पिछले वर्ष फरवरी का महीना बॉलीवुड के लिए काफी दुखद रहा। तब 24 फरवरी 2018 को दुबई से एक अनहोनी सी खबर आई थी। उस खबर ने पूरी फिल्म इंडस्ट्री, कपूर परिवार और श्रीदेवी के चाहने वाले फैन को गहरा झटका दिया। यह खबर थी एक बेहद दर्दनाक हादसे में श्रीदेवी की मौत की। श्रीदेवी दुबई में थीं और उसी दिन उनके पति बोनी कपूर सरप्राइज देने के लिए दुबई उनके होटल जा पहुंचे। बोनी कपूर ने उनसे डिनर पर बाहर चलने को कहा और वह तैयार होने के लिए वॉशरूम गई, लेकिन फिर वह काफी देर तक बाहर नहीं आईं। बोनी के अनुसार जब वह बहुत देर तक बाहर नहीं निकलीं तो वह वॉशरूम का दरवाजा खोलकर अंदर गए और श्रीदेवी को बाथटब में बेसुध पाया। दुबई की सरजमी पर हुए इस हादसे की दुबई पुलिस ने जांच की जिसमें पाया कि यह एक हादसा था जिसमें श्रीदेवी की मृत्यु पानी के टब में डूबकर हुई। ऐसा कहा गया कि श्रीदेवी ने एल्कोहल ले रखी थी।
मिस हवा-हवाई के जीवन का सफर इस तरह अचानक खत्म होगा यह किसी ने भी नहीं सोचा था। साल 2012 में श्रीदेवी ने बॉलीवुड में अपनी तीसरी पारी का आगाज किया था। वह इस दौरान कई फिल्मों में तरह-तरह के रोल करके खुद के लिए संभावनाएं टटोल रही थी। और साथ में वह पूरी तरह से अपनी बेटी जावी कपूर को लॉन्च करने के लिए कमर कस चुकी थी। उस समय चर्चा तो यह भी थी कि जाह्न्वी क्या पहनेंगी, कहां जाएंगी और किससे कैसे मिलेंगी, श्रीदेवी तय करती थी। उनके सहयोग के कारण ही जाह्न्वी बहुत आराम से सिल्वर स्क्रीन में आने का बिगुल फूंक चुकी थीं। हालांकि किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। जाह्न्वी को सिल्वर स्क्रीन पर पूरे परफेक्शन के साथ उतारने के लिए जिस मां ने एड़ी- चोटी का जोर लगा दिया, वहीं अपनी बेटी की पहली फिल्म के रिलीज होने से कुछ ही दिन पहले हमेशा-हमेशा के लिए अपनी आंखें बंद कर चुकी थी।
श्रीदेवी के स्टारडम, पहली फीमेल सुपरस्टार और गोल्डन टाइम की हिट फिल्मों के बारे में तो सभी जानते हैं इसलिए हम 2012 के बाद उनके तीसरे कमबैक, इंडस्ट्री और श्रीदेवी पर चर्चा करते हैं। वर्ष 2012 में डेब्यू कर रही डायरेक्टर ‘गौरी शिंदे’ की फिल्में ‘इंग्लिश विंग्लिश’ श्रीदेवी ने लीड भूमिका और किरदार की गहराई को नजर रखते हुए साइन की। उन्होंने जिस तरह से पूरी फिल्म को अपने कंधों पर ढोकर देखने वालों के दिल में दस्तक दे दी, उससे फिल्मी पंडितों ने इसे सबसे सफल कमबैक कहा। कोई भी फिल्म समीक्षक और आलोचक ऐसा नहीं था जिसने श्रीदेवी के ‘इंग्लिश-विंग्लिश’ के किरदार की तारीफ न की हो।
इस फिल्म के कारण अपने आखिरी दिनों में श्रीदेवी बहुत चर्चा में रहीं। कहीं उन्हें मोस्ट अडॉरेबल वुमन ऑफ बॉलीवुड कहा गया तो कहीं उन्हें 25 इंडियन्स टू वॉच की श्रेणी में जगह दी गई। इसी दौरान 2015 में उन्हें तमिल एक्शन फिल्म ‘पुली’ ऑफर हुई। उन्होंने यह ऑफर स्वीकार लिया। यह फिल्म उनके जीवन की आखिरी तमिल फिल्म थी। इसमें भी उनके किरदार को बहुत सराहा गया।
आखिरी हिंदी फिल्म 2017 में रिलीज हुई मॉम थी। यह एक थ्रीलर फिल्म थी जिसमें अपने किरदार के लिए श्रीदेवी को तमाम बॉलीवुड पुरस्कार मिले जिसमें फिल्म फेयर और नेशनल अवार्ड भी शामिल है। यह उनकी आखिरी हिंदी फिल्म थी। अपने टाइम को एकदम मैनेज रखने वाली श्रीदेवी बहुत कम फिल्में कर रहीं थी और अपना ज्यादा से ज्यादा समय जाह्न्वी के स्टारडम को बनाने में लगा रही थीं। श्रीदेवी इस तरह से जाह्न्वी को तैयार कर रही थी मानो वह खुद का गोल्डन टाइम अपनी बेटी के करियर में भी देखना चाहती थीं।
श्रीदेवी का टाइम मैनेजमेंट कुछ ऐसा सटीक था कि जिस दौरान उनकी मृत्यु हुई वह कोई भी प्रोजेक्ट नहीं कर रही थीं। हालांकि दो फिल्में साइन की हुई थी जिसमें से एक करन जौहर के प्रोडक्शन की थी और दूसरी उनकी सुपरहिट तमिल फिल्म ‘देवरागम’ का सिक्वल श्री देवरागम थी। इनमें से पहले प्रोजेक्ट में श्रीदेवी की जगह माधुरी को ले लिया गया और दूसरी फिल्म को श्रीदेवी के बिना शुरू भी नहीं किया गया। हर तरह से प्रतिभा की धनी बॉलीवुड की मिस हवा-हवाई को ‘दि संडे पोस्ट’ टीम की ओर से श्रद्धांजलि।