यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया, जिन्हें ‘बियर बाइसेप्स’ के नाम से जाना जाता है, इन दिनों आपत्तिजनक टिप्पणियों के कारण विवादों में घिर गए हैं। इनकी अश्लील टिप्पणियों के कारण चर्चित टैलेंट शो ‘इंडियाज गॉट लाटेंट’ भी विवादों में आ गया है। शो में माता-पिता और सेक्स से सम्बंधित सवाल पर उनके खिलाफ मुम्बई और असम में एफआईआर दर्ज की गई है। नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन (एनएचआरसी) और सूचना प्रसारण मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद विवादित वीडियो को यूट्यूब से हटा दिया गया है और रणवीर ने अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगते हुए कहा है कि उनका उद्देश्य कॉमेडी करना नहीं था, और उनकी टिप्पणी अनुचित थी। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने भी सख्त रुख अपनाते हुए रणवीर की भाषा को ‘शर्मनाक’ और ‘गंदी मानसिकता’ का परिणाम बताया है। हालांकि कोर्ट ने उन्हें अंतरिम राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। रणवीर अल्लाहबादिया की विवादास्पद टिप्पणी के बाद अभिव्यक्ति की आजादी और नैतिकता को लेकर अब नई बहस छिड़ गई है
‘इडियाज गॉट लाटेंट’ एक लोकप्रिय रियलिटी शो है जो कि यूट्यूब पर स्ट्रीम होता है। इस शो को समय रैना होस्ट करते हैं। शो में विभिन्न तरह के टैलेंट्स देखने को मिलते हैं, जिनमें स्टैंड-अप कॉमेडी, डांस, म्यूजिक, मैजिक और कई अन्य परफॉरमेंस शामिल हैं। इस शो में प्रतियोगी को 90 सेकंड्स में अपनी प्रतिभा को दिखाना होता है। हर प्रतियोगी अपनी परफॉरमेंस के बाद खुद को स्कोर करता है अगर ये स्कोर जूरी के स्कोर से मैच कर गया तो वो ये शो जीत जाता है। अब तक इस शो के दुनियाभर में 73 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं और हर एपिसोड को यूट्यूब पर औसतन 20 मिलियन से ज्यादा व्यूज मिलते हैं। इन दिनों यह शो विवादों में घिर गया है। दरअसल इस शो का एक एपिसोड 8 फरवरी को यूट्यूब पर रिलीज किया गया था। इस एपिसोड में रणवीर अलहाबादिया, अपूर्वा मुखर्जी, आशीष चंचलानी पहुंचे थे। रणवीर अल्लहाबादिया एक प्रतियोगी से परेंट्स इंटिमेंट्स को लेकर एक आपत्तिजनक सवाल पूछ लेते हैं। रणवीर सवाल पर ही नहीं रूकते हैं वह फीमेल प्रतियोगी को अश्लील काम के लिए 2 करोड़ का ऑफर भी देते हैं। रणवीर की इन आपत्तिजनक सवालों और की गई टिप्पणियों बाद सोशल मीडिया में खासा बवाल मच गया और मामला पुलिस शिकायत से होता हुआ सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है। इस एपिसोड में मौजूद अपूर्वा मुखर्जी भी अश्लील कमेंट्स करती है जिसकी भी लोग सोशल मीडिया पर आलोचना कर रहे हैं। रणवीर अलाहबादिया, समय रैना, अपूर्वा मुखर्जी सहित पांच लोगों के खिलाफ मुम्बई और असम में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। महाराष्ट्र पुलिस ने रणवीर और समय के अलावा इस शो के उन 30 गेस्ट के खिलाफ भी केस दर्ज किया है, जिन्होंने पहले एपिसोड से अब तक के शो में हिस्सा लिया था।
एनएचआरसी और सूचना प्रसारण मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद विवादित वीडियो को यूट्यूब से हटा दिया गया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस मामले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने ही मुम्बई पुलिस कमिश्नर और महाराष्ट्र महिला आयोग को इस मामले में शिकायत दर्ज करने का आदेश दिया था। असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा ने भी इस मामले को लेकर राज्य में पुलिस शिकायत दर्ज किए जाने की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि ‘पुलिस ने कुछ यूट्यूब् और सोशल इन्फ्लुएंसर-आशीष चंचलानी, जसप्रीत सिंह, अपूर्वा मुखर्जी, रणवीर अलाहबादिया, समय रैना और अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है। विवाद बढ़ता देख ऑल इंडियन सिने वर्कर्स एसोसिएशन ने न केवल रणवीर अलहाबादिया की टिप्पणी की निंदा की बल्कि गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ शो पर बैन की मांग की गई है।
भाजपा सांसद संबित पात्रा ने इस मामले को संसद में उठाया है। उन्होंने संचार और आईटी संसदीय स्थायी समिति के सदस्य के तौर पर इस मामले को समिति के सामने उठाने की बात कही है। वहीं शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने संसद की आईटी समिति से शिकायत करके एक्शन लेने और गाइडलाइन जारी करने की मांग की हैं। प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि कॉमेडी के नाम पर अपशब्दों का इस्तेमाल बदार्श्त नहीं किया जा सकता। अलाहबादिया के प्लेटफॉर्म पर बड़े राजनेता तक आए हैं, पीएम ने उन्हें अवॉर्ड दिया है। एक जिम्मेदार व्यक्ति से यह उम्मीद नहीं की जा सकती।
जांच पूरी होने तक शो से जुड़ा अकाउंट डिएक्टिवेट रखने का आदेश ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ शो में विवादित टिप्पणी के बाद महाराष्ट्र साइबर सेल ने होस्ट समय रैना को बयान दर्ज करने के लिए समन जारी किया था। 12 फरवरी को समय के वकील ने साइबर सेल को बताया कि वो इस समय अमेरिका में हैं और 17 मार्च को भारत लौटेंगे। वकील ने अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बयान दर्ज करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन साइबर सेल ने इस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। उन्हें 18 फरवरी 2025 को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए कहा गया था। साथ ही शो से जुड़े अकाउंट को जांच पूरी तक डिएक्टिवेट रखने को कहा गया था जिसके बाद समय रैना ने अपने यूट्यूब चैनल से ‘इंडियाज गॉट लैटेंट; के सभी एपिसोड हटा दिए थे लेकिन भारत में न होने की वजह से वो अभी तक अपने बयान दर्ज नहीं कराए हैं।
रणवीर ने मांगी माफी

रणवीर ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड कर माफी मांगी है। उन्होंने कहा ‘मेरा कमेंट अनुचित था। फनी भी नहीं था। कॉमेडी मेरा जॉनर नहीं है। मैं बस सॉरी कहना चाहता हूं। कई ने पूछा क्या इस तरह से मैं अपने प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करूंगा, जवाब में कहूंगा कि अपने प्लेटफॉर्म का ऐसा यूज बिल्कुल भी नहीं करना चाहता। जो भी हुआ उसके लिए मैं कोई जस्टिफिकेशन नहीं देना चाहूंगा। मैं बस माफी मांगना चाहता हूं। जजमेंट में मुझसे गलती हुई। जो मैंने बोला वो कूल नहीं था। मैंने मेकर्स से कहा है कि वीडियो का असंवेदनशील हिस्सा हटा दिए जाए। इंसानियत के नाते शायद आप मुझे माफ करें।’
रणवीर अल्लाहबादिया पर शो के दौरान माता-पिता और सेक्स से सम्बंधित आपत्तिजनक टिप्पणियों के कारण गुवाहाटी, मुम्बई, असम और जयपुर में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इन कानूनी कार्रवाइयों से बचने और सभी मामलों को एक साथ जोड़ने के लिए, इलाहबादिया ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अल्लाहबादिया के वकील, डॉ. अभिनव चंद्रचूड़ ने कोर्ट में दलील दी कि उनके मुवक्किल को जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं, जिसमें उनकी जीभ काटने पर इनाम की घोषणाएं शामिल हैं। इस पर कोर्ट ने टिप्पणी की कि धमकियां देने वालों को भी चर्चा में आने का शौक हो सकता है। यदि अल्लाहबादिया को अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता है तो उन्हें महाराष्ट्र या असम पुलिस से सुरक्षा के लिए सम्पर्क करने की अनुमति है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बावजूद सार्वजनिक मंचों पर मर्यादा और सामाजिक मूल्यों का पालन आवश्यक है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम राहत प्रदान करते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी और निर्देश दिया कि इस मामले से सम्बंधित कोई नई एफआईआर दर्ज नहीं की जाएगी। हालांकि कोर्ट ने उनकी भाषा और व्यवहार की कड़ी आलोचना करते हुए इसे ‘शर्मनाक’ और ‘गंदी मानसिकता’ का परिणाम बताया। अदालत ने यह भी आदेश दिया कि अल्लाहबादिया अपना पासपोर्ट जमा करें और बिना अनुमति देश छोड़कर न जाएं। अगली सुनवाई तक अल्लाहबादिया और उनके सहयोगियों को कोई नया शो प्रसारित करने से रोक दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने ‘केंद्र सरकार को लगाई फटकार’
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केद्र से भी पूछा है कि क्या वह यूट्यूब पर अश्लील कंटेंट के बारे में कुछ करना चाहता है? कोर्ट ने कहा ‘हम चाहते हैं कि आप कुछ करें, जस्टिस सूर्यकांत ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा सरकार कुछ करने को तैयार है तो हमें खुशी होगी। अन्यथा, हम इस खालीपन और बंजर क्षेत्र को उस तरह नहीं छोड़ेंगे जिस तरह से तथाकथित यूट्यूब चैनल और यूट्यूबर्स इसका दुरुपयोग कर रहे हैं। हमें इस मुद्दे के महत्व और संवेदनशीलता को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।’
इस प्रकरण के बाद सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की आजादी और नैतिकता के मानकों पर बहस छिड़ गई है। सोशल मीडिया पर कई लोग यह तर्क दे रहे हैं कि यदि कोई टिप्पणी आपत्तिजनक लगती है तो दर्शकों को इसे अनदेखा करने या आलोचना करने का हक है, लेकिन इसे कानूनी कार्रवाई का विषय नहीं बनाना चाहिए। वहीं दूसरी ओर बड़ी संख्या में लोग यह मानते हैं कि सार्वजनिक मंच पर किसी भी व्यक्ति को अभद्र या असभ्य भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। उनके अनुसार अगर किसी की अभिव्यक्ति से समाज में नकारात्मक प्रभाव पड़ता है या इससे किसी विशेष समूह का अपमान होता है तो इसे सही नहीं ठहराया जा सकता। इस तर्क का समर्थन करने वाले कहते हैं कि सार्वजनिक हस्तियों और प्रभावशाली लोगों की जिम्मेदारी होती है कि वे अपनी भाषा और विचारों को संयमित रखें, क्योंकि उनका प्रभाव बड़े पैमाने पर समाज पर पड़ता है। फिलहाल रणवीर अल्लाहबादिया का मामला एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन गया है जो दिखाता है कि सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफार्म पर भाषण की स्वतंत्रता की सीमाओं को लेकर समाज कितना संवेदनशील हो गया है। यह बहस आगे भी जारी रहेगी, लेकिन एक संतुलन कायम करना जरूरी है ताकि न तो अभिव्यक्ति की आजादी खतरे में पड़े और न ही समाज की नैतिकता पर नकारात्मक प्रभाव पड़े।