रजनीकांत को सम्मान मिलने के मायने तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखे जा रहे हैं
दक्षिण भारत में सिनेता और सियासत के बीच चोली-दामन जैसा रिश्ता रहा है। दक्षिण भारतीय फिल्मों के लोकप्रिय नायक-नायिकाओं को जब भी राजनीति के मैदान में भागय आजमाया तो यहां भी जनता ने उन्हें हाथों हाथ लिया। एमजी रामचंद्र, एनटी रामाराव, जयललिता जैसे तमाम ऐसे नाम हैं जिन्होंने फिल्मों के साथ ही राजनीति में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। इसी कड़ी में अब एक और नाम सुपर स्टार रजनीकांत का भी जुड़ गया है। रजनीकांत महत्वाकांक्षा भी रखते हैं। उन्होंने अपनी एक पार्टी भी बनाई। हालांकि उनकी पार्टी अभी चुनाव नहीं लड़ रही है। चुनाव लड़ने का फैसला रजनीकांत ने स्थगित कर दिया है, लेकिन इस बीच उन्हें मिले दादा साहेब फाल्के पुरस्कार पर भाजपा के दिग्गजों ने जिस तरह ताबड़तोड़ बधाइयां दी हैं, उससे सुपर स्टार को मिला यह सम्मान सियासत के लिहाज से भी महत्वपूर्ण माना जाने लगा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा नेताओं ने रजनीकांत को मिले सम्मान को एक तरह से अच्छे अवसर की तरह लपक लिया है। उन्हें बधाई देकर भाजपा नेताओं की दृष्टि शायद तमिलनाडु में होने वाले विधानसभा चुनाव पर भी है। चूंकि रजनीकांत राज्य में लोकप्रिय हैं, तो बधाई देकर उनकी लोकप्रियता को सियासी तौर पर भुनाया जा सकता है।
कहा जा रहा है कि राज्य में चुनाव को देखते हुए केंद्रीय सूचना मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने बड़े जोश से कहा कि रजनीकांत को 2019 के दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। तमिलनाडू में रजनी कांत का काफी ज्यादा वर्चस्व है, और ऊपर से तमिनलनाडु में विधानसभा के चुनाव भी हैं। जब प्रकाश जावडेकर से इससे संबंधित सवाल पूछा गया तो उन्होंने इस बात से इंकार कर दिया और कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में उनके योगदान को देखते हुए यह सम्मान उनको दिया जा रहा है। इसका चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। रजनीकांत को 51वां दादा साहेब फाल्के पुरस्कार 3 मई को दिया जाएगा। प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट कर कहा कि ष्मुझे इस बात की अत्यंत खुशी है कि 2019 का दादासाहेब फाल्के अवार्ड रजनीकांत को मिला है। 5 सदस्यों की ज्यूरी ने एकमत से इसकी सिफारिश की है।
उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में रजनीकांत के साथ अपनी फोटो शेयर की और नीचे कैप्शन में लिखा मुझे वास्तव में खुशी है कि जूरी ने सर्वसम्मति से रजनीकांत को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार के लिए चुना है। 1992 में आई तमिल क्लासिक अन्नामलाई मेरी पंसदीदा फिल्मों में से एक है। दादा साहेब फाल्के की ज्यूरी में आशा भोंसले, सुभाष घई, मोहनलाल, शंकर और बिस्वाजीत चटर्जी शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रजनीकांत को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार मिलने पर बधाई दी है। पीएम ने रजनीकांत को बधाई देते हुए अपने ट्वीट पर लिखा ‘कई पीढ़ियों में लोकप्रिय, जबरदस्त काम जो कम ही लोग कर पाते हैं, विविध भूमिकाएं और एक प्यारा व्यक्तित्व… ऐसे हैं रजनीकांत जी। यह बेहद खुशी की बात है कि थलाइवा को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, उन्हें बधाई।’ इस बार माना जा रहा था कि रजनीकांत अपनी एक अलग पार्टी बनाकर तमिलनाडू के विधानसभा चुनाव में उतरेंगे।
लेकिन खराब सेहत के कारण उन्होंने यह निर्णय टाल दिया था। 12 दिसंबर 1950 को रजनीकांत का जन्म बेंगलुरु के एक मराठी परिवार में हुआ, उनका असली नाम शिवाजी राव गायकवाड है। उनकी स्कूलिंग बेंगलुरु में ही हुई। रजनीकांत चार साल के थे, जब उनकी मां का निधन हो गया था। घर के हालात ठीक न होने के कारण उन्होंने एक बस में कंडक्टर की नौकरी की, बस में टिकट काटने के अपने अंदाज के कारण वह काफी पाॅपुलर हो गए, उनके दोस्तों ने उन्हें एक्टिंग में जाने की सलाह दी। दादा साहेब फाल्के पुरस्कार सिनेमा में अतुलनीय योगदान देने वाले कलाकारों को दिया जाता है। यह पुरस्कार सिनेमा जगत के प्रतिष्ठित पुरस्कारों में आता है। 2018 में यह पुरस्कार बिग बी यानी अमिताभ बच्चन को और 2017 में विनोद खन्ना को दिया गया था। 1969 में पहला दादा साहेब फाल्के पुरस्कार अभिनेत्री देविका रानी को दिया गया था। देविका रानी को भारतीय फिल्मों की पहली अभिनेत्री भी कहा जाता है। इस पुरस्कार को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा दिया जाता है। इसमें विजेता को स्वर्ण कमल, शाॅल और दस लाख की राशि प्रदान की जाती है।