आजमगढ़ फिल्म फेस्टिवल-2021
शारदा टाॅकीज जहां यह भव्य कार्यक्रम हुआ उसकी कहानी जानकर हैरानी भी हुई, जो सिनेमा हाॅल पहले खंडहर था वह अब अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल का जाना माना नाम है।
कार्यक्रम के आयोजक रंगकर्मी अभिषेक पंडित ने मुस्कुराकर कहा-यही है अपना कर्मस्थल। इस शारदा टाॅकीज में विगत डेढ़ दशकों से अभिषेक पंडित और ममता पंडित ने अपने जज्बे, हौसले, अपने जुनून यह फेस्टिवल आयोजित किया है। इसी शारदा टाॅकीज में बीते दिनों तीसरा अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 26 से 28 फरवरी तक मनाया गया। आधा सैकड़ा एंट्रीज में से तीन दर्जन शाॅर्ट फिल्मों का प्रदर्शन, मास्टर क्लासेस, वर्कशाॅप, के साथ बांग्लादेश, अर्जेंटिना से भी आई हुई फिल्मों का प्रदर्शन हुआ। ओपनिंग फिल्म आजमगढ़ के अपने लोगों की फिल्म ‘मी रकसम’ थी, जिसने पहले ही लोगों को अपना मुरीद बनाया है। यह अब जी-5 पर है। पाब्लो सेजार निर्देशित इंडो अर्जेटिनो फिल्म ‘थिंकिंग आफ हिम’ फेस्टिवल का बड़ा आकर्षण रही। इस फिल्म की कहानी अर्जेंटिना की चर्चित लेखिका विक्टोरिया ओकम्पो और गुरुदेव टैगोर के दोस्ती के आस-पास घूमती है। इसके बाद बांग्लादेश के चर्चित निर्देशक तौकीर अहमद की 1952 के संदर्भ में बांग्ला देश के भाषा आंदोलन के बैकड्राॅप में बनी फिल्म फागुनी हवा का प्रदर्शन हुआ। यशपाल शर्मा अभिनीत इस फिल्म पर डाॅ मुन्ना के पांडेय, पत्रकार चंद्रभूषण और शोभा अक्षरा से फिल्म समीक्षक मोहम्मद मुर्तजा अली ने बात की। निलय उपाध्याय लिखित और कुंदन शाह निर्देशित अंतिम फिल्म थ्री सिस्टर्स कानपुर की एक सच्ची घटना और अंतोन चेखव के थ्री सिस्टर्स का कुछ आधार लिए हुए थी। फिल्म अपने कंटेंट में इतनी संवेदनशील थी कि उसने दर्शकों को रुला दिया। बाद में फिल्म के लेखक की दर्शकों से बातचीत को चंद्रभूषण और शोभा अक्षरा ने दर्शकों तक पहुंचाया। दूसरे दिन का अंतिम सत्र अविनाश दास की चर्चित फिल्म ‘अनारकली आफ आरा’ के नाम रहा। बाद में फिल्म पर बतकही फिल्म समीक्षक मोहम्मद मुर्तजा द्वारा अविनाश दास के साथ की गई। इस फिल्म फेस्टिवल का तीसरा दिन देश भर की लगभग दो दर्जन फिल्मों के नाम भी रहा, इसमें विजेता तीन फिल्मों को 25 हजार, 15 हजार और 10 हजार की इनामी राशि के अतिरिक्त दो पुरस्कार जूरी च्वाइस अवार्ड रहा।
‘कागज’ के लेखक इम्तियाज हुसैन फेस्टिवल में तीनों दिन मौजूद रहे उनसे मोहम्मद मुर्तजा ने बातचीत की। फेस्टिवल का अंत फेस्टिवल आयोजक आजमगढ़ के रंगकर्मी अभिषेक पंडित के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।