वर्ष 2024 में रेचल गुप्ता ने मिस ग्रैंड इंटरनेशनल का खिताब जीतकर भारत के लिए प्रतिष्ठित ताज हासिल किया था। गत् पखवाड़े इस ताज को वापस करने का निर्णय लेते हुए उन्होंने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट लिखी, जिसमें सौंदर्य’ प्रतियोगिताओं की चमक-दमक के पीछे छुपे ‘काले सच’ को उजागर किया। रेचल गुप्ता कह रही हैं कि उन्हें ‘मानसिक प्रताड़ना’, ‘शारीरिक अपमान’ और ‘अनुचित मांगों’ का सामना करना पड़ा। उनकी पोस्ट से देश-विदेश में इस प्रतियोगिता को लेकर बहस छिड़ गई है
भारत की पहली मिस ग्रैंड इंटरनेशनल बनीं जालंधर की रेचल गुप्ता बीते सप्ताह तब सुर्ख़ियों में आ गईं जब उन्होंने अचानक सोशल मीडिया पर यह ऐलान किया कि वह अपना ताज लौटा रही हैं। रेचल गुप्ता ने 2024 में मिस ग्रैंड इंटरनेशनल का खिताब जीतकर भारत के लिए यह प्रतिष्ठित ताज हासिल किया था। इस ताज को वापस करने का निर्णय लेते हुए रेचल ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट लिखी, जिसमें उन्होंने सौंदयज़् प्रतियोगिताओं की चमक-दमक के पीछे छुपे ‘काले सच’ को उजागर किया। रेचल गुप्ता कह रही हैं कि उन्हें ‘मानसिक प्रताड़ना’, ‘शारीरिक अपमान’ और ‘अनुचित मांगों’ का सामना करना पड़ा। उनकी पोस्ट से देश-विदेश में इस प्रतियोगिता को लेकर बहस छिड़ गई है। वहीं मिस ग्रैंड इंटरनेशनल संगठन का कहना है कि रेचल को उनके अनुबंध उल्लंघन के चलते बखाज़्स्त किया गया है, उनके आरोप निराधार हैं। रेचल गुप्ता ऐसी पहली मिस विजेता नहीं हैं जिसने ऐसे आरोप लगाए हैं। इससे पहले कई अंतरराष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता विजेताओं ने भी अपने खिताब या मंच से दूरी बनाकर ग्लैमर की दुनिया के परदे के पीछे छुपे अंधेरे को उजागर किया है।
‘मेरे साथ जानवरों जैसा व्यवहार हुआ’
21 वर्षीय रेचल गुप्ता ने एक लम्बा वीडियो जारी कर अपने अनुभव साझा किए। वीडियो में वे बेहद भावुक नजर आईं और कहा, ‘मैं अब और चुप नहीं रह सकती। पिछले सात महीने मेरी जिंदगी के सबसे कठिन रहे।’
रेचल के अनुसार उन्हें बैंकॉक में एक तंग होटल रूम में रखा गया जहां बुनियादी सुविधाएं तक नहीं थीं। भोजन की कमी भावनात्मक दबाव और प्रतियोगिता आयोजकों द्वारा ‘वजन कम करने की धमकी’, ‘शरीर की आलोचना’ और यहां तक कि ‘शोषण की कोशिश’ किए जाने की बात उन्होंने अपने वीडियो में कही। उन्होंने यह भी बताया कि उनसे महंगे ब्यूटी प्रोडक्ट्स की बिक्री करने को कहा गया और उन पर वोट्स खरीदने के लिए पैसे खर्च करने का दबाव भी डाला गया।
आयोजकों का पलटवार
मिस ग्रैंड इंटरनेशनल की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि रेचल गुप्ता को 24 मई को पद से हटाया गया था क्योंकि उन्होंने अनुबंध की शर्तों का पालन नहीं किया। संगठन के अनुसार रेचल ने कई महत्वपूर्ण आधिकारिक यात्राओं में भाग नहीं लिया, एक दक्षिण कोरियाई प्लास्टिक सर्जरी क्लिनिक के साथ अनुचित रूप से सम्पर्क किया और बिना अनुमति के व्यक्तिगत प्रोजेक्ट्स में जुड़ गईं। आयोजकों के अनुसार, ताज की ‘वापसी’ नहीं हुई, बल्कि उन्हें औपचारिक रूप से ‘डिसक्वालीफाई’ किया गया है।
सोशल मीडिया पर उठा सवालों का तूफान
रेचल के वीडियो के बाद सोशल मीडिया पर समर्थन और आलोचना का सिलसिला शुरू हो गया। कई उपयोगकर्ताओं ने सौंदर्य प्रतियोगिता की आंतरिक कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए। जहां कई लोगों ने रेचल को साहसी बताया, वहीं कुछ ने उनके आरोपों को ‘नाटकीय’ और ‘एकतरफा’ बताया। हालांकि अभी तक बॉलीवुड या फैशन जगत की किसी बड़ी हस्ती ने इस विवाद पर खुलकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन सोशल मीडिया पर आम जनता का रुख रेचल के पक्ष में दिखाई दे रहा है।
पहले भी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में विजेताओं द्वारा मानसिक उत्पीड़न के लगाए गए हैं आरोप
रेचल गुप्ता प्रकरण कोई पहला मामला नहीं है जब किसी ब्यूटी क्वीन ने मंच के पीछे की हकीकत बताई हो। इससे पहले भी कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर विजेताओं द्वारा दुर्व्यवहार, अव्यवस्था और मानसिक उत्पीड़न के आरोप लगते रहे हैं।
मिस ग्रैंड इंटरनेशनल संगठन के अध्यक्ष नवात इटाराग्रिसिल संग रेचल गुप्ता मौड गोर्मन (मिस प्ले माउथ कंट्री 2018) : अमेरिकी राज्य मैसाचुसेट्स की मौड गोर्मन ने उस समय खिताब छोड़ दिया जब प्रतियोगिता मंच पर #MeToo आंदोलन पर एक ‘व्यंग्य स्किट’ प्रस्तुत की गई। गोर्मन ने कहा, ‘मैं ऐसी संस्था का हिस्सा नहीं बन सकती जो यौन उत्पीड़न को हल्के में ले।’
मई म्यात नो (मिस एशिया पेसिफिक वर्ल्ड 2014) : बर्मा की मई म्यात नो ने आयोजकों पर अनुचित यौन व्यवहार का आरोप लगाया। उन्होंने खिताब लौटाने से इनकार करते हुए आयोजकों से माफी की मांग की।
अनास्तासिया लिन (मिस वर्ल्ड कनाडा 2015) : चीन में मानवाधिकारों पर बोलने के कारण कनाडा की अनास्तासिया लिन को मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में भाग लेने से रोका गया। उन्होंने आयोजन पर चीन सरकार के दबाव में काम करने का आरोप लगाया।
नोएलिया वॉयग्ट (मिस यूएसए 2023) : अमेरिका की नोएलिया वॉयग्ट ने मानसिक स्वास्थ्य कारणों से मिस यूएसए का ताज त्याग दिया। उन्होंने कहा कि संगठन ने उनके मानसिक स्वास्थ्य को लेकर कोई संवेदनशीलता नहीं दिखाई। उनकी मां ने खुलासा किया कि आठ महीनों तक नोएलिया अवसाद, नींद की कमी और कार्यदबाव से जूझती रहीं, लेकिन कोई मदद नहीं मिली।
उमा सोफिया श्रीवास्तव (मिस टीन यूएसए 2023) : मूल रूप से भारतीय मूल की उमा सोफिया ने व्यक्तिगत नैतिक मूल्यों का हवाला देते हुए खिताब लौटाया। उन्होंने प्रतियोगिता के कार्यप्रणाली और ‘किसी खास एजेंडे’ के दबाव को नकारा। उनकी मां के अनुसार, ‘उनकी बेटी को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।’
मिला मैगी (मिस इंग्लैंड 2025) : मिस इंग्लैंड 2025 की प्रतियोगी बन रहीं मिला मैगी ने प्रतियोगिता से यह कहते हुए नाम वापस ले लिया कि आयोजकों ने उन्हें ‘वेश्या जैसा महसूस कराया।’ उनका दावा था कि उन्हें पुरुष प्रायोजकों के सामने सजाकर पेश किया गया और बार-बार बाहरी लुक को लेकर दबाव डाला गया।
इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि सौंदर्य प्रतियोगिताएं अब केवल सुंदरता या प्रतिभा की कसौटी नहीं रह गईं हैं। कई बार ये मंच ऐसे दबावों और नीतिगत अपारदर्शिता का हिस्सा बन जाते हैं जहां प्रतिभागियों को अपने आत्मसम्मान और नैतिक मूल्यों के लिए लड़ना पड़ता है। रेचल गुप्ता इस कड़ी की ताजा उदाहरण हैं लेकिन शायद आखिरी नहीं।