इस साल का फिल्म फेयर अवार्ड्स (2020) समारोह गुवाहाटी में आयोजित किया गया। अवार्ड सेरेमनी में बाॅलीवुड सितारों ने शिरकत की। जहां अभिनेत्रियां बेहद खूबसूरत अंदाज में दिखीं। कई अभिनेत्रियों की आउटफिट को देख नजर नहीं हट रही थी, वहीं अभिनेता मस्ती के मूड में दिखे और एक-दूसरे से हंसी मजाक करते नजर आए। यह अवार्ड सेरेमनी हर साल मुंबई में होती आई थी। यह 65वां फिल्मफेयर अवार्ड्स था। पहली दफा है जब यह अवार्ड सेरेमनी मुंबई से बाहर हुई है। इस सेरेमनी का आयोजन गुवाहाटी के इंदिरा गांधी एथलेटिक्स स्टेडियम में किया गया।
कार्यक्रम को करन जौहर, वरुण धवन और विक्की कौशल ने होस्ट किया। रणवीर सिंह, वरुण धवन, माधुरी दीक्षित और अक्षय कुमार की परफॉर्मेंस ने सभी का दिल जीत लिया। अक्षय कुमार ने जब ‘केसरिया’ गाने पर परफॉर्मेंस किए तो सबके रोंगटे खड़े हो गए। वहीं सबके दिल की धड़कन बढ़ाने धक-धक गर्ल माधुरी दीक्षित ने समा बंधा। सीटियों और तालियों से स्टेडियम गूंजता रहा। चॉकलेटी ब्वॉय कार्तिक आर्यन ने सलमान खान के गानों पर डांस किया।
मुंबई से लगभग सभी बड़े सितारे अवार्ड नाइट में शिरकत के लिए एक दिन पहले ही गुवाहाटी पहुंच चुके थे। इनमें अक्षय कुमार, करन जौहर, अनिल कपूर, रणबीर कपूर, इरफान खान, रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण, माधुरी दीक्षित, आलिया भट्ट, आयुष्मान खुराना, विकी कौशल, कार्तिक आर्यन, सारा अली खान, अनन्या पांडे, पूजा हेगड़े, मनीष मल्होत्रा, वाणी कपूर, रणवीर शौरी, श्रद्धा कपूर, टाइगर श्राफ, सान्या मल्होत्रा, ऊषा उत्थुप जैसे सिने सितारे प्रमुख हैं।
फिल्म फेयर अवार्ड में सभी की नजरें सिर्फ एक चीज पर थी। इस बार का फिल्मफेयर अवार्ड अपने नाम कौन करता है। किस फिल्म के सितारे बुलंदियों को छूते हैं। कौन सा फिल्म इतिहास रचते है। बेस्ट एक्टर और बेस्ट एक्ट्रेस का खिताब किसके सर सजता है। चलिए जानते हैं किस-किस की किस्मत खुली। किसके नाम कौन-सा अवार्ड हुआ।
इस साल फिल्म ‘गली ब्वाॅय’ को 10 अवार्ड मिले। इन 10 अवार्ड्स में ‘गली ब्वाय’ को बेस्ट फिल्म, रणवीर सिंह को बेस्ट एक्टर, आलिया भट्ट को बेस्ट एक्ट्रेस, बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट फिल्म जोया अख्तर, अम्रुता सुभाष को बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस, सिद्धांत चतुर्वेदी को बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का अवार्ड मिला। इसके अलावा बेस्ट म्यूजिक एलबम, बेस्ट स्क्रीन प्ले जैसे अवार्ड भी गली ब्वाय के ही नाम रहे। आखिर क्यों ये फिल्म लोगों की आंखों का तारा बने हुई हैं। ‘गली ब्वाॅय’ कहानी है 22 वर्षीय मुराद (रणवीर सिंह) की जो मुंबई में गरीबों की बस्तियों में रहता है। उसके पिता एक ड्राइवर हैं और वे दिन-रात मेहनत कर मुराद को पढ़ाते-लिखाते हैं ताकि वह व्हाइट काॅलर जाॅब कर सके। लेकिन मुराद रैपर बनना चाहता है।
उसके पिता को यह स्वीकार नहीं है, लेकिन मुराद पर धुन सवार है रैपर बनने का। फिल्म मुराद की इस यात्रा को दिखाती है कि किस तरह से उसने अपने सपने का पीछा किया। फिल्म शहर के सामाजिक- आर्थिक ताने-बाने को दर्शाने के साथ अल्पसंख्यक आबादी में असंतुष्ट युवाओं के सामने आने वाली चुनौतियों पर भी प्रकाश डालती है। फिल्म की कहानी उन तमाम लोगों के लिए है, जो समाज के दबे-कुचले वर्ग से आते हैं, जिन्हें सामाजिक बहिष्कार के साथ-साथ अपने द्वंद्व का सामना भी करना पड़ता है, मगर इसके बावजूद वे ख्वाब देखने से बाज नहीं आते। उन्हें यकीन होता है कि अपना टाइम आएगा और वे उस अपने टाइम को लाने के लिए सब कुछ कर गुजरते हैं। ‘गली ब्वाॅय’ 14 फरवरी 2019 को रिलीज हुई थी। इस फिल्म में रणवीर सिंह, आलिया भट्ट, कल्कि कोचलिन, सिद्धांत चतुर्वेदी, विजय राज और अमरुता सुभाष थीं। भारत की ओर से फिल्म को बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म की कैटेगरी में आस्कर के लिए भेजा गया था।
वहीं आयुष्मान खुराना स्टारर फिल्म ‘आर्टिकल-15’ भी सुर्खियों में रहीं। इस फिल्म को क्रिटिक्स के आधार पर कई अवार्ड मिले। बेस्ट आॅरिजनल स्टोरी अनुभव सिन्हा और गौरव सोलंकी को मिला। वहीं बेस्ट एक्टर (क्रिटिक्स) का अवार्ड आयुष्मान खुराना को मिला। जातिवाद के मुद्दे पर बनी आयुष्मान खुराना की फिल्म ‘आर्टिकल 15’ सच्ची घटना पर आधारित है। इस फिल्म में उत्तर प्रदेश के एक गांव में फैले जातिवाद को को दिखाया गया है। फिल्म के टाइटल ने लोगों को सिनेमा घरों तक ले जाने के लिए विवश किया।
फिल्म के टाइटल भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15 से लिया गया है, जो धर्म, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव को रोकता है। फिल्म के निर्देशक अनुभव सिन्हा हैं। इस फिल्म की कहानी सच्ची घटना पर आधारित है। उत्तर प्रदेश स्थित लालगांव की कहानी है। फिल्म में पुलिस अधीक्षक अयान रंजन (आयुष्मान खुराना) की यहां पोस्टिंग होती है। सिपाहियों में कोई ब्राह्मण है तो कोई ओबीसी तो कोई दलित। ब्राह्मणों में भी ऊंच- नीच है तो दलितों में भी। इसी जातिवाद के चश्मे से वे थाने में आने वाली शिकायतों को देखते हैं। कुछ ही दिनों बाद गांव से तीन दलित लड़कियां गायब हैं। दो लड़कियों की लाश अगले दिन पेड़ से टंगी मिलती है। एक लड़की का पता नहीं चलता। अयान इस मामले की छानबीन शुरू करता है तो उसे समझ में आता है कि दलितों के साथ कितना अन्याय हो रहा है। इन लड़कियों के साथ गैंग रेप हुआ होता है और उनकी गलती इतनी है कि उन्होंने मजदूरी तीन रुपये बढ़ाने की मांग की थी।
इस कहानी में राजनीति और पुलिस को भी लपेटा गया है। ऊंची जाति और नीची जाति के भेद पर कई राजनीतिक पार्टियां रोटियां सेंक रही हैं और चाहती हैं कि ये भेद बना रहे तो दूसरी ओर ब्राह्मण- दलित एक हैं जैसे नारे भी पार्टियां देती हैं। फिल्म दलित नेताओं को भी नहीं छोड़ा गया है। ये दलित नेता सत्ता पाते ही बुत बनवाने लग जाते हैं और विपक्ष में आते ही दलित बन जाते हैं जैसे संवाद सुनने को मिलते हैं। फिल्म दलितों को भी संदेश देती है कि यदि वे हिंसा के रास्ते पर चलेंगे तो नुकसान उनका ही होगा।
बेस्ट डेब्यू डायरेक्टर का अवार्ड आदित्य धर को फिल्म ‘उरी सर्जिकल स्ट्राइक’ के लिए मिला है। साथ ही आरडी बर्मन अवार्ड फॅार अपकमिंग म्यूजिक टैलेंट का अवार्ड शाश्वत सचदेव को मिला। इस फिल्म की कहानी 18 सिंतबर, 2016 को जम्मू-कश्मीर के बारामूला के उरी सेना कैंप पर हुए हमले पर आधारित है। इस आतंकी हमले को सबसे कायराना आतंकी हमलों में गिना जाता है क्योंकि ये हमला कैंप में नींद में सो रहे सेना के जवानों पर हुआ था। भारतीय सेना के 19 जवानों को सोते हुए जिंदा जला दिया गया था। इसी का बदला भारतीय सेना ने 28 और 29 सिंतबर को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए लिया और ये फिल्म सेना के इसी मिशन पर आधारित है। फिल्म ‘उरी’ हमारे भारतीय सेना के शौर्य की गाथा को दिखाने की एक छोटी सी कोशिश है।
इसके अलावा अनन्या पांडे को ‘स्टूडेंट आफ द ईयर- 2’ के लिए बेस्ट डेब्यू (फीमेल) और बेस्ट डेब्यू (मेल) फिल्म ‘मर्द को दर्द नहीं होता’ के एक्टर अभिमन्यु दासानी को मिला।
सर्वश्रेष्ठ संगीत एल्बम फिल्म ‘गली बाय’ अंकुर तिवारी और जोया अख्तर के अलावा मिथुन, अमाल मलिक, विशाल मिश्रा, सचेत परंपरा, अखिल सचदेव को फिल्म कबीर सिंह के लिए मिला।
बेस्ट एक्ट्रेस (क्रिटिक्स) भूमि पेडनेकर और तापसी पन्नू को फिल्म सांड की आंख के लिए मिला। और बेस्ट एक्टर (क्रिटिक्स) आयुष्मान खुराना को फिल्म ‘आर्टिकल 15’ के लिए दिया गया
बेस्ट फिल्म (क्रिटिक्स) फिल्म आर्टिकल 15 के लिए अनुभव सिन्हा, सोनचिड़िया और अभिषेक चैबे को मिला।
बेस्ट प्लेबैक सिंगर (फीमेल) शिल्पा राव को घुंघरू टूट गए गाने पर मिला। ये गाना फिल्म ‘वार’ का है।
बेस्ट प्लेबैक सिंगर (मेल) अरिजीत सिंह को कलंक फिल्म के कलंक नहीं, गाने के लिए मिला।
लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड रमेश सिप्पी को दिया गया। एक्सिलेंस इन सिनेमा अवार्ड गोविंदा को मिला। गौरतलब है कि फिल्म फेयर अवार्ड पहली बार 1954 में शुरू हुई थी। उस वक्त राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की स्थापना नहीं हुए थे। यह अवार्ड अंग्रेजी मैग्जीन फिल्म फेयर की ओर से दिए जाते हैं। पहले पुरस्कार समारोह का नाम ‘द क्लेयर्स’ था। जो फिल्मों के आलोचक ‘क्लेयर मेंदिनोचा’ के नाम पर आधारित था।
21 मार्च, 1954 को हुए पहले पुरस्कार समारोह में सिर्फ पांच पुरस्कार रखे गए थे। यह अवार्ड हिंदी फिल्म के विभिन्न क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ योगदान के लिए हर साल दिए जाते हैं। यह पुरस्कार जनता के मत और ज्यूरी के सदस्यों के मत के आधार पर दिए जाते हैं। 21 मार्च 1954 को हुए पहले पुरस्कार समारोह में सिर्फ पांच पुरस्कार रखे गए थे।