अक्टूबर, 2017 में जब ‘#मीटू’ आंदोलन ने भारतीय फिल्म उद्योग को अपनी गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया था तब मलयाली फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न की जांच के लिए राज्य सरकार ने सेवानिवृत न्यायाधीश हेमा नायर की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट 2020 में सरकार को सौंप दी थी जिसे इस वर्ष अगस्त में जैसे ही सार्वजनिक किया गया फिल्म इंडस्ट्री का काला सच सामने आ गया है। सुपर स्टार का दर्जा पाए दिलेश पोथन, फहद हासिल और जीतू मोजाहन सरीखे अभिनेता और निर्देशकों पर यौन शोषण के आरोपों से पूरा फिल्मी संसार सकते में है
बॉलीवुड में तो कास्टिंग काउच के आरोप लगते ही रहते हैं लेकिन पहली बार मॉलीवुड की साख दांव पर लगी है। मामला साल 2017 में एक मशहूर मलयालम अभिनेत्री के यौन उत्पीड़न का है जिसकी जांच जस्टिस हेमा समिति की कमेटी ने की थी अब इस कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं की स्थिति बेहद बदतर है। पुरुष निर्माता, निर्देशक और अभिनेता फिल्म इंडस्ट्री को नियंत्रित करते हैं। वही तय करते हैं कि किसे काम दिया जाए और किसे नहीं। ये पुरुष प्रधान किसी का भी करियर बर्बाद कर सकते हैं। इस रिपोर्ट के आने से मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के नामी कलाकारों में भय का माहौल पैदा हो गया है। ठीक वैसा ही माहौल जैसा 2018 में ‘मीटू’ प्रकरण के बाद बॉलीवुड की महिला कलाकारों ने एकजुट होकर फिल्म निर्माताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उस समय किरन राव, मेघना गुलजार, जोया अख्तर, अलंकृता श्रीवास्तव, गौरी शिंदे, कोंकणा सेन शर्मा, नंदिता दास, नित्या मेहरा, रीमा कागती, रुचि नरेन जैसी बॉलीवुड की करीब एक दर्जन महिला फिल्मकारों ने एक सुर में आरोपियों के साथ काम न करने का फैसला सुनाया था।
यौन शोषण के बाद हुआ जस्टिस हेमा कमेटी का गठन
14 फरवरी 2017 को एक मशहूर मलयाली फिल्म अभिनेत्री अपनी कार से कोच्चि जा रही थी। रास्ते में उसे अगवा कर कार में ही उसका यौन उत्पीड़न किया गया था। आरोपियों ने ब्लैकमेल करने के लिए पूरी घटना का वीडियो बनाया था। इस घटना में मलयालम अभिनेता दिलीप कुमार सहित 10 लोगों के नाम शामिल थे। जिसमें पुलिस ने अभिनेता दिलीप कुमार सहित 6 लोगांे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। लेकिन कुछ दिन बाद ही दिलीप कुमार को जमानत मिल गई। जिसका बहुत विरोध हुआ था, जनाक्रोश बढ़ता जा रहा था।
तब केरल सरकार ने सेवानिवृत न्यायाधीश जस्टिस हेमा की अध्यक्षता में सरकार ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। इसका नाम जस्टिस हेमा कमेटी रखा गया था। इस कमेटी द्वारा मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाले आर्टिस्ट, एक्टर, डायेक्टर से लेकर टेक्नीशियन, प्रोड्यूसर्स, फिल्म व्यवसाय से जुड़े संगठनों के सदस्यों आदि के इंटरव्यू लिए गए थे। इन इंटरव्यू से ये अंदाजा लगाने की कोशिश की गई कि इंडस्ट्री में महिलाओं की क्या स्थिति है। इस प्रक्रिया में दो साल का वक्त लगा था। 31 दिसंबर 2019 को जस्टिस हेमा कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी जिसे इस वर्ष 18 अगस्त 2024 को जारी किया गया। जिसके बाद मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में सनसनी मच गई है और कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
अभिनेत्री सौम्या ने बताई आपबीती
जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट सामने आने के बाद कई फिल्मी सितारे अपनी आपबीती दुनिया के सामने रख रही हैं। मलयालम अभिनेत्री सौम्या ने बचपन में अपने साथ हुए यौन शोषण का खुलासा किया है। उन्होंने बताया है कि एक डायेरक्टर और उसकी पत्नी ने मेरे माता पिता को फिल्मों में काम करने के लिए राजी किया तब मेरी उम्र 18 साल की थी। वो मेरे को अपनी बेटी कहता था लेकिन अकेले में मेरे साथ ऐसी हैवानियत करता था जिससे उबरने में मुझे 30 साल लग गए थे। उसने लगभग एक साल तक मेरा रेप किया। इतना ही नहीं इस इंडस्ट्री में और भी बहुत लोग हैं जो महिला कलाकार को उभरते हुए देखना नहीं चाहते। जब मैं एक फिल्म की शूटिंग कर रही तब एक अभिनेता ने मेरा यौन शोषण किया था। उस अभिनेता का नाम इस जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट में भी है। सौम्या ने कहा डायरेक्टर, एक्टर, टेक्नीशियन, सभी ने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया है। मेरे अधिकारों का उल्लंघन हुआ है। मैं सभी पीड़ितों से कहती हूं कि अपने साथ हुए दुर्व्यवहार की शिकायत करें। आपको बता दंे सौम्या ने 90 के दशक में तीन हिट फिल्में दी हैं।
अभिनेता नवीन पाली पर यौन उत्पीड़न का आरोप
जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद प्रसिद्ध मलियाली अभिनेता नवीन पाली पर यौन उत्पीड़िन का आरोप लगा है। एक महिला ने रेला के एरंकुलम थाने में प्रोडूसर सुनील, बीनू, बशीर, कट्टर, श्रेया और नवीन पाली के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। शिकायकर्ता महिला का आरोप है जब वह श्रेया के संपर्क में आई थी तो उन्होंने मुझे यूरोप में केयरगिवर की नौकरी ऑफर की थी जब पीड़ित महिला ने ये नौकरी नहीं की तो श्रेया ने उनसे पैसे वापस मांग लिए और वापस न देने की स्थिति में श्रेया द्वारा एक फिल्म का ऑफर दिया गया। पीड़ित महिला का कहना है कि उनको ड्रग्स दिए गए, उनका यौन शोषण किया गया। 6 अलग-अलग लोगांे ने उनका यौन शोषण किया।
मॉलीवुड की आंच पहुंची पश्चिम बंगाल
मॉलीवुड की जस्टिस हेमा कमेटी रिपोर्ट की आंच टॉलीवुड तक जा पहुंच गई है। बंगाली सिनेमा की एक अभिनेत्री ने मशहूर फिल्म निर्माता अरिंदम सील पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। अभिनेत्री के अनुसार अरिंदम सील ने स्क्रिप्ट पढ़ने के लिए मुझे ऑफिस में बुलाया था। दुर्गा पूजा के दिनों की बात है। शाम के 5 बज रहे थे ऑफिस में कोई नजर नहीं आ रहा था। मैं अपने आप को अकेला देखकर डर रही थी। तभी अचानक अरिंदम सर अपने सीट से उठे और मेरे सिर और कमर पर हाथ फेरने लग गए। मेरा डर बढ़ता जा रहा था मुझे लगने लगा था कि अब मेरा बलात्कार होगा। मैंने अपने आप से हिम्मत दिखाई और गुस्से से उन्हें स्क्रिप्ट पर बात करने को कहा। जिसके बाद उन्होंने तुरंत अपना व्यहवहार बदल लिया। शायद वो समझ गए मैं उनके प्रलोभन के आगे झुकने वाली महिला नहीं हूं। इसके बाद मैंने पश्चिम बंगाल महिला आयोग में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी।’ इस मामले को पूर्वी भारत के निर्देशक संघ (डीएईआई) ने अपने हाथ में ले लिया था जिसके बाद अरिंदम सील पर कार्यवाही होने लगी। डीएईआई द्वारा उनको निलंबित कर दिया गया है। डीएईआई द्वारा लिखे पत्र में लिखा गया है, आपके खिलाफ लगाए गए कुछ आरोप और हमारे पास मौजूद प्रथम दृष्टया सबूतों के कारण तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाता है। आपके ऊपर लगाए गए आरोपों से संगठन की बदनामी हुई है।
अभिनेत्री श्रदा श्रीनाथ
हेमा कमेटी की रिपोर्ट से मलयालम इंडस्ट्री में हलचल मची हुई है। अभिनेत्री श्रदा श्रीनाथ ने भी महिला कलाकार की सुरक्षा को लेकर बात की है। उन्होंने कहा कि मैं वर्क साइड पर तो सेफ महसूस करती हूं लेकिन साइड से बाहर निकलते ही अनसेफ महसूस करने लगती हंू जैसे कार चलाते वक्त ड्राइवर मुझे नॉनस्टॉप चेकआउट करता है तब थोड़ा अनसेफ महसूस करती हूं। वैसे सेट्स पर बहुत कम अभिनेत्रियां सेफ फील करती है। उनमें मैं लक्की रही हूं। मेरे साथ ऐसी कोई घटना नहीं घटी।