पिछले कुछ वर्षों से ग्लोब्लाइजेशन के चलते लोगों के रहन.सहनए खान.पीनए पहनने.ओढ़नेए यहां तक की बात करने के तौर.तरीकों को काफी प्रभावित किया है। एक ओर जहां प्रभाव से समाज में कई बदलाव आए हैं वहीं कई लोगों की सोच भी बदली है । लेकिन देश में अभी भी विचारों का बदलाव उस हद तक नहीं हो पाया है जहां दो अलग.अलग लिंग को सामानता प्रदान की जाये और सम्मान भी दिया जाये। ग्लोब्लाइजेशन के बावजूद भी समाज की वही पुरानी और कट्टर सोच को आज भी देखा जा सकता है। कहीं न कहीं पुरानी कटटरतापूर्ण सोच को समाज के एक बड़े हिस्से में देखा जा सकता है। इस तरह के मामले देश में काफी बार देखे गए हैं। हाल ही में अभिनेता मुकेश खन्ना का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है। जिसे लेकर सोशल मीडिया में काफी बबाल मचा हुआ है।
अभिनेता मुकेश खन्ना सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। वह सोशल मीडिया पर अक्सर किसी न किसी विषय पर अपनी राय देते रहते हैं। इस बीच उनकी एक वीडियो वायरल हो रही हैए जिसमें उन्होंने कहा कि श्जो लड़की किसी लड़के को सेक्स करने को बोले ए वो धंधा करती है। ऐसी बातों में लोगों को नहीं आना चाहिए। क्योंकि कोई सभ्य समाज की लड़की ऐसा नहीं कहेगी। जो लड़की ऐसा कहती है वो निर्लज्ज हैए आप उसके पाप में भागीदार मत बनिए । एक तो मुझे लड़कियों की निर्लज्जता पसंद नहीं है। इनके विशेषाधिकारों का समझ नहीं आता। इनके अपने संस्कार हैंए अपनी मर्यादा हैं’ लड़कियों को अपनी मर्यादा में रहना चाहिएए अपने संस्कार में रहना चाहिए।’
अभिनेता के इस तरह के बयान के बाद उनपर धंधा करने को लेकर काफी टिप्पड़ियां करी जा रही है जैसा कि श्अगर ये लड़की का धंधा है तो आप भी तो धंधा ही करते हैं। आपका धंधा अभिनय है ऐसे में धंधा सभ्य और असभ्य है आप कौन होते हैं इसका चयन करने वालेघ्ए लड़कियों का अपनी भावनाओं को व्यक्त करना उनके सभ्य या असभ्य होने से किस तरह मेल खाता हैघ् आप एक घटिया अभिनेता होने के साथ.साथ एक घटिया सोच वाले व्यक्ति भी हैं। पहले जाकर अपनी सोच ठीक कीजिये फिर एक असली अभिनेता बन पाएंगे आप।ए लड़कियों के प्रति निर्लज और पापी जैसी सोच रखने वालों को हिंदुस्तानी होने का कोई अधिकार नहीं है। यह विवाद यहीं नहीं थमा कुछ नारीवादी कार्यकर्ताओं द्वारा महिलाओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने पर केस दर्ज करने की चेतावनी भी दी गई हैं।
हालाँकिए इस वीडियो में मुकेश खन्ना ने सेक्स रैकेट चला रहीं लड़कियों की टीम को टारगेट किया है। उन्होंने बताया कि किस तरह सोशल मीडिया पर लड़कियों के नाम से फेक अकाउंट के द्वारा लड़कों को लुभाया जाता है। उनकी बातों में आने के बाद उन लड़कों को फिर ब्लैकमेल किया जाता है। उनका सन्देश वैसे तो सोशल मीडिया पर चल रहे सेक्स रैकेट्स के बारे में लोगों को सतर्क करना था। उन्होंने बताया कि उन्हें भी इस तरह के फ़ोन कॉल्स और टैक्स मैसेजेस आते हैं उसी तरह बहुत से लोगों को मैसेज और कॉल्स किये जाते हैं। इन रैकेट्स का धंधा ही भोले .भाले लोगों को अपनी बातों में फसाकर उन्हें बलैकमेल करना होता है। उन्होंने यह बात यहीं ख़तम नहीं कि बल्कि उन्होंने पूरी तरह व्याख्या की कि किस तरह इन रैकेट्स को नियंत्रित किया जाता है। किस पैटर्न से इनका पूरा कारोबार चलता है। उन्होंने एक बात को बार.बार कोट किया श्ऐसी लड़कियोंश् से बचो जिसको लेकर इतना विवाद हो रहा है। देखा जाये तो अभिनेता ने समाज में चल रहे एक गंभीर मुद्दे को उठाया है लेकिन उनके द्वारा प्रयोग किये गए शब्द आपत्तिजनक हैं। जिसके कारण समाज में मौजूद इस गंभीर मुद्दे ने एक घृणात्मक रूप ले लिया है और उनके द्वारा की गई बयानबाजी उल्टा उन्हीं के गले की फांस बनती जा रही है।
सभ्य लड़कियां कौन होती हैं
इस मुद्दे पर जब हमारी टीम ने समाज में एक सभ्य लड़की की विशेष्ताएं जानने के लिए एक सर्वे किया तो इस सर्वे में हमने पूछा कि श्एक सभ्य लड़की कैसी होती हैघ्ए वह कोनसा पैमाना है जिसके ज़रिये समाज एक लड़की के सभ्य और असभ्य होने का दावा करता है।श्इसके जबाब कुछ इस तरह पाए गए।
1- लड़कियों का सभ्य और असभ्य होने जैसी कोई सभ्यता है ही नहीं। व्यक्ति के जीवन जीने का तरीका ही सभ्य और असभ्य होते हैं वह निर्भर करता है सिर्फ इस बात पर की इंसान के अंदर इंसानियत होनी चाहिए। हमें दूसरों के दुःख में दुखी और खुशियों में सुख का एहसास होना चाहिए।
2ण् सभ्यता इंसान का निजी मसला है। आपकी ज़िन्दगी के अलग.अलग पहलु और किरदार जो आप निभाते हैं उस के अनुसार आपका सभ्य होना डिपेंड करता है। आप एक माँ हैं तो आपकी अलग ज़िम्मेदारियाँ हैंए एक बीवी हैं तो अलगए एक बहन हैं तो अलगए और एक बेटी हैं तो अलग। आपकी ज़िम्मेदारियों को पूरा करना आपकी ज़िन्दगी को सक्षम बनाता है। यहीं आप एक सभ्य समाज का निर्माण करते हैं।
3ण् मेरी समझ से सभ्य लड़कियां वह होती हैं। जो समाज के हित के बारे में सोचती हैं। देश और परिवार के हित के बारे में सोचती हैं। उसी प्रकार असभ्य लड़कियां वह होती हैं जो ड्रग्स के नशे में चूर अपने माता पिता का सम्मान न करना आदि। इस प्रकार की लड़कियां व्यक्तिगत आज़ादी के नाम पर समाज में
अभद्रता फैलाती हैं।
4ण् ईमानदारए तहज़ीब से बात करने वालीए तहज़ीब के साथ ज़िन्दगी गुज़ारने वाली और किसी तरह की बुरी आदतें जैसे. धूम्रपानए शराब आदि जैसी स्वास्थ और पर्यावरण को खराब करने वाली आदतों से दूर रहने वाली सभ्य लड़कियां होती हैं।
5ण्मुझे लगता है कि भारतीय समाज में श् सभ्य लड़कीश् शब्द ही पितृसत्ता से प्रेरित है। इसलिए इसे मैं मानता ही नहीं हूं।अक्सर समाज में देखा जाता है कि लड़की अगर घर देर से आए तो उसे सभ्य लड़की का पाठ पढ़ाया जाता है।
ऐसे कई प्रकार के अलग.अलग सभ्य लड़कियों के पैमानों से हमें पता चला इस सर्वे के ज़रिये हमने एक बात और नोटिस की कि लोग इस मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त करने से भी डर रहे हैं। शायद ये समाज में फैली एक क्रूरता है जो प्रति दिन एक बड़ा रूप धारण करती जा रही है। ऐसे में लोग अपनी बात कहने से भी डर रहे हैं।