नैनीताल हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव पर सरकार की ओर से दी गई जानकारी के बाद चुनाव आयोग की याचिका निस्तारित कर दी है। जिससे प्रदेश में निकाय चुनाव की सारी बाधाएं दूर हो गई हैं। राज्य में अब शीद्घ्र ही आचार संहिता लागू की जा सकती है। हाईकोर्ट ने आगामी चुनाव के लिए रुड़की के सीमा विस्तार एवं आरक्षण संबंधी कार्यवाही को अन्य नगर निगमों के साथ ही कराने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने नगर निगम में शामिल रामपुर और पाडली गुर्जर को बाहर करने के सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है। अब दोनों गांव नगर निगम में बने रहेंगे। साथ ही याचिका को निस्तारित कर दिया गया है। गौरतलब है कि रुड़की निवासी संजय पाल ने इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि प्रदेश सरकार ने ११ मई २०१८ को नगर निकायों के आरक्षण की प्राथमिक अधिसूचना जारी की थी। लेकिन इसमें रुड़की नगर निगम को शामिल नहीं किया गया। याचिकाकर्ता के अनुसार प्रदेश में यूपी नगर निगम अधिनियम लागू है। इसकी धारा ७(५) के प्रावधान के अनुसार प्रदेश में नगर निगमों का आरक्षण एक साथ तय होगा। सरकार ने रुड़की को छोड़कर इस प्रावधान का उल्लंद्घन किया है। सरकार यहां चुनाव स्थगित रखने के लिए इस प्रकार के कदम उठा रही है। सरकार इस मामले में रुड़की की जनता से भेदभाव कर रही है। इस मामले को लेकर सरकार की ओर से कहा गया कि नगर निगम में दो गांव को हटाए जाने का मामला कोर्ट में चल रहा था। मोहम्मद फुरकान ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि सरकार ने रुड़की पालिका को २०१५ में नगर निगम का दर्जा दिया था। इसमें शेरपुर, माजरा, पांडली गुर्जर, खंजरपुर, मतलबपुर एवं रामपुर शामिल थे। वर्तमान सरकार ने २०१७ में नगर निगम से पांडली गुर्जर एवं रामपुर को नगर निगम क्षेत्र से बाहर कर दिया जबकि ग्रामीण नगर निगम में बने रहना चाहते हैं। सरकार के इस आदेश पर कोर्ट ने स्टे कर रखा है। अदालत में दोनों पक्षों को सुनने के बाद दोनों ग्रामों पांडली गुर्जर एवं रामपुर को नगर निगम रुड़की में शामिल करने के आदेश दिए। हाईकोर्ट के फैसले के बाद नगर निगम के अधिकारी भी सक्रिय हो गए। हालांकि अभी निगम के पास कोर्ट के आदेश की कॉपी नहीं पहुंची है। लेकिन फैसले की जानकारी मिलते ही निगम में हलचल तेज हो गई है। नगर अधिकारी वार्ड परिसीमन की फाइलों को खंगालने लगे हैं। नगर निगम की ओर से वार्ड परिसीमन की दो फाइलें तैयार की गई हैं। एक फाइल दोनों क्षेत्रों को शामिल करते हुए और दूसरी फाइल दोनों क्षेत्रों को बाहर रखकर बनाई गई थी। अब रामपुर और पांडली गुर्जर को मिलाकर किए गए परिसीमन की फाइल को सार्वजनिक करने की तैयारी की जा रही है। पांडली गुर्जर और रामपुर को नगर निगम में शामिल करने के बाद बनी सियासी स्थितियों को लेकर कांग्रेसियों ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है, जबकि भाजपा निगम में शामिल किए गए ग्रामों को अपने लिए खतरा मान रही है।
निकाय चुनाव का रास्ता साफ
