मेकअप कई महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ाता है इसलिए जब वह घर से बाहर निकलती हैं तो बिना मेकअप के निकलने की तो सोच ही नहीं सकती। कई सोशल स्टार्स भी मेकअप करते हैं ताकि मेकअप करने से उनके अंदर आत्मविश्वास भर जाये। आजतक मेकअप पर बहस और विवाद होते आये हैं। लेकिन मेकअप लोगों की पसंद है और इसके लिए लोग लाखों खर्च करने को भी तैयार रहते हैं।
लोगों का मानना है कि मेकअप का इस्तेमाल करने से चेहरा खिल उठता है और हमारे चेहरे पर एक अलग नूर दिखने को मिलता है। यही नूर हर महिला/ सोशल स्टार की चाहत होती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि आपका ये बाहरी नूर आपको अंदर से रोज धीरे धीरे नुकसान पंहुचा रहा है। नहीं सोचा तो इस खबर को पढ़ने के बाद आप भी इस पर जरूर ध्यान देंगे।
कॉस्मेटिक्स ब्रांड्स पर सामने आई स्टडी
क्या है केमिकल फ्लोरीन ?

231 चीजों के नमूनों की जांच
अमेरिका के एनवायरमेंटल साइंस एंड टेक्नोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि मेकअप से जुड़ी 231 चीजों के सैंपल की जांच की गई, जिसमें 52 फीसदी उत्पादों में मिलावट पाई गई। फ्लोरीन 82% वाटरप्रूफ मस्कारा ब्रांडों, 63% फाउंडेशन और 62% लिपस्टिक ब्रांडों में पाया गया है।
जहर से कम नहीं है आपकी लिपस्टिक
मेकअप प्रोडक्ट्स को लगाकर बेशक आप खुद को अच्छा और ख़ूबसूरत फील करती हो। लेकिन फ्लोरीन एक ऐसा जहरीला रसायन है जिसका असर आपको बाहरी तौर पर नहीं दिखाई देगा बल्कि ये आपको अंदर से नुकसान पंहुचा रहा है। इससे कैंसर, थायरॉयड और लीवर की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

सबसे आश्चर्य जनक बात तो यह है कि किसी भी मेकअप प्रोडक्ट पर आपको फ्लोरीन केमिकल की जानकारी नहीं दी जाती है। लेबल पर इसके विषय में कुछ भी नहीं लिखा जाता है। शोध में ये भी पाया गया है कि 88 प्रतिशत प्रोडक्ट्स में सही जानकारी मुहैया नहीं कराई जाती है। इसलिए जरूरत है कि आप ही सतर्क हो जाएं। कहीं ऐसा न हो कि सुन्दर दिखने की आपकी ये चाह बाहरी तौर पर तो रहे लेकिन अंदर से आपको खोखला कर दे।