इंटरनेट और सोशल मीडिया के इस दौर में पूरी दुनिया सिमट सी गयी है। वर्तमान में इसे एक क्रांति या वरदान के रूप में देखा जा सकता है क्योंकि इसने पूरी दुनिया को समेट दिया है। आज आप दुनिया के किसी भी कोने में सोशल मिडिया और इंटरनेट के जरिये हर प्रकार की जानकारी और अपने विचार आदि पूरी दुनिया के लोगों तक पहुंचा सकते हैं। लेकिन कई बार यही वरदान , अभिशाप का रूप ले लेता है , जो समाज और सरकार के लिए हानिकारक सिद्ध होता है।
ऐसी ही घटनाओं को देखते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने करीब 10 यूट्यूब चैनलों पर बैन लगा दिया है। साथ ही मंत्रालय ने यूट्यूब के इन 10 चैनलों के 45 वीडियो को ब्लॉक करने का आदेश जारी किया है। चैनलों पर प्रतिबंध लगाते हुए सरकार ने कहा कि ये चैनल अपने प्लेटफॉर्म से गलत सूचनाएं फैला रहे थे जिसके कारण इन्हे बैन करने का फैसला लिया गया है। इन चैनलों में ऐसी सामग्री थी, जो समुदायों के बीच भय और भ्रम फैलाती है और इन्हे देखा भी जा रहा था। जो समाज के लिए घातक है।
केंद्रीय मंत्रालय द्वारा बताया गया कि, ‘मंत्रालय की ओर से प्रतिबंधित किये गए कुछ वीडियो का इस्तेमाल अग्निपथ योजना, भारतीय सशस्त्र बलों, भारत का राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र, कश्मीर से जुड़े मुद्दों पर गलत सूचनाएं प्रसारित करने के लिए किया जा रहा था।’ एक अधिकारी ने इस बात की जानकारी भी दी कि जिन वीडियो को प्रतिबंधित किया गया है, उन्हें कुल मिलाकर करीब 1.30 करोड़ बार देखा जा चुका है और उनमें दावा किया गया है कि सरकार ने कुछ समुदायों के धार्मिक अधिकार छीन लिए हैं।
यह पहली बार नहीं है कि यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगाया गया हो इससे पहले भी जुलाई के महीने में सरकार ने देश में पिछले कुछ वर्षों से फेक न्यूज़ के बढ़ते सिलसिला को देखते हुए सरकार ने फेक न्यूज़ फ़ैलाने वाले 94 यूट्यूब चैनल ,19 सोशल मीडिया अकाउंट और 747 वेबसाइटों पर ‘सूचना तकनीक एक्ट 2000 की धारा 69ए’ के तहत बैन लगा दिया था। जो केंद्र सरकार को ये अधिकार देता है कि वह किसी भी साइबर अपराधी को गिरफ्तार कर सकती है और अगर कोई व्यक्ति सोशल मीडिया या किसी अन्य तकनीकी माध्यम का प्रयोग किसी गलत उद्देश्य से कर रहा है तो सरकार उनके अकाउंट को बैन कर सकती है।
क्या कहती है ऑक्सफैम रिपोर्ट
हाल ही में आई सोशल मीडिया पर करने वाले लोगों की ब्रिटेन द्वारा जारी की गई Ofcom की रिपोर्ट के अनुसार आज का सबसे बड़ा युवा वर्ग इंस्टाग्राम, फेसबुक , टिकटॉक आदि के न्यूज़ देखना पसंद करते हैं और उसपर ही भरोसा करते हैं। लेकिन इन प्लेटफॉर्मों पर दी जाने वाली कई जानकारियां गलत होती हैं जो समाज के सामने एक बड़ी चुनौती है।