संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ 25 फरवरी 2022 को सिनेमा घरों में आ गई है। इस फिल्म का ट्रेलर कुछ दिन पहले ही लॉन्च किया गया है। जिसमें अभिनेत्री आलिया भट्ट को गंगूबाई के किरदार में बेहद पसंद किया जा रहा है। ट्रेलर के लॉन्च होते ही गंगूबाई के डायलॉग तेजी से सोशल मीडिया पर ट्रेंड होने लगे हैं। जिनमें बहुत सारे सोशल मीडिया एक्टिविस्टों द्वारा आलिया भट्ट की एकि्ंटग की नकल की जा रही है और काफी पसंद भी किया जा रहा है। रिलीज से पहले ही मूवी की इतनी चर्चा होने लगी है तो इसका विवादों में आना आश्चर्य की बात नहीं है। रिलीज होने से पहले ही इस फिल्म का विवादों में होना इसकी गंभीरता को दर्शाता है। दरअसल आलिया भट्ट की इस फिल्म में सच्ची घटना हरजीवनदास काठियावाड़ी के जीवन को दर्शाया गया है। इसमें आलिया भट्ट ने वेश्या का रोल किया है। जिसके बाद यह फिल्म विवादों के घेरे में आ चुकी है।
गंगूबाई के परिजन भी नाराज
इस फिल्म को लेकर गंगूबाई के परिवार ने भी आरोप लगाया है कि इस फिल्म में उनकी मां को सोशल वर्कर से प्रॉस्टिट्यूट बना दिया गया है। मीडिया से बातचीत में गंगूबाई के बेटे बाबूरावजी शाह ने कहा कि फिल्म में मेरी मां को प्रॉस्टिट्यूट बना दिया है। अब लोग उनके बारे में तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। यह बात हमारी फैमिली को बहुत तकलीफ पहुंचा रही है। इसके बाद गंगूबाई की बेटी बबीता ने कहा कि फिल्म में उनकी जिंदगी को गलत तरीके से दिखाया गया है। उन्होंने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा- ‘जब किताब छपी थी तब किताब वाले हमसे मिलने आए थे लेकिन संजय लीला भंसाली हमसे नहीं मिले। पैसा कमाने के लिए कुछ भी दिखाया जा रहा है। मेरी मां एक सोशल वर्कर थी। उन्होंने अपनी सारी जिंदगी कमाठीपुरा और यहां के लोगों के लिए काम किया। अब उन्हें बदनाम करने के लिए फिल्म बनाई जा रही है। कमाठीपुरा की लड़कियों को कोई तकलीफ होती तो वो ही थाने में जाकर उन्हें छुड़वाती थी।’ वो सिंपल सफेद साड़ी और ब्लाउज पहना करती थीं। बिंदी भी नहीं लगाती थी। वहीं, गंगूबाई की पोती भारती का कहना है कि ‘इस फिल्म की वजह से हमें घर और फोन नंबर तक बदलने पड़े हैं’
कौन थीं गंगूबाई काठियावाड़ी?
हुसैन जैदी की किताब माफिया क्वीन्स ऑफ मुंबई के मुताबिक गंगूबाई काठियावाड़ी गुजरात के काठियावाड़ी संपन्न परिवार से थीं। इनका परिवार गुजरात का जाना-माना और पढ़ा लिखा था। 16 साल की उम्र में गंगूबाई को पिता के अकाउंटेंट, अपनी उम्र से बड़े व्यक्ति, से प्रेम हो गया था। घरवाले दोनों की शादी के लिए रजामंद नहीं थे। जिस कारण वह घर छोड़ कर आ गयी। जिसके बाद घर वालों के खिलाफ जाकर गंगूबाई ने लव मैरिज तो कर ली लेकिन जिसके लिए उन्होंने अपना परिवार छोड़ दिया उसी इंसान ने उन्हें धोखा दे डाला। 16 साल की उम्र में पति रमणीक पर भरोसा कर गंगूबाई उसके साथ माया नगरी आ गई। लेकिन जिस पर भरोसा करके गंगूबाई ने अपना परिवार छोड़ दिया था उसी ने उन्हें मुंबई की मशहूर कमाठीपुरा रेड लाइट एरिया की कोठे वाली को अपनी मौसी बताकर उन्हें मात्र 500 रूपए में बेच दिया।
चंद पैसों के लिए उनके पति ने उनकी जिंदगी का सौदा कर दिया था। जिसके बाद उन्होंने कई बार वहां से भागने की कोशिश की लेकिन भागने में नाकाम होने पर उन्होंने हालातों को अपनाते हुए वहीं रहने का फैसला किया। कुछ समय बाद ही वह उस जगह की प्रमुख और प्रसिद्ध बाई बनीं। उन्होंने उन लड़कियों को भी रिहा कराया जो वेश्यालय की तरह धोखे से लायीं गयी थीं।
करीम लाला की बहन बनी गंगूबाई काठियावाड़ी
उन दिनों डॉन करीम लाला बेहद मशहूर डॉन थे। उनका सहयोगी था शौकत खान जो उन्हीं के साथ काम करता था। जिसने गंगूबाई के कोठे पर जाकर उनके साथ जबरदस्ती संबंध बनाने की कोशिश की थी। जिसके चलते गंगूबाई को अस्पताल में भर्ती तक करवाना पड़ा था। जिसके बाद गंगूबाई ने शौकत को सजा दिलाने के लिए डॉन करीम लाला के पास जाकर आप-बीती सुनाई। डॉन ने शौकत खान को सजा दी। गंगूबाई को बहन बना लिया। इसके बाद गंगूबाई ने करीम लाला को राखी बांध कर भाई-बहन के रिश्ते को आगे बढ़ाया। तभी से गंगूबाई को भी डॉन के तौर पर जाना जाने लगा। गंगूबाई मुंबई की सबसे बड़ी महिला डॉन की लिस्ट में शामिल हो गई थी। वह मशहूर डॉन तो बनी ही साथ ही साथ उन्होंने कई सोशलवर्क भी किये, जो आगे चलकर मिसाल बन गए। गंगूबाई ने कोठे पर किसी ऐसी महिला को नहीं रखा जो वेश्यावृत्ति नहीं करना चाहती थी। जो लड़कियां गंगूबाई की तरह धोखे से कोठे पर लायी जाती थीं, उनको सुरक्षा देकर घर पहुंचाने की व्यवस्था भी गंगूबाई के द्वारा की जाती थी। गंगुबाई ऐसी पहली महिला थी जिन्होंने मुंबई में सेक्स वर्कर, अनाथ बच्चों के लिए स्कूल में पढ़ने की व्यवस्था तक कराई थी।
इस फिल्म की शूटिंग पिछले 2 वर्षों से चल रही थी। कोरोना काल की वजह से इस फिल्म की रिलीज डेट आगे बढ़ती ही जा रही थी। लेकिन यह अब 25 फरवरी को देश भर के सिनेमा घर में रिलीज हो गई। फिल्म का प्रमोशन जोर-शोर से चल रहा है। किसी बायोपिक पर फिल्म बनाना बड़ी बात होती हैं समाज को उनके योगदान के बारे में पता चलता है। लेकिन संजय भंसाली के डायरेक्शन में बनी फिल्म विवादों में न हो तो पता ही नहीं चलता है कि उनकी कोई फिल्म भी आ रही है। गंगूबाई के टीजर को अब तक 7 करोड़ लोग देख चुके हैं। अब देखना है कि यह बॉक्स ऑफिस पर क्या धमाल मचाती है।
आलिया का पलटवार
कंगना की आलोचन पर आलिया ने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कोलकाता में फिल्म प्रमोशन के एक इवेंट के दौरान कहा ‘भगवान कृष्ण ने भगवत गीता में कहा है, कई बार कोई रिएक्शन न देना ही बेस्ट एक्शन होता है। मैं बस इतना ही कहना चाहूंगी।’ आलिया भट्ट ने कुछ न कहते हुए भी इस कथन के द्वारा कंगना रनौत को कड़ा जवाब दिया है।
कंगना का वार
पिछले दिनों कंगना ने आलिया और उनकी अपकमिंग फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी पर निशाना साधते हुए टिप्पणी की। उन्होंने आलिया भट्ट की परफॉर्मेंस और फिल्म के प्रचलन को लेकर काफी कुछ कहा है। बॉलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्ट हमेशा कंगना रनौत के निशाने पर रहती हैं। कंगना ने आलिया भट्ट की फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी फिल्म की आलोचना करते हुए कहा कि इस शुक्रवार बॉक्स ऑफिस पर 200 करोड़ जलकर राख हो जाएंगे, वो भी उस पापा की परी (आलिया भट्ट) के लिए। क्योंकि परी के पापा चाहते हैं कि वही एकि्ंटग करे। फिल्म की सबसे बड़ी कमजोरी इसकी गलत कासि्ंटग है, ये नहीं सुधरेंगे, इनकी वजह से स्क्रीनिंग हॉलीवुड और साउथ मूवीज को जाएगी। बॉलीवुड डूबता रहेगा जब तक यहां मूवी माफिया का बोलबाला है। इसके बाद भी कंगना नहीं रुकी और उन्होंने करन जौहर पर भी निशाना साधते हुए कहा, बॉलीवुड माफिया ने अकेले फिल्म इंडस्ट्री का वर्क कल्चर खराब किया हुआ है और इमोशनली कई बड़े निर्देशकों को मैनिपुलेट करके अपने लोगों को फिट करवाया है।’