कोरोनाकाल के बाद सिनेमा घरों और चैनल्स के बंद होने के बाद यूट्यूब एक ऐसा साधन बना जिसके द्वारा व्यक्ति समाज में हो रही गतिविधियों से परिचित रहा। यूट्यूब पर बहुत से लोगों ने अपने चेंनल बना कर उसमे कंटेंट डालने शुरू कर दिए, लेकिन तेजी से बढे इन चेन्नलों के कारण अजीबों-गरीब कंटेंट भी पेश किये जाने लगे जिससे आम जनता पर इसका काफी प्रभाव भी पड़ने लगा जिसके चलते सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 150 से ज्यादा वेबसाइट और यूट्यूब आधारित न्यूज चैनल पर प्रतिबंध लगा दीया है। यह कार्रवाई 2021 में बनाई गई वेबसाइट और चैनल पर की गई है। इसको लेकर मंत्रालय का कहना है कि इन वेबसाइट और चैनल पर देश विरोधी कंटेट प्रसारित किये जा रहे थे।
सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 69 ए के उल्लंघन के चलते इन वेबसाइट्स और चैनल्स को बैन किया गया है। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 का सेक्शन 69 A के अनुसार ‘किसी भी कंप्यूटर संसाधनों के माध्यम से सार्वजनिक पहुंच द्वारा सूचना को अवरुद्ध करने के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करने की शक्तियों का इस्तेमाल करके उसे रोका जा सकता है। यह कानून केंद्र सरकार को ऑनलाइन सामग्री को ब्लॉक करने और साइबर अपराधी को गिरफ्तार करने का अधिकार भी देता है। यह प्राथमिक कानून है जो भारत में साइबर अपराध और इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स के मामलों से निपटता है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा
सूचना और प्रसारण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले 2 सालों में 150 से अधिक वेबसाइट्स और यू-ट्यूब आधारित न्यूज चैनल्स को ‘भारत विरोधी’ सामग्री बनाने के कारण हटाया गया है। जिन यू-ट्यूब चैनलों के करीब 12.1 मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर्स थे और कुल मिलाकर 1324.26 मिलियन से ज्यादा व्यूज थे, और इनमे खबर विद फैक्ट्स, खबर तैज, इंफॉर्मेशन हब, फ्लैश नाउ, मेरा पाकिस्तान, हकीकत की दुनिया और अपनी दुनिया के नाम शामिल हैं।