‘ह्यूमन’ एक ऐसी वेब सीरीज है जिसमें मेडिकल की दुनिया का काला सच दिखाने की पूरी कोशिश की गई है। वेब सीरीज की कहानी फार्मा कंपनियों के ड्रग ट्रायल पर आधारित है। इस वेब सीरीज में दिखाया गया है कि कैसे फार्मा कंपनियां अपनी दवाइयों की रिसर्च के लिए आम आदमी का इस्तेमाल करते हैं जिससे कई गरीब लोगों की जान चली जाती है। इस वेब सीरीज में जिस डाॅक्टर को लोग अपना भगवान मानते हैं असल में वो पैसे के लिए आपका इस्तेमाल करते हैं।
काफी दिनों बाद ओटीटी प्लेटफार्म पर थोड़ा हटकर वेब सीरीज रिलीज हुई है ‘ह्यूमन’। ‘डिजनी हाॅट स्टार’ पर रिलीज हुई यह मेडिकल ड्रामा वेब सीरीज है जो आपको शुरू से ही अपने अगले एपिसोड तक बांधे रखती है। इस वेब सीरीज के टोटल 10 एपिसोड हैं।
‘ह्यूमन’ की पूरी कहानी डाॅ गोरीनाथ के चारों तरफ ही घूमती है। डाॅ गोरीनाथ का रोल शेफाली शाह ने निभाया है। डाॅ गोरीनाथ लोगों की जान बचाने के लिए भोपाल में सबसे बड़े हास्पिटल ‘मंथन’ की नींव रखती है। वह अपने कॅरियर को लेकर बहुत सक्रिय रहती है। बहुत सारे सफल आॅपरेशन कर चुकी है। लेकिन जब दर्शकों को डाॅ नाथ का दूसरा रूप देखने को मिलता है तो वह स्तब्ध रह जाते हैं। डाॅ गौरीनाथ पैसा कमाने की हवस चलते इंसान को इंसान न समझते हुए केवल धन कमाने का जरिया समझ उन पर घातक मेडिकल ट्रायल कराती है। इस वेब सीरीज के महत्वपूर्ण किरदार है डाॅ सायरा सभरवाल (कीर्ति कुल्हारी)। डाॅ सायरा को डाॅ नाथ ‘मंथन’ में ज्वाइन कराती हैं। डाॅ सायरा आम आदमी की परेशानी, उनकी मदद के लिए काम करती है। उसको यह पता नहीं होता है कि जिस हाॅस्पिटल को ज्वाइन कर रही है। इसमें कोई अन्य दवा का ट्रायल चल रहा है। कहानी तब उलझती है जब ट्रायल कैंप से बाहर एक गरीब युवक मंगु (विशाल जेठवा) की मां पर एक इंजेक्शन का रिएक्शन होता है। विशाल ने मंगु नाम के लड़के का रोल निभाया है। जो स्लम एरिया में रहता है। गरीबी से परेशान मंगु पैसे के लिए अपने मां-बाप पर दवा का ट्रायल करा लेता है। मां की बिगड़ती तबीयत उसको अंदर से झकझोर कर रख देती है। इंजेक्शन खुद मंगु अपने माता-पिता को लगवाता है। उसे यह नहीं पता था कि दवा का ट्रायल चल रहा है। इस इंजेक्शन से उसकी मां तड़प-तड़प कर मर जाती है। मंगु जैसे कई लोग इस खराब दवा के ट्रायल के नतीजे भुगते हैं। क्या अब पीड़ितों को न्याय मिलेगा? गैर कानूनी ढंग से ट्रायल कर रही दवा कंपनियां और वह डाॅक्टर पकड़े जाएंगे? उन्हें सजा कैसे मिलेगी? डाॅ नाथ की देखरेख में 10 युवा-युवतियों पर एक दवा का अलग से ट्रायल चल रहा है। इन युवा-युवतियों को अलग से बंधक बनाकर रखा गया है। इस दवा के क्या नतीजे आएंगे? यह भी कहानी का पार्ट है। इस वेब सीरीज में डाॅ नाथ, डाॅ सायरा और मंगु की निजी जिंदगी के भी ट्रैक समानांतर चल रहे हैं। डाॅ सायरा कॅरियर वाइज सक्सेसफुल है। लेकिन अपने सेक्सुअल लाइफ को प्रफेक्ट नहीं कर पा रही है।
इस वेब सीरीज को देखकर आपको लगेगा कि पूरा मेडिकल सिस्टम मानव सेना की आड़ में पैसे, भ्रष्टाचार और गंदी राजनीति के हाथों में खेलता है। कैसे गरीब लोग इस सिस्टम के जाल में फंसते हैं। ऐसे कई सारे उदाहरण है। जिनके चलते इंकार भी नहीं किया जा सकता कि दुनिया भर के ह्यूमन के बाजार में भारत सबसे सस्ती दवा प्रयोगशालाओं में एक है। चीन के बाद सर्वाधिक दवा ट्रायल भारत में होते हैं जो कि बहुत संवेदनहीन है। एक हद के बाद क्रूर भी है। जो कई बार प्रयोग में शामिल इंसानों को इंसान नहीं समझा जाता है। कुल मिलाकर यह वेब सीरीज मेडिकल जैसे व्यवस्था का काला सच सामने लाती है।