भारत में जब मैच होते हैं तो भारतीय टीम बिना किसी झिझक के तीन स्पिनर्स के साथ मैदान में उतरती है। इसमें रवींद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन और अक्षर पटेल होते हैं। लेकिन इंग्लैंड के ‘द ओवल’ की पिच तेज गेंदबाजों के लिए बेहतर मानी जाती रही है। ऐसे में कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ के लिए तीनों में से एक को सेलेक्ट करना सिरदर्द से कम नहीं है
टेस्ट क्रिकेट का विश्व कप कहे जाने वाले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में अब ज्यादा दिन का समय नहीं बचा है। सात जून से ये मुकाबला भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला जाएगा। इस बीच अच्छी बात यह है कि बीसीसीआई की ओर से जो टीम चुनी गई थी, उसके लगभग सभी खिलाड़ी पूरी तरह से फिट हैं और डब्ल्यूटीसी फाइनल खेलने के लिए तैयार भी हैं। लेकिन अब सवाल यह खड़ा हो गया है कि फाइनल मुकाबले में टीम की प्लेइंग इलेवन कैसी होगी। टीम किस प्लेइंग इलेवन के साथ उतरेगी, यह सवाल न केवल कप्तान रोहित शर्मा बल्कि कोच राहुल द्रविड़ के लिए भी बड़ा है। टेस्ट की बात की जाए तो टीम इंडिया ने आईपीएल से ठीक पहले ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की सीरीज अपने घर पर खेली थी। जिस पर उसने कब्जा भी किया था। भारत में जब मैच होते हैं तो भारतीय टीम बिना किसी झिझक के तीन स्पिनर्स के साथ मैदान में उतरती है। इसमें रवींद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन और अक्षर पटेल होते हैं। इन तीनों को प्लेइंग इलेवन में रखने का मतलब यह होता है कि बेहतरीन गेंदबाजी के साथ- साथ लोअर ऑर्डर तक बल्लेबाजी भी मिल जाती है। लेकिन इंग्लैंड के ‘द ओवल’ की पिच तेज गेंदबाजों के लिए बेहतर मानी जा रही है। ऐसे में यह करीब-करीब पक्का है कि टीम इंडिया तीन स्पिनर्स के साथ तो मैदान में नहीं उतरेगी। कोशिश तो यही होगी कि एक स्पिनर को रखा जाए, लेकिन ज्यादा हुआ तो दो स्पिनर्स ही खेल सकते हैं। अब तीन में से बाहर कौन होगा। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सरजमीं पर तीनों ने न केवल गेंदबाजी से बल्कि बल्ले से भी कमाल की पारियां खेली थीं। ऐसे में कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ के लिए तीन में से 2 को सेलेक्ट करना आसान नहीं होगा। लेकिन अगर एक ही को मौका देने का आखिरी फैसला होता है तो इसमें रवींद्र जडेजा बाजी मार सकते हैं। माना जा रहा है कि आखिरी फैसला मैच के एक से दो दिन पहले ही पिच को देखकर लिया जाएगा।
डब्ल्यूटीसी फाइनल के लिए बल्लेबाज
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले मैच में जहां तक टीम इंडिया की बैटिंग की बात की जाए तो वह करीब-करीब तय नजर आ रही है। केएल राहुल पहले टीम में चुने गए थे, लेकिन वे चोटिल होकर बाहर हो गए हैं। इसके बाद बीसीसीआई ने एलान किया था कि उनकी जगह ईशान किशन को टीम में शामिल किया गया है। हालांकि इस बात की संभावना काफी कम है कि इशान किशन की जगह फाइनल की प्लेइंग इलेवन में बन पाए। ऐसे में सलामी जोड़ी तो पक्की नजर आ रही है। जिसमें कप्तान रोहित शर्मा के साथ शुभमन गिल पारी का आगाज करते हुए नजर आ सकते हैं। वहीं नंबर तीन पर चेतेश्वर पुजारा का आना पक्का है। वे इस वक्त इंग्लैंड में ही काउंटी क्रिकेट खेलकर अच्छा प्रदर्शन भी कर रहे हैं। वे अकेले ऐसे बल्लेबाज हैं, जो मौके का फायदा उठाकर पिछले करीब एक महीने से टेस्ट खेल रहे हैं। वहीं नंबर चार पर विराट कोहली की जगह पक्की है। नंबर पांच पर बल्लेबाजी के लिए एक बार फिर से अजिंक्य रहाणे की वापसी हो गई है, वे भी खेलते हुए दिखाई देंगे। विकेट कीपर के तौर पर वैसे तो केएस भरत का आना तय है, लेकिन हो सकता है कि टीम मैनेजमेंट ईशान किशन को डेब्यू का मौका दे। इसके बाद जो भी स्पिन ऑलराउंडर खेलेगा, उसकी बल्लेबाजी आ जाएगी। यही वह स्पॉट है, जहां रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ को ज्यादा माथापच्ची करनी होगी। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि टीम मैनेजमेंट आखिर में क्या फैसला करता है।
कौन किस पर भारी
ऐसा कम ही देखने को मिला है जब टीम इंडिया का ऑस्ट्रेलिया पर दबदबा देखने को मिला है, सिर्फ टीम इंडिया ही नहीं बल्कि किसी भी टीम का ऑस्ट्रेलिया पर दबदबा बेहद कम देखने को मिलता है। लेकिन पिछली बार जब चार मैचों की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में भारत ने 2-1 से सीरीज अपने नाम की थी। इस को लेकर उम्मीद की जा रही है कि भारत इस बार खिताबी मुकाबला जीत इतिहास रच सकता है। विश्लेषकों का मानना है कि इस बार टीम इंडिया के पास खिताब जीतने का ज्यादा अच्छा मौका होगा। क्योंकि उनकी टीम काफी मजबूत है, जो बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भी देखने को मिला था। जिस तरह से भारतीय खिलाड़ी खेल रहे हैं, ऑस्ट्रेलिया पर दबदबा बना सकते हैं। हालांकि ऑस्ट्रेलिया भी काफी अच्छी टीम है।
भारत-ऑस्ट्रेलिया का आमना-सामना
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अब तक 106 टेस्ट मैच खेले गए हैं। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया ने 44 और भारत ने 32 जीते हैं। 29 मुकाबले ड्रॉ रहे हैं। एक मैच टाई रहा है। भारत में खेले गए टेस्ट मैचों की बात करें तो दोनों टीमों के बीच यहां 54 मैच खेले जा चुके हैं। भारत ने 23 और ऑस्ट्रेलिया ने 14 जीते हैं। 16 मैच ड्रॉ रहे हैं और एक टाई हुआ है। टीम इंडिया : रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, केएस भरत (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल, शार्दुल ठाकुर, मो. शमी, मो. सिराज, उमेश यादव, जयदेव उनादकट, इशान किशन।
ऑस्ट्रेलिया टीम : पैट कमिंस (कप्तान), स्कॉट बोलैंड, एलेक्स कैरी (विकेटकीपर), कैमरून ग्रीन, मार्कस हैरिस, जोश हेजलवुड, ट्रेविस हेड, जोश इंग्लिस, उस्मान ख्वाजा, मार्नस लाबुशेन, नाथन लियोन, मिचेल मार्श, टॉड मर्फी, मैथ्यू रेनशॉ, स्टीव स्मिथ, मिचेल स्टार्क, डेविड वॉर्नर।
क्या है रेड कारपेट
कांस फिल्म फेस्टिवल की जितनी चर्चा अवार्ड को लेकर होती है उससे कहीं अधिक चर्चा इसके रेड कारपेट को लेकर भी होती है। यह रेड कारपेट दो किलोमीटर लंबा होता है। इस रेड कारपेट पर दुनिया भर के सेलिब्रिटी वॉक करते हैं। लेकिन वॉक करना भी इतना आसान नहीं है। इस रेड कारपेट के कुछ नियम भी हैं। जैसे इवेंट में कोई भी फीमेल सेलिब्रिटी बिना हिल्स के वॉक नहीं कर सकती है अगर कोई सेलिब्रिटी हिल्स नहीं पहनती है तो उसे इस सेरेमनी में नहीं घुसने दिया जाता है। वहीं पुरुषों को सही ढंग के जूते और ब्लैक कोर्ट, ब्लैक टाई के साथ ही सरेमनी में एंट्री दी जाती है। कोई भी सेलिब्रिटी रेड कारपेट पर बैग नहीं ले जा सकती है। यहां तक कि रेड कारपेट पर कोई सेल्फी भी नहीं खींच सकता है। केवल पैपराजी या मीडिया ही उनकी फोटो खींच सकता है।
फेस्टिवल में अवार्ड के रूप में क्या मिलता है
कांस फिल्म फेस्टिवल में दुनिया भर की फीचर फिल्म, डॉक्यूमेंट्री और शॉर्ट फिल्मों की स्क्रीनिंग की जाती है। बेस्ट फिल्म को सर्वोच्च पुरस्कार ‘पाल्मे डी’ अवार्ड से सम्मानित किया जाता है। यह अवार्ड अट्ठारह कैरेट गोल्ड और एमराल्ड कट डायमंड से तैयार होता है जिसकी कीमत सत्ताईश हजार डॉलर यानी बाईस लाख रुपए होती है।