कंगना रनौत निपोटिज्म को लेकर पिछले एक महीने से सुर्खियों में हैं। वो बॉलीवुड के कई सितारों पर निशाना साधते आ रही हैं। कंगना के इन बयानों पर अब अनुराग कश्यप ने भी ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि जिस कंगना को मैं जानता था वो ये नहीं है। और ये कौन है इसे मैं नहीं जानता।
उन्होंने ट्वीट में लिखा, “कल कंगना का इंटरव्यू देखा। एक समय में वह मेरी बहुत अच्छी दोस्त हुआ करती थी। मेरी हर फिल्म पर आकर मेरा हौसला भी बढ़ाती थी, लेकिन इस नई कंगना को मैं नहीं जानता और अभी उसका यह डरावना इंटरव्यू भी देखास जो मणिकर्णिका की रिलीज के बिल्कुल बाद का है।”
वहीं अनुराग के कमेंट्स पर कंगना की टीम के ट्विटर अकाउंट से कमेंट आया। उन्होंने ट्वीट में लिखा, “ये हैं मिनी महेश भट्ट जो कंगना को बिल्कुल अकेली और नकली लोगों से घिरी हुई बता रहे हैं जो उनका इस्तेमाल कर रहे हैं। देशद्रोही, शहरी नक्सली जिस तरह से आतंकवादियों की रक्षा करते हैं, अब फिल्म माफिया की रक्षा कर रहे हैं।”
https://twitter.com/KanganaTeam/status/1285405170357006338?s=20,
अनुराग ने नेपोटिज्म को लेकर भी एक ट्वीट किया था, जिसमें लिखा था, “मित्रों…गजब डिबेट चल रही है। फिल्मों में सिर्फ एक्टर्स नहीं होते। एक फिल्म के सेट ओर कम से कम डेढ़ सौ लोग काम करते हैं। अंदर वाले या बाहर वाले जिस दिन सेट पर काम करने वाले असिस्टेंट्स, वर्कर्स, स्पॉटबॉय और बाकी सब इंसानों को इज्जत देना सीख जाएंगे तब उनसे बात की जा सकती है। चाहे वो बात नेपोटिज्म के बारे में हो या फेवरेटिज्म के बारे में हो। पहले इन सेट ओर काम करने वालों से एक बार पूछ लो की कौन सा एक्टर या डायरेक्टर या जो भी हो , वो सबसे ज्यादा बदतमीज है या किस एक्टर के नाम से वो उस फिल्म में काम करने से मना कर देते हैं।”
Blood thirsty terrorism promoters urban naxals & anti nationals hv come out in full force,dey call themselves anti establishment bt nw ganging up on a lone warrior to protect people who psychologically &emotionally lynched Shushant,did dey say a word when he ws bullied & killed?
— Team Kangana Ranaut (@KanganaTeam) July 21, 2020
कंगना के टीम के ट्विटर अकाउंट से इस ट्वीट पर ट्वीट किया गया। जिसमें लिखा, “खून पीने वाले टेररिज्म को प्रमोट करने वाले अर्बन नक्सल्स और एंटी नेशनल आज पूरी तैयारी के साथ आए हैं। वह एक अकेली योद्धा के खिलाफ खड़े हैं और उन लोगों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं जिन्होंने सुशांत को मानसिक और भावनातमक तौर पर आहत किया।”
मित्रों..ग़ज़ब डिबेट चल रही है।फ़िल्मों में सिर्फ़ ऐक्टर्ज़ नहीं होते।एक फ़िल्म के सेट ओर कम से कम डेढ़ सौ लोग काम करते हैं।अंदर वाले या बाहर वाले जिस दिन सेट पे काम करने वाले असिस्टंट्स और workers, Spotboy और बाक़ी सब इंसानों को इज़्ज़त देना सीख जाएँगे तब उनसे बात की जा सकती है
— Anurag Kashyap (@anuragkashyap72) July 20, 2020
अनुराग ने फिर ट्वीट किया, “फिर जाकर उन एक्टर के सेट्स पर, जहां जब कमान, तथाकथित एक्टर के हाथ में आ जाती है, उस फिल्म के सपोर्टिंग एक्टर्स के पुराने इंटरव्यू पढ़ लो की वो क्यों फिल्म छोड़ के गए थे। तुम जैसा दूसरों के साथ रहोगे वैसा ही वापस भी मिलेगा।”