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लड़के के प्यार में पड़े आयुष्मान खुराना, पहना नाक में नथ

लड़के के प्यार में पड़े आयुष्मान खुराना, पहना नाक में नथ

आयुष्मान खुराना नाक में नथ डाले, हिरनी की चाल में चल रहे हैं। इतना ही नहीं एक लड़के के प्यार में भी पड़ गए हैं। प्यार तो प्यार होता है। हमें क्या, प्रॉब्लम तो ताहिरा कश्यप को होनी चाहिए। क्यों न हो भला, पत्नी है आयुष्मान की। पति की ऐसी हरकतों से बेचारी ताहिरा का क्या हाल हो रहा होगा। अरे ये क्या ताहिरा भी खुश है पति को ऐसे देख कर। इतना ही नहीं, लोगों से अपील भी कर रही हैं कि आयुष्मान को देखें। ये सब क्या हो रहा है। आपको भी जानना है तो चलिए हमारे साथ।

लड़के के प्यार में पड़े आयुष्मान खुराना, पहना नाक में नथ

आयुष्मान खुराना की फिल्म ‘शुभ मंगल ज्यादा सावधान’ की बात हो रही है। जो कि महाशिवरात्रि के दिन रिलीज हुई है। आयुष्मान की फिल्म लगातार बॉक्स ऑफिस पर धमाकेदार प्रदर्शन भी कर रही है। फ़िल्म में दो लड़कों के प्यार और उनके रिश्ते को लेकर बनी है। ‘गे’ लव स्टोरी पर बनी यह फिल्म अपने आपमें में अनोखा है। इस विषय पर फिल्में बॉलीवुड में अब तक नहीं बनी थी।

कुछ फिल्मों में छोटी सी झलक तो दिखाया गया था लेकिन इस तरह से खुलेआम ऐसे विषय पर फ़िल्म नहीं बनी थी। ऐसे विषय पर शायद ही कोई नामी अभिनेता काम करना चाहे। लेकिन आयुष्मान खुराना की जितनी तारीफ की जाएं कम ही होगा। और पिछले कुछ सालों में उन्होंने जिस तरह से एक अभिनेता के तौर पर खुद को स्थापित किया है। वो काबिल-ए-तारीफ है। आयुष्मान खुराना मल्टीटैलेंटेड हैं। उन्होंने हर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है।

इस फिल्म में आयुष्मान के अलावा जितेंद्र कुमार, गजराज राव, नीना गुप्ता, मनु ऋषि चड्ढा, सुनीता, मानवी हैं। इस फिल्म का निर्देशन हितेश केवल्या ने किया है। जितेंद्र कुमार डिजिटल स्टार उर्फ जीतू भैया पहले ही कोटा फैक्ट्री जैसे प्रसिद्ध सीरीज़ से अपनी एक अलग पहचान बना चुके हैं। इस फिल्म में उनका किरदार इलाहाबाद जैसे छोटे शहर में रहने वाला व्यक्ति है। वहां इंटरनेट आने के बाद होमोसेक्शुएलिटी को लेकर तरह-तरह की धारणाएं बनी रहती है।

दिल्ली आने के बाद उनकी मुलाकात आयुष्मान से होती है और दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो जाता है। इस फ़िल्म में पारिवारिक उठापटक देखने को मिलेगा। बड़े भाई-छोटे भाई की तल्खी और उनकी बीवियों की छोटी-छोटी लड़ाईयां भी दिखेगी। लेकिन इन सब के बीच में पिसते हुए गे लवर कार्तिक और अमन आपके दिमाग में एक गहरी छाप छोड़ जाएगी।

फिल्म में दिल्ली को काफी कूल दिखाया गया है। खास कर जिस तरह से आयुष्मान खुराना और जितेंद्र बाइक पर बैठकर गाना गाते नज़र आते हैं। उससे साफ पता चलता है कि समलैंगिक लोगों के प्रति दिल्ली की सोच उदार है। आम लोगों के माता-पिता की तरह फ़िल्म में भी बेटे के लिए एक सुंदर, सुशील और पढ़ी-लिखी लड़की की खोज की जाती है। और लड़की को सगुन में कंगन दी जाती है। गजराज राव पिता का रोल कर रहे हैं जो हर खूबी से लैस हैं। लेकिन जब अपने बेटे के प्यारे क्षणों को देखते हैं तो उन्हें उल्टी आने लगती है।

‘शुभ मंगल ज्यादा सावधान’ की खासियत यह है कि एक समलैंगिक जोड़े की कहानी दिखाते हुए यह तमाम तरह के स्टीरियोटाइप से दूरी बनाकर रखी है। गे-कपल के प्यार के बहाने फिल्म के बाकी किरदार भी अपनी प्रेम कहानियों को टटोलते हैं और जो पाते हैं, वह उन्हें चौंकाता है। यह सब देखते हुए अचानक आपको एहसास होगा कि बीते साल आई ‘इक लड़की को देखा तो ऐसा लगा’ के बाद शायद यह दूसरा मौका है। जब समलैंगिकता पर बात करने वाली कोई बॉलीवुड फिल्म साफ-सुथरा फैमिली एंटरटेनमेंट लेकर आई है।

‘शुभ मंगल ज्यादा सावधान’ के नायक आयुष्मान खुराना की बात करे तो जिस सहजता और स्वैग के साथ नोजरिंग पहनकर वे अपने किरदार को उसकी ज़रूरी फिजिकल डिटेल देने का काम करते हैं। वह उनके टैलेंटेड होने के साथ-साथ कॉन्फिडेंस को भी दाग देनी पड़ेगी। उनके बॉयफ्रेंड की भूमिका में जितेंद्र कुमार यानी जीतू ने भी बढ़िया अभिनय किए हैं। उनकी चाल, चेहरा, डील-डौल सब इस किरदार के लिए एकदम फिट लगते हैं। इन सबके अलावा जीतू अपने एक्सप्रेशंस से भी एक बेहद आम से दिखने वाले आदमी के समलैंगिक होने की बात, चुपचाप से कह जाते हैं।

इनके अलावा, फिल्म में नीना गुप्ता और गजराज राव की जोड़ी भी अपनी केमिस्ट्री से आपको खुश करती है। यह जोड़ा समलैंगिकता पर समाज की प्रतिक्रियाओं का सबसे सटीक चेहरा सामने लाता है। सुप्रीम कोर्ट ने 6 सितंबर, 2018 को समलैंगिकता को जायज मना था। धारा 377 के अनुसार इन्हें साथ रहने और समाज में इस रिश्ते की मंजूरी दी थी।

रही बात इस फ़िल्म की तो इसके लिए उसे कितने पापड़ बेलने पड़ते हैं, ये तो आपको फिल्म देखने से पता चलेगा। हितेश केवालिया ने फिल्म का डायरेक्शन और लेखन किया है जो कि तारीफे काबिल है। उनकी लेखनी में कई जगहों पर वह बारीकी देखी जा सकती है, जिससे लोग ठहाकों के साथ एक सच को पाएंगे। जो हम सब अपने जीवन में आस-पास देखते आए हैं। दो लड़कों को किस करते हुए देखकर असहज महसूस नहीं होना। ऐसा लग रहा है कि समलैंगिक संबंध को लोग धीरे-धीरे स्वीकार कर रहे हैं।

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