फिल्म ‘गदर-2’ और ओएमजी-2 का क्रेज बॉक्स ऑफिस पर जारी है। कमाई के मामले में सनी देओल की फिल्म ने कई रिकॉर्ड तोड़ डाले हैं तो वहीं अक्षय कुमार की फिल्म को भी दर्शक काफी पसंद कर रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि जैसे ‘गदर’ और ‘लगान’ एक ही दिन रिलीज होकर सुपरहिट फिल्में बनीं, वैसा ही कुछ इतिहास इस बार ये दोनों फिल्में भी दोहरा सकती हैं
करीब तीन हफ्ते पहले एक ही दिन सिनेमा घरों में रिलीज हुई एक्शन से भरपूर गदर-2 और सेक्स एजुकेशन पर आधारित फिल्म ओएमजी-2 ने कब्जा जमाए रखा है। गदर-2 दर्शकों को काफी पसंद आ रही है। इस फिल्म ने कमाई के मामले में शाहरुख खान की फिल्म पठान को भी पछाड़ दिया है। वहीं ओएमजी-2 भी करीब 150 करोड़ रूपए की कमाई कर चुकी है। इन दोनों फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर कारोबार के शुभ संकेत दिए हैं। ये दोनों ही फिल्में सीक्वल ही हैं। अक्षय कुमार, पंकज त्रिपाठी और यामी गौतम अभिनीत ‘ओएमजी-2’ हालांकि 11 साल पहले रिलीज हुई फिल्म ‘ओमएमजी’ की कहानी से बिल्कुल अलग है, वहीं ‘गदर-2’ उसी कहानी को आगे बढ़ाती है जो दर्शकों ने 22 साल पहले फिल्म ‘गदर’ में देखी थी। निर्देशक अनिल शर्मा की फिल्म ‘गदर’ ने जो इतिहास बॉक्स ऑफिस पर रचा, उसे दोहराने की उम्मीद इस बार भी इसे बनाने वाली कंपनी जी स्टूडियोज और इसे निर्देशित करने वाले अनिल शर्मा दोनों को है।
सिनेमाघरों में सनी देओल के लिए एकत्रित भीड़ को देखकर तो यही लगता है कि कमाई के मामले में इस फिल्म का हाल फिलहाल कोई रिकॉर्ड नहीं तोड़ पायेगा। इस फिल्म को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि फिल्म के निर्देशक अनिल शर्मा ने बड़ी चालाकी से 2002 में आई फिल्म गदर की सफलता को भुनाने की कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। वहीं अक्षय कुमार की फिल्म ओएमजी-2 की कहानी पंकज त्रिपाठी और उसके परिवार को लेकर है। त्रिपाठी के बेटे को सेक्स एजुकेशन की जानकरी नहीं होने की वजह से हीन भावना का शिकार होना पड़ता है। अक्षय इस फिल्म में शिव के दूत का रोल निभा रहे हैं। एक साक्षत्कार के दौरान अक्षय कुमार ने कहा कि फिल्म सेक्स एजुकेशन को हाईलाइट करती है। फिल्म को सेंसरबोर्ड ने ‘ए’ सर्टिफिकट दिया है लेकिन मैं चाहता हूं कि यह फिल्म देश के सभी स्कूलों में दिखाई जानी चाहिए।
गदर-2 ने तोड़े रिकॉर्ड
‘गदर’ फिल्म की ही तरह गदर-2 का भी बॉक्स ऑफिस डंका बज रहा है। जब गदर फिल्म 2002 में रीलिज हुई थी तब सभी शो कई महीनों तक चले थे। ठीक उसी प्रकार इस फिल्म के सभी शो फिलाहल फुल चल रहे हैं। गदर-2 ने पहले ही दिन 40 करोड़ से ज्यादा की कमाई की। दूसरे दिन भी इस फिल्म ने 43 करोड़ की कमाई की। इस फिल्म ने महज दो हफ्तों में ही कई फिल्मों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। आलम यह है कि फिल्म ने अपने रिलीज होने के बाद का पहले रविवार को बॉक्स ऑफिस पर 52 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया। इससे पहले पठान ने 58, बाहुबली ने 46 और केजीएफ-2 ने 50 करोड़ रूपए की कमाई की थी।
गदर-2 फिल्म की कहानी
साल 2002 में आई गदर फिल्म की कहानी २२ साल आगे बढ़ती है। तारा सिंह और सकीना का बेटा जीते बड़ा हो गया है। दूसरी तरफ पाकिस्तान में भी सकीना के पिता असरफ अली को देशद्रोही करार देकर फांसी पर लटका दिया जाता है। तारा सिंह का बेटा हीरो बनना चाहता है। लेकिन तारा सिंह चाहता है कि उसका बेटा आर्मी ऑफिसर बने। इसी बीच बॉर्डर पर इंडियन फौज की भिड़त दुश्मनों से होती है। इंडियन आर्मी को तारा सिंह के ट्रकों की आवश्यकता पड़ती है और तारा सिंह ट्रकों को लेकर बॉर्डर पर पहुंच जाता है। लेकिन वह लड़ाई के दौरान घायल हो जाता है। किसी को पता नहीं होता की वह कहां है। कुछ दिन बाद वह अपने घर लोटता है तो उसे पता चलता है कि उसका बेटा अपने पिता को ढूढ़ने के लिए पाकिस्तान गया था जिसको पाकिस्तान की आर्मी ने गिरफ्तार कर लिया है। फिर तारा सिंह अपने बेटे को छुड़ाने के लिए पाकिस्तान जाता है।
कुल मिलकर फिल्म ‘गदर’ और ‘गदर- 2’ दोनों की कहानी एक है। पिछली बार पाकिस्तान से सकीना हिंदुस्तान आई थी। इस बार चुनौती मुस्कान को लाने की है। मुस्कान ही जीते की पाकिस्तान में मदद करती है और उससे मोहब्बत भी यानी कि गदर के बीच एक प्रेम कथा भी चलती रहती है। अनिल शर्मा ने ये प्रेम कथा आगे भी जारी रहने का संकेत फिल्म ‘गदर- 2’ में दिया है। जीते अब फौज में भर्ती हो चुका है। लिहाजा बहुत संभव है कि अगली बार ये प्रेम कथा कारगिल युद्ध के आसपास बुनी जाए। मूल फिल्म की कहानी लिखने वाले शक्तिमान ने सीक्वल के दबाव में रहते हुए ‘गदर-2’ की कहानी भी देश प्रेम, पाकिस्तान विरोध, हिंदू-मुस्लिम भाई-चारे और दो पीढ़ियों के आपसी प्रेम पर केंद्रित रखी है। ‘ओएमजी-2’ की तरह कहानी की धुरी यहां भी पिता और पुत्र का प्रेम ही है और जीते जब फिल्म में एक जगह कहता है, ‘जिसके ऊपर पिता का साया है, उसे फिक्र करने की क्या जरूरत!’ तो बरबस ही आंखें नम हो आती हैं।
पेरेंट्स को भा रही है ओएमजी-2
फिल्म ओएमजी-2 रिलीज से पहले ही विवादों में है। लेकिन इसकी कहानी एक अच्छी सीख देती है। भले ही फिल्म को सेंसर बोर्ड से। ‘ए’ सर्टिफिकेट मिला हो लेकिन इस फिल्म में ऐसा कुछ नहीं है जिससे इस फिल्म को ‘ए’ सर्टिफिकेट दिया जाए। फिल्म की कहानी मजबूत है। डायरेक्टर अमित राय ने उस विषय को छुआ है जिसे अक्सर गंदी बात कहकर अलग कर दिया जाता है। लेकिन आज के दौर में इस तरह की फिल्म की दरकरार है। कहानी शिवभक्त पंकज त्रिपाठी की है। त्रिपाठी का एक बेटा और एक बेटी है। बेटा (विवेक) एक इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ाई कर रहा होता है। विवेक स्कूल में दोस्तों के यौन मजाक से हीन भावना का शिकार हो जाता है। वह अपने आपको गुप्त रोगी समझ बैठता है। अपने को सही साबित करने के लिए वो अपने गुप्त अंग को बार-बार चेक करता है। यहां तक की स्कूल के बाथरूम में हस्तमैथुन करता है।
इस रोग के उपचार के लिए वह झोला झाप डॉक्टरों से संपर्क करता है। जहां से उसको निराशा हाथ लगती है। लेकिन हीन भावना का शिकार विवेक उस गुप्त रोग से उभर नहीं पाता है। एक दिन वह अपने दोस्त के यहां रात गुजराता है। रात को 3 वियाग्रा की गोली खा लेता है। जिससे उसे चक्कर और उल्टी आती है जिस कारण वह बेहोश हो जाता है। उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है। तब त्रिपाठी जी को पूरी कहानी का पता चलता है। तब तक त्रिपाठी के बेटे का हस्तमैथुन वाला वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो जाता है। उसको स्कूल से निकाल दिया जाता है। परिवार को वायरल वीडियो की वजह से घर छोड़ना पड़ता है। तब शिव का दूत बनकर अक्षय कुमार की एंट्री होती है। अक्षय इस परेशानी से निकालने में उनकी मदद करते हैं। त्रिपाठी अपने बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए कोर्ट का रुख भी करता है। त्रिपाठी अपने लड़के के साथ हुए व्यवहार के लिए पूरी शिद्दत से लड़ते हैं। समाज में यौन शिक्षा पर बातचीत करने का माहौल बनाते हैं। कोर्ट रूम में स्कूल में यौन शिक्षा पढ़ाई जानी चाहिए या नहीं इस पर बहस होती है।
पंकज त्रिपाठी को इस तरह के किरदार की उम्मीद काफी दिन से थी और उन्होंने इस किरदार को खूब अच्छे से निभाया भी है। उनका यह किरदार काफी समय तक याद रखा जाएगा। पंकज त्रिपाठी मुख्य किरदार में है। लेकिन फिल्म में अक्षय का किरदार भी फिल्म में जान डालने का काम करता है। उन्होंने शिव के दूत का किरदार बढ़िया ढंग से निभाया है। यामी गौतम ने वकील के रूप में अच्छी भूमिका निभाई है। गोविल और पवन मल्होत्रा ने भी बेहतरीन अभिनय दिखाया है। ओएमजी-2 की कहानी एकदम नई और समय के मुताबिक है। सेक्स एजुकेशन जैसे विषय पर जहां लोग बात करने से भी कतराते हैं उसे डायरेक्टर ने बड़ी सूजबूझ के साथ इस फिल्म में दर्शाया है। कुल मिलकर फिल्म मनोरंजन के साथ-साथ सेक्स एजुकेशन का सार्थक संदेश देती है।