लॉकडाउन के बाद देशभर के लोग अपने-अपने घरों में कैद हो गए। कोरोना जैसी घातक महामारी से बचने का एक मात्र यही तरीका था। लोगों को याद आया नब्बे का दशक, जिन दिनों दूरदर्शन में रामानंद सागर के निर्देशन में बन रहे धारावाहिक रामायण का प्रसारण होता था। सड़कें सुनसान हो जाया करती थी। दुकानें बन्द। ग्राहक टीवी स्क्रीन आगे आँखे गड़ाए अपने पुरषोत्तम श्रीराम की कहानी देखने में मगन हो जाते थे। वनवास के दौरान श्रीराम की यातना में अपनी यातना महसूस करते। हर भारतीय के नायक श्रीराम की सादगी, सचाई, स्थिरता, करुणा और वचनबद्ध्ता भीतर तक असर करती।
रामायण का हर किरदार के रूप में भारतीय संस्कृति का दूत दिखाई पड़ता था। उन दिनों टेलीविजन चैनल के नाम पर दूरदर्शन ही हुआ करता था। फिर धीरे-धीरे टी वी चैनलों की बाढ़ आते गई और लोगों के जहन से दूरदर्शन का नाम मिटने लगा। लेकिन रामायण और महाभारत जैसे धारावाहिकों को लोग कभी नहीं भूले।
इस ऐतिहासिक लॉकडाउन ने दर्शकों ने फिर रामायण देखने की इच्छा प्रकट की जिसे दूरसंचार मंत्रालय ने सहर्ष स्वीकार किया और रामायण का प्रसारण फिर से शुरु हो गया। इस धारावाहिक ने अपने पुराने रिकॉर्ड को कायम रखने में पूरी तरह सफल रहा है। इस धारावाहिक से दूरदर्शन की टीआरपी में जबर्दस्त उछाल आया है। इस बात की जानकारी ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) ने दी। इसके री-टेलीकास्ट होने की वजह से दूरदर्शन भारत भर में पिछले सप्ताह (28 मार्च से 3 अप्रैल तक) सबसे अधिक देखा जानेवाले चैनल बन चुका है।
BARC की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि दूरदर्शन ने इन शोज़ की बदौलत काफी लंबी छलांग मारी है और सुबह-शाम की व्यूअरशिप में 40,000% का इजाफा हुआ है। देश के पौराणिक धार्मिक कथाओं पर बेस्ड ‘रामायण’, ‘महाभारत’ के अलावा ‘शक्तिमान’, ‘बुनियाद’, जैसे तमाम क्लासिक शो को दर्शकों ने दुबारा से खूब प्यार दे रहा है।
इस तीन वीक के लॉकडाउन में लोगों ने अपने इन पुराने सीरियलों को दुबारा से जी रहे हैं। बता दें इनमें से ज्यादातर शोज़ तब बने थे जब देशभर में चैनल के नाम पर केवल दूरदर्शन था। ओवरऑल टीवी व्यूअरशिप में पिछले वीक के मुकाबले इस वीक में 4% की उछाल नजर आई और COVID-19 से पहले के व्यूअरशिप से तुलना करें तो यह 43% अधिक है।