ञानिक के इबोला जैसे वायरस से लड़ने की कहानी है। इस सीरीज में बताया गया है कि कैसे कई एजेंसियां अपने-अपने काम के करने के तरीके को लेकर झगड़ती हैं। उनका ये झगड़ा इस बीमारी को फैलाने में और भी कारगर साबित होता है।
आपको जो भी अच्छा लगे आप देखे। सीरीज हो या मूवी। समझने के लिए आप जरूर देखें। अभी आपके पास काफी समय है। देखें और लोगों को दिखाए। डर की जगह संभालें। क्योंकि ये हमारे हाथ में है। जो बाकी देशों में हो रहा है प्रण लें कि हम अपने देश में नहीं होने देंगे।