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हर बार की तरह इस बार भी लोकसभा चुनाव में कई फिल्मी सितारे अपनी किस्मत आजमाने के लिए मैदान में उतरे। इनमें से कुछ ऐसे भी हैं जो पहले भी अपनी किस्मत आजमा चुके हैं। इस बार बॉलीवुड से लेकर टॉलीवुड तक के सितारे चुनाव में हैं। भोजपुरी और अन्य क्षेत्रीय फिल्मों के सितारे भी चुनाव लड़ रहे हैं।

तो आइए शुरुआत करते हैं सबसे पहले देश की राजधानी दिल्ली से। भोजपुरी सुपर स्टार मनोज तिवारी ने राजनीति की शुरुआत 2009 में समाजवादी पार्टी से की थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से भाजपा के टिकट पर उन्होंने जीत दर्ज की थी। पिछले चुनाव में यहां कांग्रेस के पूर्व सांसद जयप्रकाश अग्रवाल, मनोज तिवारी और आम आदमी पार्टी के प्रोफेसर आनंद कुमार के बीच मुकाबला हुआ था। इस सीट पर भाजपा ने एक बार फिर अपने प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी को मैदान में उतारा। तिवारी का मुकाबला इस बार कांग्रेस की शीला दीक्षित और आम आदमी पार्टी के दिलीप पाण्डे से था। मनोज तिवारी ने 3 लाख 66 हजार 101 वोटों से शीला दीक्षित को हराया।


अब बात करते हैं उत्तर प्रदेश की। माना जाता है कि जिस पार्टी की उत्तर प्रदेश में ज्यादा सीटें होती हैं, केंद्र में उसी पार्टी की सरकार बनती है। पिछले 29 सालों से गोरखपुर सीट पर भाजपा का कब्जा रहा, लेकिन 2018 के उपचुनाव में भाजपा को हार मिली थी। सपा-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार प्रवीण निषाद ने यहां जीत दर्ज की। इस बार यहां से भाजपा ने भोजपुरी स्टार रविकिशन शुक्ला को उतारा है। उनका मुकाबला गठबंधन के उम्मीदवार राम भुवाल निषाद और कांग्रेस के मधुसूदन त्रिपाठी से रहा। रवि किशन 301664 वोटों के अंतर के साथ विजयी हुए है, जबकि रामभुआल निषाद को करना पड़ा हार का सामना।


मथुरा लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी हेमा मालिनी ने किस्मत आजमाई। हेमा मथुरा की मौजूदा सांसद हैं। हेमा साल 2004 में बीजेपी में शामिल हुई थीं। उन्होंने पिछले चुनाव में मथुरा में जयंत चौधरी को 3 लाख 30 हजार से भी ज्यादा वोटों से हराया था। एक बार फिर पार्टी ने उन्हें मौका दिया। उन्होंने जीत के लिए कई तरीके आजमाए। कभी गेहूं काटा तो कभी खेतों में ट्रैक्र की सवारी की। और एक बार फिर मथुरा की जनता ने उन्हें सांसद चुन लिया। उन्होंने 2,93,471 वोटों से जीत दर्ज की है।

कांग्रेस का दुर्ग कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश की अमेठी लोकसभा सीट चर्चित सीटों में से एक है। राहुल गांधी अमेठी से लगातार तीसरी बार सांसद हैं। राहुल गांधी को टक्कर देने के लिए बीजेपी ने एक बार फिर स्मृति ईरानी को मैदान में उतारा तो वहीं सपा-बसपा गठबंधन ने अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा। स्मृति छोटे पर्दे की जानी-मानी अदाकारा रह चुकी हैं। ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ टीवी सीरियल से उन्हें काफी लोकप्रियता मिली थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने भाजपा उम्मीदवार स्मृति ईरानी को पराजित किया था। लेकिन देखा गया था कि उन्होंने एक उत्साही लड़ाई लड़ी थी। इस बार भी जीत के लिए स्मृति ने कई अन्य तरीके आजमाए। कभी हैंड पम्प चलाकर लोगों को पानी पिलाया तो कभी खेतों में आग लगी तो बुझाने खुद पहुंचीं और पांच वर्ष की मेहनत का परिणाम उनको मिला। स्मृति ने 55120 मतों से शिकस्त देकर कांग्रेस की परंपरागत सीट अमेठी जीत ली।

उत्तर प्रदेश की हाईप्रोफाइल सीटों में से एक आजमगढ़ में मुकाबला यादव बनाम यादव था। ऐसे में यह पहले से तय था कि कोई भी जीते, आजमगढ़ का सांसद एक बार फिर कोई यादव ही होगा। आजमगढ़ से 2014 में मुलायम सिंह यादव सांसद चुने गए। इस बार यहां से अखिलेश यादव स्वयं चुनाव मैदान में रहे, जबकि भाजपा ने उनके खिलाफ भोजपुरी फिल्म स्टार दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ को प्रत्याशी बनाया। अखिलेश यादव ने दिनेश लाल यादव निरहुआ को 2 लाख 59 हजार 874 मतों से हरा दिया है। अखिलेश को 6 लाख 21 हजार 578 और निरहुआ को 3 लाख 61 हजार 704 वोट मिले।

फतेहपुर सीकरी सीट से चुनाव मैदान में कांग्रेस के टिकट पर राज बब्बर हैं। राज बब्बर का मुकाबला भाजपा के राजकुमार चाहर से हुआ। राज बब्बर इस सीट पर वर्ष 2009 में मामूली मतों से हारे थे। इस बार भी राज बब्बर को राजकुमार चाहर ने 4लाख 95 हजार पैंसठ वोटों से हराया।

टॉप एक्ट्रेस में शुमार जया प्रदा अपनी दूसरी पारी राजनीति के मैदान पर खेल रही हैं। 26 मार्च को भाजपा में शामिल हुईं जया प्रदा को उत्तर प्रदेश की रामपुर लोकसभा सीट से मैदान में उतारा गया। वह बीजेपी के टिकट पर उत्तर प्रदेश के रामपुर से सपा के फायरब्रांड नेता और महागठबंधन के प्रत्याशी आजम खान के खिलाफ चुनाव लड़ी हैं। आजम ने 1 लाख 9 हजार 997 वोटों से जया प्रदा को मात दी।

टॉलीवुड अभिनेत्री नुसरत जहान उन प्रसिद्ध हस्तियों में से हैं, जो टीएमसी के टिकट पर पहली बार लोकसभा चुनाव मैदान में थीं। उन्हें एक महत्वपूर्ण सीट बशीरहाट से मैदान में उतारा गया। इस सीट पर कांग्रेस के कुआजी अबदुर रहीम, सीपीआई के पल्लभ सेन गुप्ता और भाजपा के सयंतन बासु नुसरत को टक्कर दे रहे थे।

एक्टिंग से पॉलिटिक्स में आई उर्मिला मातोंडकर ने जबसे राजनीति में कदम रखा है तब से बॉलीवुड के गलियारों में उनके नाम की खूब चर्चा रही। उर्मिला कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में थीं। कांग्रेस ने उर्मिला को उत्तरी मुंबई सीट से उम्मीदवार बनाया है। उर्मिला का मुकाबला भाजपा के मौजूदा सांसद गोपाल शेट्टी से हुआ। गोपाल शेट्टी ने 4,65,247 वोटों के अंतर से उर्मिला मातोंडकर को हराया।

अपनी ही पार्टी नेताओं के खिलाफ बयान देकर सबको ‘खामोश’ करने वाले शत्रुघ्न सिन्हा इस बार चुनाव पूर्व ही भाजपा से कांग्रेस में शामिल हो गए। शत्रुघ्न सिन्हा एक बार फिर कांग्रेस के टिकट पटना साहिब से चुनाव लड़ रहे हैं। उनकी सीधी टक्कर भाजपा के केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद से है। शत्रु लंबे समय तक भाजपा में सक्रिय रहे। भाजपा सांसद के रूप में उन्हें जाना जाता रहा है। अब वे कांग्रेस में हैं। शत्रुघ्न सिन्हा हार गए हैं, जबकि रविशंकर प्रसाद 284657 वोटों से जीत दर्ज की।

बेंगलुरु सेंट्रल से पहली बार अपनी किस्मत आजमाने निकले निर्दलीय उम्मीदवार अभिनेता प्रकाश राज। लेकिन यहां कांग्रेस के रिजवान अरशद भाजपा के पीसी मोहन को टक्क्र दे रहे थे।  भाजपा पिछले दो बार से इस सीट पर जीत दर्ज कर रही है। एक बार फिर पीसी मोहन 5 लाख 31हजार 885 वोटों से रिजवान अरशद को हराया। तीसरे नंबर पर रहे प्रकाश राज को 28 हजार 906 वोटों से ही संतोष करना पड़ा।

ममता ने हार्वर्ड के एक प्रोफेसर जो एक शैक्षणिक प्रोफेसर के राजनीतिकरण के बारे में महत्वपूर्ण बयानों के बाद अलोकप्रिय हो गए, सांसद सुगाता बोस को हटाकर एक बदलाव किया और बंगाली अभिनेत्री मीमी चक्रवर्ती को जाधवपुर लोकसभा सीट से टिकट दिया था। इस सीट पर मीमी को भाजपा के अनुपमा हाजरा और सीपीआई के बिकास रंजन भट्टाचार्य से टक्कर थी। मिमी चक्रवर्ती ने अनुपमा हाजरा को 2 लाख 95 हजार 239 मतों से हरा दिया।

अभिनेत्री मुनमुन सेन पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में थीं। मुनमुन की टक्कर केंद्रीय मंत्री और बॉलीवुड सिंगर बाबुल सुप्रियो से थी। आसनसोल पश्चिम बंगाल की हाईप्रोफाइल सीट है। 2014 में उन्होंने तृणमूल कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की और नौ बार सांसद रहे सीपीआई के नेता बसुदेव आचार्य को बांकुरा सीट से हराकर सांसद चुनी गई। इस बार मुनमुन सेन बाबुल सुप्रियो से 197637 वोटों से हार गई।

केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ की लोकसभा सीट पर कलर्स टीवी शो ‘इंडिया गोट टैलेंट’ की जज और अभिनेत्री किरण खेर का मुकाबला कांग्रेस के पूर्व रेलमंत्री पवन बंसल और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी हरमोहन धवन से है। 2014 में भाजपा की किरण खेर ने पवन बंसल को हराकर संसद पहुंची थी। इस सीट पर सबसे पहले 1967 में हुए चुनाव में भारतीय जनसंघ के चांद गोयल ने जीत हासिल की थी। उसके बाद से अधिकतर समय तक यह सीट कांग्रेस के ही कब्जे में रहा। इस बार भी पूरे देश में मोदी लहर का असर रहा और चंडीगढ़ लोकसभा क्षेत्र में भी देखने को मिला। किरण खेर को 2 लाख 31 हजार 188 वोट मिले हैं। वहीं पवन कुमार बंसल 1 लाख 84 हजार 218 वोट प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहे।

धर्मेंद्र के बेटे सनी देओल भी भाजपा के टिकट पर गुरदासपुर से चुनाव मैदान में उतरे। सनी देओल के चुनाव प्रचार में उनके छोटे भाई बॉबी और धर्मेंद्र भी दिखाई दिए। बॉबी सनी के नामांकन के दौरान भी साथ नजर आए थे। धर्मेंद्र ने रैली के साथ-साथ इंटरव्यू और सोशल मीडिया पर लगातार सनी देओल का समर्थन किया। इस सीट पर सनी देओल की टक्कर पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और गुरदासपुर से सांसद सुनील जाखड़ से है। गुरदासपुर में सन्नी देओल को 5 लाख 58 हजार 719 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के सुनील जाखड़ को 4 लाख 76 हजार 260 वोट मिले।

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